क्या आपको याद हैं 'कक्काजी कहिन', 37 साल पहले दूरदर्शन के इस शो पर क्यों राजनेताओं ने जताई थी आपत्ति?
लोग भले ही मॉर्डन जमाने की तरफ बढ़ रहे हैं और टीवी से थिएटर और ओटीटी पर एंटरटेनमेंट ढूंढ रहे हैं लेकिन शायद ही आज कोई उतने यादगार शोज दे पा रहा है जो दूरदर्शन ने दिए हैं। रामायण और महाभारत तक का जिक्र तो कई बार आपने सुन लिया होगा लेकिन क्या आपको DD का कक्काजी कहिन शो याद हैं जिसको लेकर 37 साल पहले विवाद छिड़ गया था।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। एक समय ऐसा था जब हर घर में सिर्फ दूरदर्शन देखा जाता था। हालांकि, अब दौर बदल गया है और लोगों के पास कई ऑप्शन आ गए है जैसे-थिएटर, टीवी और ओटीटी। कई माध्यमों के बावजूद भी दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले शोज को मेमोरी से मिटाना 80-90 और 2000 के बच्चों के लिए नामुमकिन है।
रामायण से लेकर महाभारत, वागले की दुनिया, मालगुड़ी डेज, लव कुश, हम लोग और शक्तिमान जैसे दूरदर्शन के फेमस शोज की कहानी तो हम बहुत सुन चुके हैं, लेकिन क्या आपको 37 साल पॉलिटिकल सटायर शो 'कक्काजी कहिन' याद है, जो एक समय पर खूब देखा जाता था। क्या थी इस शो की कहानी और क्यों राजनेता हुए थे शो देखकर नाराज, नीचे पढ़ें डिटेल्स:
क्यों इतना फेमस हुआ था कक्काजी कहिन?
जिस समय पर टीवी पर माइथोलॉजिकल, सुपरहीरो और फैमिली ड्रामा का समय चल रहा था, उस बीच ही 'खट्टा-मीठा' के डायरेक्टर बासु चटर्जी एक पॉलिटिकल सटायर शो लेकर दर्शकों के सामने पेश हुए। शो का टाइटल था 'कक्काजी कहिन', जो 1988 में DD नेशनल पर प्रसारित हुआ था। इस शो में ओम पुरी, साहिल चतुर्वेदी और आलोक नाथ ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
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राजनेताओं पर व्यंग करने वाले इस शो की कहानी ने दर्शकों का दिल छुआ। कक्काजी कहिन की कहानी एक ऐसे राजनेता की थी, जो असभ्य तो था ही, लेकिन उसके साथ बहुत चालाक और अहंकारी भी था। शो में ओम पुरी ने कक्काजी कहिन का किरदार अदा किया था। ये शो मनोहर जोशी की बुक 'नेताजी कहिन' पर बेस्ड पॉलिटिकल सटायर था।
क्यों इस शो को 37 साल पहले रोकने की उठी थी मांग?
एक तरफ जहां दर्शकों को ये शो खूब पसंद आया तो वहीं रिपोर्ट्स की मानें तो कुछ राजनेताओं को ऐसा लगा कि उनकी इमेज को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। इंडिया टुडे की एक खबर के मुताबिक, कुछ राजनेताओं ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय में ये कहकर इस शो को रुकवाने की मांग की थी कि उनके बच्चे शो देखकर उनका मजाक उड़ाने लगे हैं। उन्होंने 'कक्काजी कहिन' में नेताओं की छवि खराब करने का विरोध करते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी।
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रिपोर्ट्स की मानें तो ओम पुरी और आलोक नाथ स्टारर इस शो के डायलॉग इतने ज्यादा व्यंग्यात्मक और पावरफुल थे कि उन पर विवाद खड़ा हुआ और कुछ डायलॉग्स पर सेंसर बोर्ड ने कैंची भी चला दी। 37 साल पहले आए शो में जिस तरह से सामाजिक टिप्पणी और कैरेक्टर की तेज बुद्धि दर्शायी गई थी, उसके लिए इसे दर्शकों का खूब प्यार मिला। आज भी सोशल मीडिया पर फैंस इस शो को देखने की चाह रखते हैं।
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