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    Gujarat Election 2022: एक रुपये के 10 हजार सिक्के लेकर नामांकन भरने पहुंचा दिहाड़ी मजदूर

    Gujrat Election 2022 निर्दलीय उम्मीदवार महेंद्र पाटनी गांधीनगर उत्तर सीट से चुनाव लड़ रहे है। अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने ये रकम अपने समर्थकों से मांगकर इकट्ठा की हैं।वह अपने साथ दो बोरियों में एक रुपये के 10 हजार सिक्के लेकर पहुंचे थे।

    By Nidhi AvinashEdited By: Updated: Sat, 19 Nov 2022 03:59 PM (IST)
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    गुजरात में एक रुपये के 10 हजार सिक्के लेकर नामांकन भरने पहुंचा निर्दलीय उम्मीदवार।

    अहमदाबाद, पीटीआइ। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए एक शख्स नामाकंन करने पहुंचा तो उसे देखकर सब हैरान रह गए। ये शख्स अपने साथ दो बोरियों में एक रुपये के सिक्के लेकर पहुंचा था जिसकी कुल कीमत 10 हजार रुपये थी।

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    गांधीनगर उत्तर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे महेंद्र पाटनी हैं। नामांकन फीस जमा कराने के लिए वह बोरियों में सिक्के जमा करके लाए थे। अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने ये रकम अपने समर्थकों से मांगकर इकट्ठा की हैं।

    महेंद्र पाटनी कौन है?

    तीन साल पहले गांधीनगर में महात्मा मंदिर के पास एक झुग्गी में 521 झोपड़ियों को विस्थापित कर दिया गया था। यहीं के निवासियों ने उन्हें अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनाव लड़ने को कहा। महेंद्र पाटनी भी उसी झुग्गी के निवासी है। पाटन जिले के रहने वाले महेंद्र वर्ष 1999 में गांधीनगर चले गए थे। शुरूआती दौर में वह स्लम में रहते थे। पाटनी ने बताया कि उनका घर उन 521 झुग्गियों में से एक था जिसे सरकार ने गिरा दिया था। यह वहीं जगह है जहां फाइव स्टार लीला तैयार किया गया है और गांधीनगर रेलवे स्टेशन भी तैयार किया गया है।

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    महेंद्र पाटनी निर्दलीय के रूप में लड़ रहे चुनाव

    महेंद्र पाटनी एक निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। पेशे से मजदूर रहे महेंद्र ने कहा कि "मैं एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में अपना जीवन यापन करता हूं। 521 झोपड़ियां थीं जिन्हें एक बड़े होटल के लिए तोड़ दिया गया था। उनमें से कई बेरोजगार हो गए थे। घर, पानी पीने और बिजली की कमी है।" उन्होंने कहा कि ये पैसे मेहनत करके जुटाए हैं। मैंने केवल उन्हीं लोगों से चंदा लिया है, जिन्होंने वादा किया है कि वो मुझे वोट देंगे"।

    निर्दलीय उम्मीदवार ने कहा, "जब चुनाव नजदीक होते हैं, तो सरकार के कुछ प्रतिनिधि और राजनेता आते हैं और हमें आश्वासन देते हैं, लेकिन आसानी से बाद में वे भूल जाते हैं। यह 1990 के दशक से चल रहा है।" उन्होंने कहा कि उन्हें उन लोगों का समर्थन मिल रहा है जो चाहते हैं कि सरकार से कुछ ही मांगें पूरी की जाएं।

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    सरकार नहीं कर रही मांग पूरी

    महेंद्र पाटनी ने कहा कि "अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा करती है, तो मुझे चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है। हम चाहते हैं कि सरकार हमें रहने के लिए एक स्थायी स्थान प्रदान करे ताकि हमें एक और विस्थापन का सामना न करना पड़े। हम सरकार से नियमित उत्पीड़न के मुद्दे को हल करने की भी मांग करते हैं, जो दिहाड़ी मजदूरों को नागरिक अधिकारियों द्वारा अधीन किया जाता है।

    पाटनी ने कहा कि स्लम निवासियों की बीपीएल सूची भी होनी चाहिए ताकि ठेकेदारों द्वारा सरकारी कार्यालयों में काम करने वालों को स्थायी नौकरी मिल सके और उचित वेतन और बिचौलियों को हटाया जा सके। 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान दो चरणों में होगा, 1 दिसंबर और 5 दिसंबर और मतपत्रों की गिनती 8 दिसंबर को होगी।

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