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    'राजनीति में नो एंट्री', The Trial 2 एक्ट्रेस Kajol ने खोला राज, सियासी गलियारे में जाने पर रखी दो टूक राय

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 07:14 PM (IST)

    अभिनेत्री काजोल (Kajol) आने वाले समय में बहुचर्चित वेब सीरीज द ट्रायल के सीजन 2 (The Trial Season 2) को लेकर आ रही हैं। इस सीरीज के ट्रेलर को ऑडियंस ने काफी सराहा है। अब जागरण के मंच पर काजोल ने द ट्रायल सीजन 2 को लेकर खुलकर बात की है। इस दौरान उनके साथ अभिनेता जीशू सेनगुप्ता भी मौजूद रहे।

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    एक्ट्रेस काजोल और अभिनेता जीशू सेनगुप्ता (फोटो क्रेडिट- एक्स)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, मुंबई। करीब दो साल पहले आई अमेरिकी वेब सीरीज ‘द गुड वाइफ’ की रीमेक ‘द ट्रायल’ वेब सीरीज में काजोल ने वकील नोयोनिका की, जबकि उनके पति राजीव सेनगुप्ता की भूमिका जीशू सेनगुप्ता ने निभाई थी। अब इसका अगला भाग ‘द ट्रायल सीजन 2: प्यार कानून धोखा’ जियो हाटस्टार पर स्ट्रीम होगा। काजोल और जीशू ने शो और अन्य पहलुओं पर बात की स्मिता

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    श्रीवास्तव के साथ...

    दो साल बाद शो का दूसरा सीजन आ रहा है। किरदार वापसी के लिए शो को दोबारा देखना पड़ता है?

    जीशू सेनगुप्ता- मैं अपना पुराना काम कभी देखता नहीं हूं। वह दिमाग में रहता है। जब आप सेट पर आते हैं या स्क्रिप्ट पढ़ते हैं, तो पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं। शूटिंग से पहले मैं निर्देशक उमेश बिष्ट से मिला। हमने किरदार के बारे में बात की। वह मेरे रोल के साथ कुछ चीजें जोड़ना चाहते थे।

    काजोल - किरदार जो होता है वो सेट पर शूटिंग के दौरान ही बनता है।

    जीशू सेनगुप्ता- बिल्कुल। वही हुआ।

    काजोल- पर मैं अपना पुराना काम देखती हूं। मुझे लगता है कि मैं अपनी सबसे बड़ी आलोचक हूं। मुझे अपना काम देखना ही होता है, ताकि उसे बेहतर कर सकूं। फिर से पुरानी गलती न करूं। (हसंते हुए) नई गलती करूं। इसका पहला सीजन देखा था। उस वक्त मुझे लगा था, कुछ चीजों को बेहतर कर सकती हूं। सीजन 2 में वो अनुभव काम आया है।

    शो में इस बार इनसाइडर और आउटसाइडर का मुद्दा उठाया गया है। यह मुद्दे लगातार इंडस्ट्री में भी उठते हैं...

    जीशू सेनगुप्ता– आपको यहां खुद को साबित करना होगा। मेरे पिता भले ही सुपरस्टार रहे हों, लेकिन मुझे अपनी योग्यता हर दिन साबित करनी ही होती है, वरना पता नहीं कहां होता। पिता की वजह से हो सकता है कि मुझे दो-तीन मौके मिल जाएं, लेकिन उसके बाद कोई पैसा नहीं लगाएगा। मेरे पिता भी नहीं लगाएंगे। मेरा मानना है कि वास्तव में इनसाइडर को टिके रहने के लिए ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है।

    काजोल- हमारे देश की आबादी एक अरब से ज्यादा है और फिल्मों में काम कर रहे लोगों की सफलता दर बहुत कम है। यानी यहां पर कोई चांस भी ले, यही बहुत बड़ी बात होती है। जिन लोगों को सफलता मिलती है, उन्हें उसे बनाए रखने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है। आपको रोजाना काम करना होता है और खुद को साबित करना होता है।

    शो में नोयोनिका राजनीति से दूर रहना चाहती है, लेकिन अगर आपको राजनीति में आने का मौका मिले, तो क्या बदलना चाहेंगी?

