Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर मुरलीधर की इस तरह करें कृपा प्राप्त, चमक जाएगी आपकी फूटी किस्मत

    Updated: Sat, 24 Aug 2024 01:23 PM (IST)

    प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी 26 अगस्त ( Janmashtami 2024 Date) को है। जन्माष्टमी पर कृष्ण भक्तों में अधिक उत्साह देखने को मिलता है। आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार लड्डू गोपाल (Laddu Gopal) को प्रसन्न कर सकते हैं।

    Hero Image
    Lord Krishna: जन्माष्टमी पर जरूर करें कृष्ण स्तुति का पाठ

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shri Krishna Stuti Ka Path: सनातन धर्म में जन्माष्टमी के पर्व का विशेष महत्व है। इस खास अवसर पर लड्डू गोपाल की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही व्रत किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को मुरलीधर की कृपा प्राप्त होती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। माना जाता है कि जन्माष्टमी की उपासना कृष्ण स्तुति का पाठ न करने से अधूरी रहती है। इसका पाठ करने से साधक की किस्मत चमक सकती है। आइए पढ़ते हैं कृष्ण स्तुति।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कृष्ण स्तुति के लाभ

    • सभी दुख और संकट दूर होते हैं।
    • जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
    • सुख, समृद्धि और शांति में वृद्धि होती है।
    • लड्डू गोपाल प्रसन्न होते हैं।
    • शुभ फल की प्राप्ति होती है।

    कृष्ण स्तुति

    कृष्ण कृष्ण शृणुष्वेदं यदर्थमहमागतः।

    त्वत्समीपं महाबाहो नैतच्चिन्त्यं त्वयान्यथा॥

    भारावतरणार्थाय पृथिव्याः पृथिवीतले।

    अवतीर्णॊऽखिलाधार त्वमेव परमेश्वर ॥

    मखभंगविरोधेन मया गोकुलनाशकाः।

    समादिष्टा महामेघास्तैश्चेदं कदनं कृतम्॥

    त्रातास्ताश्च त्वया गावस्समुत्पाट्य महीधरम्।

    तेनाहं तोषितो वीरकर्मणात्यद्भुतेन ते ॥

    साधितं कृष्ण देवानामहं मन्ये प्रयोजनम्।

    त्वयायमद्रिप्रवरः करेणैकेन यद्धृतः॥

    गोभिश्च चोदितः कृष्ण त्वत्सकाशमिहागतः।

    त्वया त्राताभिरत्यर्थं युष्मत्सत्कारकारणात् ॥

    स त्वां कृष्णाभिषेक्ष्यामि गवां वाक्यप्रचोदितः।

    उपेन्द्रत्वे गवामिन्द्रो गोविन्दस्त्वं भविष्यसि ॥

    अथोपवाह्यादादाय घण्टामैरावताद्गजात्।

    अभिषेकं तया चक्रे पवित्रजलपूर्णया ॥

    क्रियमाणेऽभिषेके तु गावः कृष्णस्य तत्क्षणात्।

    प्रस्रवोद्भूतदुग्धार्द्रां सद्यश्चक्रुर्वसुन्धराम् ॥

    अभिषिच्य गवां वाक्यादुपेन्द्रं वै जनार्दनम्।

    प्रीत्या सप्रश्रयं वाक्यं पुनराह शचीपतिः ॥

    गवामेतत्कृतं वाक्यं तथान्यदपि मे शृणु।

    यद्ब्रवीमि महाभाग भारावतरणेच्छया ॥

    ममांशः पुरुषव्याघ्र पृथिव्यां पृथिवीधरः।

    अवतीर्योऽर्जुनो नाम संरक्ष्यो भवता सदा ॥

    भारावतरणे साह्यं स ते वीरः करिषयति।

    संरक्षणीयो भवता यथात्मा मधुसूदन ॥

    कृष्ण कृष्ण शृणुष्वेदं यदर्थमहमागतः।

    त्वत्समीपं महाबाहो नैतच्चिन्त्यं त्वयान्यथा॥

    यह भी पढ़ें: Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर करें तुलसी के ये उपाय, धन से लेकर विवाह तक की सभी मुश्किलें होंगी दूर

    दामोदर अष्टकम

    नमामीश्वरं सच्चिदानंदरूपं

    लसत्कुण्डलं गोकुले भ्राजमानं

    यशोदाभियोलूखलाद्धावमानं

    परामृष्टमत्यं ततो द्रुत्य गोप्या ॥

    रुदन्तं मुहुर्नेत्रयुग्मं मृजन्तम्

    कराम्भोज-युग्मेन सातङ्क-नेत्रम्

    मुहुः श्वास-कम्प-त्रिरेखाङ्क-कण्ठ

    स्थित-ग्रैवं दामोदरं भक्ति-बद्धम् ॥

    इतीदृक् स्वलीलाभिरानंद कुण्डे

    स्व-घोषं निमज्जन्तम् आख्यापयन्तम्

    तदीयेशितज्ञेषु भक्तिर्जितत्वम

    पुनः प्रेमतस्तं शतावृत्ति वन्दे ॥

    वरं देव! मोक्षं न मोक्षावधिं वा

    न चान्यं वृणेऽहं वरेशादपीह

    इदं ते वपुर्नाथ गोपाल बालं

    सदा मे मनस्याविरास्तां किमन्यैः ॥

    इदं ते मुखाम्भोजम् अत्यन्त-नीलैः

    वृतं कुन्तलैः स्निग्ध-रक्तैश्च गोप्या

    मुहुश्चुम्बितं बिम्बरक्ताधरं मे

    मनस्याविरास्तामलं लक्षलाभैः ॥

    नमो देव दामोदरानन्त विष्णो

    प्रसीद प्रभो दुःख-जालाब्धि-मग्नम्

    कृपा-दृष्टि-वृष्ट्याति-दीनं बतानु

    गृहाणेष मामज्ञमेध्यक्षिदृश्यः ॥

    यह भी पढ़ें: Janmashtami 2024: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर करें मां तुलसी को प्रसन्न, घर में होगा धन की देवी का वास


    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।