Best Movie On OTT: ना गाली-गलौज ना खून खराबा, ओटीटी की 8.4 रेटिंग वाली ये फिल्म समझाएगी सच्ची दोस्ती का मतलब
फिल्मों के शौकीन लोगों में कई तरह का जॉनर होता है। कई लोगों को रोमांटिक कहानियां पसंद आती हैं तो वहीं किसी को हॉरर फिल्में एंटरटेन करती हैं। फिल्मी दुनिया में हर साल कई तरह के जॉनर पर मूवी बनती और रिलीज की जाती हैं। आज हम आपके लिए बहुत ही सीधी-साधी फिल्म की रिकमेंडेशन लेकर आए हैं जो रिलीज होते ही हर किसी की पहली पसंद बन गई थी।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ वक्त में साउथ फिल्म की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। फिल्म लवर्स हिंदी फिल्मों को देखने से पहले साउथ की फिल्मों को देखना पसंद करते हैं। इसके अलावा कुछ सालों से बॉक्स ऑफिस पर भी साउथ की पिक्चरों का दबदबा देखने को मिल रहा है। वहां की फिल्मों की कहानी में दर्शकों के लिए काफी कुछ नया होता है। कई बार दर्शकों एक्शन-पैक फिल्में आकर्षित करती हैं।
मगर साउथ की फिल्मों का आकर्षित उनकी अनोखी कहानी मानी जाती हैं। इसी कड़ी में आने वाले वीकेंड के लिए हम आपके लिए एक फिल्म का सुझाव लेकर आए हैं जिसे आपको बिलकुल भी मिस नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मूवी को खुद आईएमडीबी ने 8.4 की रेटिंग दी हुई है।
शादी कहानी के साथ भी जीत लिया दिल
ओटीटी पर यूं तो हर हफ्ते दर्जनों शोज रिलीज किए जा रहे हैं पर उनमें से कुछ एक ही होती हैं जो ऑडियंस को एंटरटेन कर पाने में कामयाब होती हैं। हालांकि ओटीटी पर मौजूदा समय में कुछ ऐसी फिल्में भी मौजूद हैं जिन्हें देखने के बाद उनकी कहानी आपके मन में घर कर जाएगी। जिस फिल्म की हम बात कर रहे है उसमें कोई एक्शन, विलेन या थ्रिल नहीं है, लेकिन एक मिनट भी आपको इसकी कमी महसूस नहीं होगी।
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मजबूरी में बेचना पड़ता है घर
जानकारी के लिए बता दें कि सिनेमाघरों में फिल्म ने करीब 25 दिन का रनिंग टाइम पूरा किया था। जिस फिल्म की हम बात कर रहे हैं उसका नाम है 'मेयाझगन' (Meiyazhagan)। ये एक तमिल फिल्म है, जिसमें अरविंद स्वामी और कार्ति मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं और दोनों ने अपने अभिनय से दर्शकों का दिलों में खास जगह बनाई है। फिल्म की कहानी 1996 से शुरू होती है।
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अरुल (Arvind Swamy) का परिवार एक संपत्ति विवाद के कारण मजबूरी में अपना घर बेच देता है। इसके बाद अरुल और उसकी पूरी फैमिली किसी दूसरे शहर में रहने के लिए शिफ्ट हो जाते हैं। इसके बाद कहानी 2018 में जाती हैं। अरुल अपने कजिन की शादी में वहीं वापस जाता है।
किरदार का नाम और भावुक मोड़
हालांकि, उसे शादी में जाने में कोई खास दिलचस्पी नहीं होती है मगर वो सोचता है कि कजिन को शादी का तोहफा देकर वो लौट जाएगा। लेकिन शादी में उसकी मुलाकात एक आदमी से होती है और यहीं से उसकी जिंदगी बदल जाती है। फिल्म का असली मजा यहीं से शुरू होता है। एक खास बात आपको और फिल्म में देखने मिलेगा। मूवी के अंत तक आपको कार्ति के किरदार का नाम पता नहीं लगेगा। फिल्म में कई इमोशनल सीन्स भी डाले गए हैं, जो आपकी आंखें नम कर देंगे।
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