Gujarat News: खंभे से बांधकर पिटाई के मामले में TMC ने NHRC में दर्ज कराई शिकायत, भेजा नोटिस
Gujarat News खेड़ा में गरबा कार्यक्रम में कथित रूप से पथराव के आरोप में खंभे से बांधकर पिटाई का मामला गरमाने लगा है। इस मामले में तृणमूल कांग्रेस ने अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है।

अहमदाबाद, एजेंसी। Gujarat News: गुजरात के खेड़ा में गरबा कार्यक्रम में कथित रूप से पथराव के आरोप में खंभे से बांधकर पिटाई का मामला गरमाने लगा है। इस मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में शिकायत दर्ज करवाई है। वहीं, गुजरात के एक स्वयंसेवी संगठन ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को कानूनी नोटिस भेजा है।
इसलिए हुई पिटाई
प्रेट्र के मुताबिक, पार्टी प्रवक्ता साकेत गोखले ने शुक्रवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने गुजरात पुलिसकर्मियों द्वारा मुस्लिमों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि एनएचआरसी ने मामले का स्वत: संज्ञान नहीं लिया है। इस सप्ताह की शुरुआत में पुलिसकर्मियों ने कुछ लोगों को सार्वजनिक रूप से पीटा, जो मुस्लिम समुदाय के सदस्यों की भीड़ का हिस्सा थे। इन्होंने गुजरात के खेड़ा जिले के उंधेला गांव में एक गरबा कार्यक्रम में कथित रूप से पथराव किया था। इस दौरान कई लोग घायल हो गए थे।
घटना की जांच के आदेश
घटना के कथित वीडियो में तीन लोगों को एक बिजली के खंभे पर पथराव करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वीडियो में पुलिसकर्मी लाठी से उनकी पिटाई करते हुए दिख रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, पथराव करने पर उनकी पिटाई की गई है। शिकायत में कहा गया है कि यह गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता और अत्याचार का मामला है। यह राजनीति से प्रेरित भी हो सकता है। गुजरात पुलिस ने सार्वजनिक मारपीट की घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
गुजरात सरकार व डीजीपी को कानूनी नोटिस
गुजरात में एक स्वयंसेवी संगठन ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को कानूनी नोटिस भेजा है। अल्पसंख्यक समन्वय समिति (एमसीसी) के संयोजक मुजाहिद नफीस ने मंगलवार को खेड़ा के उंधेला गांव में कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा आरोपियों को सार्वजनिक रूप से पीटने के बाद अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया।
नोटिस में कही ये बात
गुरुवार को कानूनी नोटिस के माध्यम से एमसीसी ने राज्य सरकार से गलती करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ उचित और उपयुक्त विभागीय, अनुशासनात्मक, दंडात्मक और आपराधिक कार्रवाई करने का आग्रह किया है, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से पीड़ितों के सभी अधिकारों का खुले तौर पर उल्लंघन किया है। नफीस ने कहा कि यदि कोई कार्रवाई शुरू नहीं की जाती है, तो उन्हें दोषी पुलिस अधिकारियों और प्रतिवादियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए बाध्य किया जाएगा।
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