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    Haryana Crime: अंबाला में अमेरिका भेजने के नाम पर 25 लाख की ठगी, आरोपियों ने ऐसे दिया था झांसा; केस दर्ज

    Updated: Sun, 20 Apr 2025 03:02 PM (IST)

    हरियाणा (Haryana Crime) के अंबाला में विश्वास ग्रुप नामक एक ट्रैवल एजेंसी पर अमेरिका भेजने के नाम पर 25.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। पुलिस ने मालिक रचनीत कौर जग्गी समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। रघुबीर नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है जिसमें उन्होंने बताया कि उनसे अमेरिका भेजने के नाम पर धोखाधड़ी की गई।

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    अंबाला में अमेरिका भेजने के नाम पर 25.50 लाख रुपये की ठगी का मामला आया सामने।

    जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। Haryana News: अमेरिका भेजने के नाम पर 25.50 लाख रुपये की ठगी कर ली गई है। विश्वास ग्रुप पर की मालिक और रचनीत कौर जग्गी सहित इस मामले में सात आरोपितों पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। बता दें कि इस ग्रुप पर अभी तक 50 से ज्यादा धोखाधड़ी के केस दर्ज हो चुके हैं।

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    28 लाख में तय हुआ था सौदा

    पुलिस को दी शिकायत में गांव बलाना निवासी रघुबीर ने बताया कि वह अंबाला शिक्षा सदन में क्लर्क है। 2021 में उसके पड़ोसी ने विश्वास ग्रुप के द्वारा अपने बेटे को आस्ट्रेलिया भेजा था। इसीलिए उसे उसने 2022 में विश्वास ग्रुप की मालिक रचनीत कौर जग्गी से विकास विहार स्थित उनके कार्यालय में मिलवाया था।

    शिकायतकर्ता ने बताया कि रचनीत कौर ने उसकी बेटी को अमेरिका भेजने के लिए 18 लाख रुपये मांगे थे। मार्च 2023 में आरोपितों ने उसकी बेटी पूजा को यूके में भिजवा दिया। शिकायतकर्ता ने बताया कि जनवरी 2024 में उसने अपने बेटे सिमरनजीत सिंह व अपनी पुत्रवधू सिमरनजोत कौर के स्पाउंसर वीजा की बात की। सौदा 28 लाख रुपये में तय हुआ।

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    ऐसे दिया था झांसा

    शिकायतकर्ता ने बताया कि 15 फरवरी को उसने अपने बेटे और पुत्रवधू के सारे दस्तावेज रचनीत कौर व अन्य आरोपितों को कार्यालय में जाकर दे दिए थे। 16 फरवरी को रचनीत कौर व अन्य आरोपितों ने उसे सुबह 10 बजे कार्यालय बुलाया व तुरंत 15 लाख रुपये उसी दिन देने की बात की। लिहाजा उसने आरटीजीएस कर दी थी।

    उसी दिन करीब 2 बजे कोर्ट के पास आरोपित रचनीत कौर उसे एसबीआई ब्रांच के बाहर मिली व उसने उसके खाते से डेढ़ लाख रुपये और निकलवाए। बाद में 5 मार्च 2024 को आरोपितों ने बायोमेट्रिक से पहले छह लाख रुपये की मांग की जोकि उसने आरोपित रचनीत कौर के खाते में डाल दिए। 12 मार्च को रचनीत ने उन्हें बायोमेट्रिक विभाग चंडीगढ़ भेजा जहां पर इसका कर्मचारी पहले से ही मौजूद था।

    वहां बायोमेट्रिक विभाग वालों ने उन्हें बताया कि तुम्हारा विजिटर वीजा के अनुसार बायोमेट्रिक है और जो कोस लेटर रचनीत कौर द्वारा दिया गया, वह कोस लेटर झूठा है। जब उसने आरोपित रचनीत कौर से बात की तो उसने कहा कि उसकी एंबेसी में सेटिंग है, चिंता न करो। बायोमेट्रिक करवा लो। तुम्हारा वीजा अपने आप लगा दूंगी।

    पैसे वापस मांगने पर जान से मारने की दी धमकी

    सारे काम पूरे होने के बाद मार्च के आखिर में एंबेसी से एक मैसेज उसे बेटे के फोन पर आया। इसमें लिखा था कि आपके पासपोर्ट डिस्पैच हो गए हैं, जिस पर रचनीत कौर जग्गी के दफ्तर का पता था। करीब 15-20 दिन बीत जाने के बाद वह रचनीत कौर के दफ्तर में गया, जां आरोपित ने उसे बताया कि वीजा में कोई दिक्कत आई है। 15-20 दिन और लगेंगे।

    करीब दो महीने बीत जाने के बाद जून माह शिकायतकर्ता को पता चला कि कंपनी फर्जी साबित हो चुकी है। अगस्त के महीने में वह रचनीत कौर के घर मकान पर गए तो वहां पर रचनीत कौर का जीजा हरमनजोत मिला। उसने बोला कि रचनीत मैडम जेल में चले गए हैं, वह अक्टूबर तक वापस आ जाएंगे।

    आश्वासन दिया कि वह रकम वापस करवा देगा। अक्टूबर में उन्हें जनवरी 2025 तक का समय दिया गया। जनवरी के बाद वह उसके घर गया तो आरोपित रचनीत कौर की बहन तरणजीत कौर व उसके जीजा हरमनजोत सिंह और दो अन्य लड़के हनी वर्मा व गोल्डी जड़ौत ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।

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