अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, जापान जाने के लिए बना ली नकली फुटबॉल टीम
पाकिस्तान अपनी मूर्खतापूर्ण हरकत के लिए सुर्खियों में आया। पाकिस्तान के लोगों ने जापान जाने के लिए नकली फुटबॉल टीम बना ली। एफआईए ने कहा कि मानव तस्करी नेटवर्क इस 22 सदस्यीय नकली फुटबॉल टीम को जापान भेजने में शामिल था। इन सदस्यों को 15 दिन का वीजा मिला था। यह टीम जापान 2025 में जापान पहुंची थी। नेटवर्क के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।

प्रेट्र, लाहौर। आपने नकली पनीर, आभूषण और सामान तो सुना होगा, लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान के लोगों ने जापान जाने के लिए नकली फुटबॉल टीम ही बना ली। जांच में यह बात सामने आने के बाद उनके निर्वासन की कार्रवाई की गई।
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने कहा कि मानव तस्करी नेटवर्क इस 22 सदस्यीय नकली फुटबॉल टीम को जापान भेजने में शामिल था। ये खिलाड़ी फुटबॉल किट पहने थे और दावा कर रहे थे कि वे पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ में पंजीकृत हैं। उन्होंने एक जापानी क्लब के साथ मैच निर्धारित होने का भी दावा किया। इस 22 सदस्यीय टीम को 15 दिन का वीजा मिला था।
मुख्य संदिग्ध गिरफ्तार
यह जून 2025 में जापान पहुंची थी। हालांकि, इमिग्रेशन अधिकारियों ने इसे हवाई अड्डे से ही निर्वासित कर दिया और मामले की सूचना एफआईए को दी गई। एफआईए ने जांच शुरू की और मंगलवार को इस घटना में शामिल मानव तस्करी गिरोह के मुख्य संदिग्ध वकास अली को गिरफ्तार कर लिया।
जांच के दौरान पकड़े गए शख्स ने बताया कि उसका नेटवर्क 2024 में 17 लोगों को जापान भेजने में भी कामयाब रहा था। वह उन्हें पाकिस्तान फुटबॉल टीम का सदस्य बताकर भेजा था, जो कभी वापस नहीं लौटे। उसने कहा कि इस उद्देश्य के लिए पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ (पीएफएफ) और विदेश मंत्रालय के जाली पत्रों और अनापत्ति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया गया था।
एफआईए ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति (खिलाड़ी) ने अपने जापान वीजा की व्यवस्था के लिए 45 लाख पाकिस्तानी रुपये का भुगतान किया था। नेटवर्क के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
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