In-Depth: जानिए, चंद्रमा पर क्यों नहीं खरीदी जा सकती है जमीन
द लूनर रजिस्ट्री वेबसाइट पर कहा गया है संयुक्त राज्य अमेरिका ने चंद्रमा की सतह पर पहले इंसान को उतारा था। हालांकि संधि के प्रावधानों के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका ने लूना के स्वामित्व या संप्रभुता का दावा नहीं किया और न ही कर सकता है। लूनर सेटलमेंट इनिशिएटिव (एलएसआई) के अनुपालन में हम चंद्रमा पर सीमित भूमि के दावे की पेशकश करते हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) मिशन शुरू होने के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट भी वायरल हो रही हैं, जिनमें यूजर्स दावा रहे हैं कि कुछ लोगों नें चंद्रमा पर जमीन (Buy Land on Moon) खरीदी है। मीडिया में कुछ ऐसी खबरों को कवर किया गया है। इससे ऐसा लग रहा है जैसे चंद्रमा पर जमीन खरीदना संभव है।
विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि चंद्रमा पर जमीन नहीं खरीदी जा सकती है। चांद किसी देश की निजी संपत्ति नहीं है। इस पर कोई हक नहीं जमा सकता है। गिफ्ट में दी जा रही डीड या रजिस्ट्री एक प्रतीकात्मक चिह्न है, जिसे कोई कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है।
वायरल दावे की पड़ताल के लिए विश्वास न्यूज ने वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर पर भेजे गए यूट्यूब के वीडियो को देखा। इसको नवभारत टाइम्स के यूट्यूब चैनल पर 18 अगस्त को अपलोड किया गया है।
नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर भी इस खबर को देखा जा सकता है। इसमें लिखा है, "सूरत के सरथना के रहने वाले ब्रिजेशभाई वेकारिया ने अमेरिका की लूनर लैंडर्स कंपनी से चांद पर एक एकड़ जमीन खरीदी है। उन्होंले ये अपनी दोनों भांजियों के नाम की है।"
डीएनए में भी 13 अप्रैल 2023 को छपी खबर में लिखा है, "कई अमीर व्यवसायियों और मशहूर हस्तियों ने चंद्रमा पर जमीन खरीदी है। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पास भी चांद पर जमीन का एक टुकड़ा है। बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान भी इसमें पीछे नहीं हैं। उनके 52वें जन्मदिन पर ऑस्ट्रेलिया में एक प्रशंसक ने उन्हें चांद पर जमीन का एक टुकड़ा उपहार में दिया था।" खबर में चंद्रमा पर जमीन खरीदने का तरीका भी बताया गया है।
चांद पर जमीन खरीदने का दावा करने वाले मेरठ के बागपत रोड निवासी प्रियांशु गर्ग का कहना है, "मैंने चंद्रमा पर अपनी भंजियों के लिए दो एकड़ जमीन खरीदी है। इसके लिए मैंने 27-27 डॉलर दिए हैं। द लूनर रजिस्ट्री ने हमारी जमीन की रजिस्ट्री कराई है। जब फिल्म स्टार शाहरुख खान चांद पर जमीन खरीद सकते हैं तो हम क्यों नहीं।" उन्होंने हमें रजिस्ट्री के कागजात भी भेजे।
'द लूनर रजिस्ट्री' वेबसाइट पर कहा गया है, "संयुक्त राज्य अमेरिका ने चंद्रमा की सतह पर पहले इंसान को उतारा था। हालांकि, संधि के प्रावधानों के तहत, संयुक्त राज्य अमेरिका ने लूना के स्वामित्व या संप्रभुता का दावा नहीं किया और न ही कर सकता है। लूनर सेटलमेंट इनिशिएटिव (एलएसआई) के अनुपालन में हम चंद्रमा पर सीमित भूमि के दावे की पेशकश करते हैं। हम संपत्ति को केवल आपके नाम में पंजीकृत करने और आपके दस्तावेज़ों को रखने, रिकॉर्ड करने और आपको भेजने के लिए एक मामूली शुल्क लेने के लिए बाध्य हैं।"
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क्या चांद पर जमीन खरीदना संभव है? जब इस बारे में हमने गूगल पर सर्च किया तो 29 जून 2018 को इंडियन एक्सप्रेस में पीटीआई के हवाले छपी खबर मिली। इसके अनुसार, "भारत ने एक संधि पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत किसी के लिए भी जमीन के टुकड़े पर कानूनी रूप से दावा करना संभव नहीं है। इसे आमतौर पर 'आउटर स्पेस ट्रीटी' के नाम से जाना जाता है। 10 अक्टूबर 1967 को यह लागू हुई। इसमें कहा गया है कि 'चंद्रमा और अन्य खगोलीय पिंडों सहित बाहरी अंतरिक्ष' मानव जाति की साझी विरासत है और इसका स्वामित्व किसी भी राष्ट्र के पास नहीं हो सकता है। 'ओए हैप्पी' के प्रोडक्ट डेवलपर अजकिया आरिफ हुसैन का कहना है कि ग्राहक बस एक फॉर्म भर सकते हैं और उन्हें चंद्रमा पर संपत्ति के अक्षांश और देशांतर का उल्लेख करने वाले दस्तावेज के साथ एक प्रमाण पत्र प्राप्त होता है। लेकिन वे वास्तव में इसका दावा नहीं कर सकते।"
इस बारे में डिफेंस एंड एअरोस्पेस एक्सपर्ट गिरीश लिंगन्ना का कहना है, "चंद्रमा समेत आउटर स्पेस पर किसी का स्वामित्व नहीं है। 1967 में लागू हुई संधि में साफ-साफ उल्लेख है कि यह सबकी साझा विरासत है। किसी की निजी संपत्ति नहीं है। चंद्रमा पर जमीन खरीदना संभव नहीं है। जब वहां कोई मालिक ही नहीं है तो जमीन बेची कैसी जा सकती है?"
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