Dharmendra के साथ शूटिंग करते हुए रामानंद सागर को आया था Ramayan का ख्याल, लकड़ी के बॉक्स से मिला था आइडिया
टेलीविजन पर अभी तक कई अलग-अलग मेकर्स रामायण बना चुके हैं लेकिन जो बात रामानंद सागर के माइथोलॉजिकल शो में थी वह कोई नहीं ला पाया। 38 साल बाद भी ये शो सभी का फेवरेट है। क्या आपको पता है कि स्विट्जरलैंड में जब धर्मेंद्र के साथ रामानंद सागर फिल्म की शूटिंग कर रहे थे तो एक इंसिडेंट से उन्हें रामायण बनाने का ख्याल आया था।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। रामानंद सागर ने वैसे तो अपने करियर में कई फिल्में और टीवी सीरियल बनाए हैं, लेकिन उन्हें मुख्य रूप से 'रामायण' के लिए जाना जाता है। जब भी रामायण का ख्याल आता है, तो सबसे पहले दिमाग में रामानंद सागर का ही नाम आता है। 38 साल पहले 1987 में दूरदर्शन पर आई 'रामायण' का आज भी कोई माइथोलॉजिकल शो मुकाबला नहीं कर पाया है।
आपको ये जानकर हैरानी जरूर होगी कि निर्देशक रामानंद सागर को 'रामायण' बनाने का ख्याल कोई माइथोलॉजिकल शो देखकर नहीं, बल्कि 'चरस' फिल्म की शूटिंग के दौरान आया था। कैसे एक लकड़ी के बॉक्स ने उन्हें रामायण बनाने का आइडिया दिया, विस्तार से पढ़ें ये किस्सा:
49 साल पहले आ गया था रामायण बनाने का ख्याल
रामायण के हर एक्टर को घर-घर में उनके किरदारों के साथ मशहूर करवाने वाले रामानंद सागर को ये माइथोलॉजिकल शो बनाने का ख्याल साल 1976 में आया था, जब वह धर्मेंद्र और हेमा मालिनी के साथ फिल्म 'चरस' की शूटिंग कर रहे थे। वह यूनिट के साथ वहां अपने परिवार को भी स्विट्जरलैंड में शूटिंग के लिए लेकर गए थे। किस्सा टीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक,एक दिन निर्देशक अपने परिवार के साथ स्विट्जरलैंड के एक कैफे में बैठे हुए थे।
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रामानंद सागर के परिवार ने ऑर्डर दिया और खाना आने का इंतजार करने लगे। कुछ देर बाद एक लड़का उनके टेबल पर आया और फूड के साथ एक बॉक्स रख दिया। उस बॉक्स पर लकड़ी के दो पल्ले थे, जिसे खाना सर्व करने वाले शख्स ने खोला और स्विच ऑन करके चला गया। वह देखकर रामानंद सागर और उनका पूरा परिवार बहुत हैरान हो गया, क्योंकि वह उनकी जिंदगी का पहला पल था, जब उन्होंने रंगीन टीवी देखा था, जो उस लकड़ी के बॉक्स में मौजूद स्विच से चला था।
Photo Credit- Imdb
रामानंद सागर ने उसी पल कर लिया था ये तय
प्रेम सागर ने द कपिल शर्मा शो में ये बताया था कि उस रंगीन टीवी में एक फिल्म चल रही थी, जिसे देखने के बाद रामानंद सागर ने अपने परिवार से कहा कि वह अब फिल्म नहीं बल्कि टीवी सीरियल बनाएंगे, वो भी श्रीराम पर, जिसकी कहानी वह लोगों तक पहुंचाएंगे। उसी दिन उनके दिमाग में रामायण बनाने का ख्याल आया था, जिसे उन्होंने साल 1987 में टीवी पर बड़ी ही खूबसूरती से उतारा था। ये सीरियल तकरीबन 1 साल तक चला।
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'रामायण' में अरुण गोविल ने जहां 'श्रीराम' का किरदार अदा किया था, तो वहीं दीपिका चिखलिया 'माता सीता' बनी थीं। इसके अलावा सुनील लहरी ने 'लक्ष्मण', अरविंद त्रिवेदी ने 'रावण' और दारा सिंह ने 'महाबली हनुमान' का किरदार निभाया था।
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