The Trial Season 2 Review: मजबूत कहानी पर मेकर्स ने फेरा पानी, 'द ट्रायल 2' देखने की बस एक ही वजह
The Trial Season 2 Review काजोल की कोर्ट रूम ड्रामा सीरीज द ट्रायल का पहला सीजन दर्शकों को काफी पसंद आया था। काजोल ने एक वकील वाइफ और मां के किरदार को सधी हुई एक्टिंग में निखारा था। अब इसका दूसरा सीजन भी आ चुका है पढ़ें रिव्यू में कैसा है द ट्रायल का दूसरा सीजन।

एकता गुप्ता, नई दिल्ली। 2023 में रिलीज हुई द ट्रायल के पहले सीजन में काजोल ने शानदार परफॉर्मेंस दी थी। एक मां, पत्नी और वकील के रूप में उनकी एक्टिंग काफी सधी हुई थी। इमोशनल सीन तो काजोल की ताकत है ही, एक प्रोफेशनल वकील के रूप में भी उन्होंने दोनों सीजन में अपनी एक्टिंग का लोह मनवा लिया है। लेकिन क्या काजोल के अलावा भी सीरीज में कुछ देखने लायक है या नहीं आइए जानते हैं।
क्या है द ट्रायल सीजन 2 की कहानी ?
द ट्रायल सीजन 2 की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां सीजन 1 का अंत हुआ था। काजोल की मर्जी ना होते हुए भी उनके पति राजीव पॉलीटिक्स में उतर जाते हैं। राजीव के पुराने अफेयर को माफ करते हुए बच्चों के खातिर नोयोनिका आगे बढ़ जाती है। लेकिन नोयोनिका के साथ काम करने वाला विशाल उससे अभी भी बहुत प्यार करता है। वहीं नोयोनिका प्रोफेशनल फ्रंट पर अपने काम से कोई समझौता नहीं करती और पर्सनली भी अपने रिश्तों को बिखरने से रोकने की कोशिश करती है। हालांकि उसके अंदर चल रही खुद की लड़ाई को वह नजरअंदाज करती है। क्या राजीव चुनाव में सफल हो पाता है? क्या नोयोनिका बच्चों के खातिर ना चाहते हुए भी राजीव के साथ रहती है या उसे छोड़ देती है? यही सीजन 2 में दिखाया गया है।
फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया
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काजोल, शीबा, कुब्रा और अन्य कलाकारों की एक्टिंग
सीरीज की सबसे मजबूत कड़ी काजोल के साथ अन्य कलाकारों की संजीदा एक्टिंग है। पति के रूप में जीशु एक्टिंग अच्छी करते हैं लेकिन पहले सीजन की तरह पर्दे पर अपना असर नहीं छोड़ पाते। शीबा हर सीन में लाइम लाइट चुरा ले जाती हैं वहीं कुब्रा का स्क्रीन प्रेजेंस भी कमाल का है। अली खान ने भी बेहतरीन काम किया है।
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कहां है कमी ?
पहले सीजन की तुलना में इस सीजन की स्क्रिप्ट थोड़ी कमजोर है। कहानी अच्छी है लेकिन स्क्रीन पर इसे ठीक तरीके से नहीं उतारा गया है, इसी वजह से सीरीज कहीं-कहीं थोड़ी धीमी और ठंडी पड़ जाती है। नोयोनिका और राजीव के रिश्ते में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिलता और ना ही कोर्ट में दलीलें उतनी स्ट्रांग लगती हैं। बैकग्राउंड म्यूजिक भी उतना शानदार नहीं है लेकिन ड्रामेटिक धुन सीन को इंटेंस बनाने का काम कर देती है।
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देखें या नहीं ?
अगर आप काजोल के फैन हैं और आप उनके किरदार नोयोनिका की आगे की जर्नी देखना चाहते हैं तो एक बार इस सीरीज को देख सकते हैं।
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