Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Janmashtami 2024: सोने-चांदी के तार से बनी द्वारकाधीश जी की पोशाक, 20 कारीगरों ने बनाए हार और मुकुट

    Updated: Mon, 26 Aug 2024 06:53 PM (IST)

    Krishna Janmashtami 2024 देश-दुनिया में जगत के नाथ भगवान श्री कृष्ण का जन्म हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। द्वारका में भी ठाकुर जी के दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है। वहीं इस अवसर पर द्वारकाधीश को चढ़ाने के लिए एक शुद्ध सोने का हार और एक कुलेर मुकुट भी बनाया गया है।

    Hero Image
    सोने-चांदी के तार से बना द्वारकाधीश जी का वाघा।

    किशन प्रजापति, द्वारका। आज पूरी दुनिया में नाथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्म बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। द्वारका में ठाकुर जी के दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है, तो आइए इस जन्माष्टमी पर भगवान द्वारकाधीश जी को चढ़ाए गए वाघा (कपड़े) और सोने के मुकुट और हार की खास बातें बताते हैं। द्वारकाधीश मंदिर के  पुजारी निधिभाई ठाकर ने गुजराती जागरण को यह जानकारी दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बेंगलुरु से आया है केसरिया वाघा

    द्वारकाधीश मंदिर के नियमों के अनुसार, जन्माष्टमी पर ठाकुर जी के दो वाघा बनाए जाते हैं, जिनमें से एक सुबह पहनाया जाता है और दूसरा रात को जब जन्म उत्सव होता है तब पहनाया जाता है। इस बार द्वारकाधीश के केसरिया वाघा के लिए शुद्ध रेशमी कपड़ा बेंगलुरु से मंगवाया गया है।

    40 से 45 कारीगर तैयार करते हैं वाघा

    ठाकुर जी के एक वाघा पर 20 से 22 कारीगर काम करते हैं, इस प्रकार ठाकुर जी के दोनों वाघा को 40 से 45 कारीगरों द्वारा तैयार किया जाता है। ये दोनों वाघा सोने-चांदी के तार के साथ-साथ जरदोशी और रेशम की हस्तकला से बने हैं जिसे जरी आर्ची वर्क कहा जाता है। दोनों वाघों पर मोर, कमल, फूल और बेल जैसे पारंपरिक डिजाइन हैं। दोनों वाघा द्वारका में ही सिले गए हैं। द्वारकाधीश जी के ये दोनों वाघे दो से चार महीने की कड़ी मेहनत के बाद तैयार हुए हैं।

    कोलकाता के 20 कारीगरों ने किया तैयार

    इस बार ठाकुर जी के आभूषण भी नियमानुसार बनवाए गए हैं, जिसमें एक शुद्ध सोने का हार और एक कुलेर मुकुट भी बनाया गया है। इन आभूषणों को कोलकाता के 20 कारीगरों ने तीन महीने की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया है। जन्माष्टमी के अवसर पर सोने का कुल्लर मुकुट और हार बनाया गया है। कुलेर मुकुट और हार का काम बंगाल और गुजरात में किया गया है।

    22 कैरेट सोने से बना है मुकुट

    वहीं, 22 कैरेट सोने का हार पूरी तरह से हस्तकला और जडतकाम से तैयार हुआ है। लाल, हरे और सफेद जैसे उच्च श्रेणी के पत्थरों का उपयोग किया गया है। मुकुट 22 कैरेट सोने से बना है। जयपुर और गुजरात के कारीगरों ने मुकुट तैयार किया है। टियारा पर मोर और फूलों का डिजाइन है तो मुकुट में पन्ना, माणिक और पुखराज जैसे असली पत्थर लगे होते हैं और मुकुट तीन भागों में बना होता है।

    यह भी पढ़ेंः

    Janmashtami 2024: द्वारकाधीश मंदिर में विराजित हैं ठाकुर जी के ये 16 चिन्ह, जानिए इनका महत्व

    Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर मुरलीधर की इस तरह करें कृपा प्राप्त, चमक जाएगी आपकी फूटी किस्मत