Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Lok Sabha Election: अगर कांग्रेस ने रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा को बनाया उम्मीदवार तो BJP को होगा फायदा, जानिए सियासी समीकरण

    Updated: Mon, 01 Apr 2024 05:23 PM (IST)

    लोकसभा चुनाव 2024 के लिए रोहतक सीट से दीपेंद्र हुड्डा (Deependra Hooda) को उम्मीदवार बनाना कांग्रेस के लिए दिक्कतें बढ़ा सकती है। क्योकि अगर कांग्रेस दीपेंद्र हुड्डा को रोहतक लोकसभा सीट (Rohtak Lok Sabha Seat) से उम्मीदवार बनाती है और वो लोकसभा का चुनाव जीत जाते हैं तो राज्यसभा की सीट बीजेपी के खाते में चली जाएगी। इसको लेकर बीजेपी दोनों तरफ से फायदे में नजर आ रही है।

    Hero Image
    अगर कांग्रेस ने रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा को बनाया उम्मीदवार तो BJP को होगा फायदा (फाइल फोटो)।

    अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा की सबसे हॉट लोकसभा सीट रोहतक पर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा की उम्मीदवारी को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा करने के बाद राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा का लोकसभा चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दीपेंद्र हुड्डा साल 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के डॉ. अरविंद शर्मा से मात्र करीब सात हजार मतों से पराजित हो गए थे। इस बार फिर भाजपा ने अरविंद शर्मा को ही अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि दीपेंद्र सिंह हुड्डा की उम्मीदवारी को लेकर कांग्रेस असमंजस की स्थिति में है।

    भूपेंद्र हुड्डा के बाद दीपेंद्र हुड्डा की दावेदारी हुई मजबूत

    कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा अपने संसीय क्षेत्र में जिस तरह जनसभाएं कर रहे हैं, उसे देखकर दीपेंद्र का लोकसभा चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा लोकसभा चुनाव की दावेदारी छोड़ दिए जाने के बाद दीपेंद्र हुड्डा की रोहतक से चुनाव लड़ने की दावेदारी पहले से अधिक मजबूत हुई है।

    कांग्रेस ने दीपेंद्र सिंह हुड्डा को यदि रोहतक लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया तो इसके प्रभाव को लेकर पार्टी के थिंक टैंक में बेचैनी बढ़ी हुई है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा यदि रोहतक का लोकसभा चुनाव जीतते हैं तो उसी दिन से उनकी राज्यसभा की सदस्यता खत्म हो जाएगी। दीपेंद्र हुड्डा की राज्यसभा से सदस्यता खत्म होते ही यह सीट विधायकों की संख्या बल के हिसाब से भाजपा के खाते में जानी तय है।

    कांग्रेस के सामने खड़ी हुई ये नई मुसीबत

    भाजपा यदि किसी कारण से रोहतक का चुनाव हार भी जाती है, जिसकी संभावना 50-50 है तो ऐसी स्थिति में पार्टी के खाते में राज्यसभा की सीट बढ़ जाएगी, जबकि कांग्रेस लोकसभा की एक सीट प्राप्त करने के बाद राज्यसभा की एक सीट खो चुकी होगी। राजनीतिक गलियारों में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर राज्यसभा सदस्य होने के बावजूद दीपेंद्र सिंह हुड्डा लोकसभा का चुनाव क्यों लड़ना चाहते हैं।

    रोहतक से नौ बार लोकसभा जीत चुका हुड्डा परिवार

    रोहतक से हुड्डा परिवार नौ बार लोकसभा का चुनाव जीत चुका है। दीपेंद्र के दादा रणबीर सिंह हुड्डा और पिता चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और स्वयं दीपेंद्र यहां से नौ बार सांसद रह चुके हैं। ऐसे में दीपेंद्र के करीबी लोगों का मानना है कि लोकसभा चुनाव लड़कर दीपेंद्र पूरे प्रदेश में यह संदेश देना चाहते हैं कि उनमें राज्य का नेतृत्व करने की पूरी क्षमता है और भविष्य में यदि राज्य में कांग्रेस की सरकार आती है तो दीपेंद्र हुड्डा मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार होंगे।

    ये भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: देवीलाल, भजनलाल व जिंदल की पीढ़ी अब BJP के लिए मांगेगी वोट, कभी आपस में था 36 का आंकड़ा

    चौधर की लड़ाई में भाजपा के पैंतरों को जवाब बड़ी चुनौती

    कांग्रेस में हालांकि मुख्यमंत्रियों की कमी नहीं है। पहली पंक्ति का हर नेता स्वयं को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानकर चलता है। ऐसे में दीपेंद्र हुड्डा की सोच यह है कि भले ही कांग्रेस के हाथ से राज्यसभा की एक सीट चली जाए, लेकिन लोकसभा की एक सीट आनी जरूरी है, ताकि पूरे प्रदेश की राजनीतिक को हुड्डा परिवार की तरफ मोड़ा जा सके। हालांकि भाजपा भी रोहतक सीट को लेकर बहुत अधिक गंभीर है।

    अगर रोहतक से चुनाव जीते दीपेंद्र हुड्डा तो...

    मौजूदा भाजपा सांसद डा. अरविंद शर्मा को चुनाव लड़ने और धारा के विपरीत बहते पानी को अपने काबू में करने का हुनर आता है। करनाल, सोनीपत और रोहतक से अरविंद शर्मा सांसद रह चुके हैं। ऐसे में दीपेंद्र हुड्डा चौधर की लड़ाई में भाजपा के पैंतरों को कितना नाकामयाब कर पाते हैं, यह भविष्य के गर्भ में छिपा है। कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा के रोहतक सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा सदस्य बनने की परिस्थिति में उनकी रिक्त हुई राज्यसभा सीट पर करीब दो वर्ष के लिए अर्थात अप्रैल 2026 तक भाजपा का राज्यसभा सदस्य बन सकता है।

    ये भी पढ़ें: 'दिल्ली में दोनों पार्टियां मिली हुई और पंजाब में हम आपके हैं कौन', CM नायब सैनी ने महागठबंधन को लेकर साधा निशाना