    काजोल– मुझे राजनीति समझ नहीं आती है। मैं कभी भी राजनीति में सपने में भी नहीं जा सकती हूं। मुझे जिसकी समझ नहीं, उसमें उतरना नहीं।

    जीशू सेनगुप्ता- मैं भी राजनीति से दूर रहना चाहता हूं। मुझे भी समझ में नहीं आता है कि कहां क्या बोलना है। मैंने अपनी जिंदगी में दूसरी राह चुनी। मुझे एक्टिंग आती है। जैसा कि इसके निर्देशक उमेश बिष्ट ने कहा है कि हमने इसमें वही मुद्दे रखे हैं, जिनके जरिए हम कुछ कहना चाहते हैं। मगर हां महिला सशक्तीकरण के मुद्दे पर बात करने की जरूरत है। उसे लेकर जागरूकता बहुत जरूरी है। यह शो उन्हीं की बात कर रहा है।

    आपके लिए किन गलतियों को माफ करना मुश्किल है?

    जीशू सेनगुप्ता- अगर जानबूझकर गलती कर रहे हैं, तो वह गलती है। बाकी हम सब इंसान हैं। मैं ब्लैक एंड व्हाइट में यकीन नहीं रखता हूं। हम सब ग्रे हैं। एक प्वाइंट पर जब हम आईने के सामने खड़े होते हैं, तो सबको पता होता है कि क्या सही या गलत किया है।

    अगर मुझे लगता है कि अनजाने में गलती हुई है और उसके लिए किसी से माफी मांगनी है, तो मांग लेंगे, भले ही वह मुझसे उम्र में बड़ा हो या छोटा। काजोल- मेरा नजरिया थोड़ा अलग है। मेरा मानना है कि अगर सच्चे दिल से माफी मांगी जा रही हो तो गलतियां, बदमाशियां माफ की जा सकती हैं। आप माफ कर सकते हो, लेकिन भूल नहीं सकते।

    महिलाओं से जुड़े मुद्दे आनस्क्रीन पर जीने का अनुभव कैसा रहा?

    अच्छा लगता है, क्योंकि आनस्क्रीन आप जीत जाते हैं (हंसती हैं) जबकि असल जिंदगी में कभी-कभी आप हारते भी हैं। मुझे लगता है कि आनस्क्रीन एक बेहतरीन जगह हैं, जहां आप दिखा सकते हैं कि औरतों को इस नजरिए से देखो। उनकी समस्याएं क्या हैं, उनकी परिस्थितियां क्या हैं, दुनिया उन्हें कैसे देखती है और वे दुनिया को कैसे देखती हैं। मुझे लगता है कि उमेश जी ने शो में दुनिया का नजरिया बहुत अच्छे से दिखाया है।

    अब अभिनेत्रियों को मिलने वाली फीस में किसी प्रकार का बदलाव देखती हैं?

    अब चीजें बदल रही हैं। मुझे लगता है कि आप जिस हिसाब से दर्शक ला सकते हो, उस हिसाब से आपका पेमेंट होगा। मगर हां,

    चीजें बेहतर हो रही हैं।

    जीशू, आपने कहा था कि आनस्क्रीन पति के किरदार पैसों के लिए कर रहे हैं...

    पैसों की बात मैंने गंभीरता से कही है। मैं पैसों के लिए ही काम करता हूं। मुझे लगता है कि मुझमें प्रतिभा है, इसलिए मुझे कास्ट करते हैं। इस किरदार के लिए अगर मैं फिट नहीं होता तो नहीं लेते। मेरा पिछला काम देखकर ही आगे का काम मिल रहा, तो मुझे पता है कि मैं टैलेंटेड हूं। ऐसा नहीं है कि मैं भूमिकाएं पढ़ता नहीं हूं। निश्चित रूप से पढ़ने के बाद ही फैसला लेता हूं। मुझे नहीं लगता कि पूर्व में निभाई गई पति की भूमिका एकसमान रही। यह एक नजरिया हो सकता है कि पति की भूमिका की। ‘द ट्रायल’ में मैं राजनेता भी हूं, सिर्फ पति नहीं हूं। उसकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा हैं।

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