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Spider-Man Across The Spider Verse Review: पवित्र प्रभाकर बन शुभमन गिल का स्पाइडर वर्स में दमदार डेब्यू

Spider-Man Across The Spider Verse Review स्पाइडर-मैन एक्रॉस द स्पाइडर वर्स की खास बात यह है कि यह फिल्म एनिमेनेट होने के बावजूद असली-सी लगती है। फिल्म सुपरहीरो को अलग तरह से पेश करती है और साथ में एक संदेश भी देती है।

By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthPublished: Thu, 01 Jun 2023 06:38 PM (IST)Updated: Thu, 01 Jun 2023 06:49 PM (IST)
Spider-Man Across The Spider Verse Review: पवित्र प्रभाकर बन शुभमन गिल का स्पाइडर वर्स में दमदार डेब्यू
SpiderMan Across The Spider Verse Review. Photo- Twitter

स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। Spider-Man Across The Spider Verse Review: वर्ष 2018 में प्रदर्शित एनिमेटेड सुपरहीरो फिल्‍म 'स्‍पाइडर-मैन: इनटू द स्‍पाइडर वर्स' को सर्वश्रेष्ठ एनिमेशन फिल्‍म के ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया था। अब करीब पांच साल बाद इसकी सीक्‍वल 'स्पाइडर-मैन: एक्रॉस द स्पाइडर वर्स' गुरुवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है।

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क्या है 'एक्रॉस द स्पाइडर-वर्स' की कहानी?

ग्वेन स्टेसी (सौदामिनी की आवाज) अपने पिता, जॉर्ज (सुनील नांबियार की आवाज) से स्‍पाइडर वुमन होने की पहचान को छुपाकर रखती है। अचानक से जब खलनायक गिद्ध (वल्‍लभ भिंगारे की आवाज) उसकी दुनिया पर हमला करता है तो उसका पीछा कर रहे आत्मविश्वास से भरी गर्भवती स्पाइडर-वुमन जेसिका (शगुफ्ता अबरार) और उसके सहयोगी से उसकी मुलाकात होती है।

वे ग्वेन को बताते हैं कि वे एक गुप्त स्पाइडर-सोसायटी का हिस्सा हैं, जो अंतर-ब्रह्मांड की गलतियों को सुधार रहे हैं और उन लोगों को घर वापस भेज रहे हैं, जो गलत यूनिवर्स में आ गए हैं। ग्वेन की पहचान जब उसके पिता के सामने उजागर हो जाती है, तो वह स्पाइडर क्रू में शामिल हो जाती है, ताकि मल्‍टीवर्स की गलतियों को ठीक किया जा सके।

आपको याद होगा कि माइल्स मोरेल्‍स (कौस्‍तुभ) भी उन त्रुटियों में से एक है। उसकी जान बचाते हुए उसके ब्रह्मांड के पीटर पारकर की मौत हो जाती है और वो मकड़ी जिसने माइल्‍स को काटा था, उसे वहां नहीं होना चाहिए था। बहरहाल, माइल्‍स अपने यूनिवर्स ब्रुकलिन पर है। वह एक बेहतर छात्र होने के साथ बेहतर स्‍पाइडरमैन होने की कोशिश कर रहा है।

अपनी दुनिया में एकमात्र स्‍पाइडरमैन माइल्स का सामना स्पॉट (राजेश कावा की आवाज) से होता है। शुरुआत में वह उसे हल्‍के में लेता है, लेकिन धीरे-धीरे उसे समझ आता है कि वह उससे प्रतिशोध लेने आया है। दरअसल, स्‍पॉट का अतीत है। उसकी हरकतें स्‍पाइडर सोसाइटी का ध्‍यान खींचती हैं। उसकी वजह से ग्‍वेन और उसके सहयोगी उसके पकड़ने आते हैं।

इस बीच ग्‍वेन अपने पुराने दोस्‍त माइल्‍स से मिलने आती है। स्‍पॉट के पीछे लगी ग्‍वेन का पीछा करते हुए माइल्‍स मुंबाटा पहुंच जाता है, जहां उसकी मुलाकात पवित्र प्रभाकर (शुभमन गिल की आवाज) से होती है। वहां से माइल्‍स जब स्‍पाइडर मैन के हेड क्‍वार्टर जाता है, जहां पर सैकड़ों स्पाइडरमैन होते हैं।

वहां उसे कुछ ऐसी चीजें पता चलती हैं कि जो उसे स्‍वीकार नहीं। वह वहां से भागने में कामयाब हो जाता है, लेकिन दूसरे ब्रह्मांड में पहुंच जाता है, जहां पर पहले से एक और माइल्‍स मौजूद है।

कैसी है फिल्म की स्टोरी और स्क्रीनप्ले?

पहली फिल्म में दर्शाया गया था कि नायक कौन बनता है तो सीक्‍वल उसे विस्‍तार देती है कि वीरता को कैसे परिभाषित किया जाता है। नायक की खूबियां कैसी होनी चाहिए। पहली फिल्म की तरह सीक्‍वल के विजुअल्‍स शानदार हैं, जिसमें स्पाइडर की दुनिया का हर पहलू अपनी शैली को बनाए रखता है।

निर्देशक कैंप पॉवर्स, जस्टिन के थामसन और अक्‍यूम सेंटोज की तिकड़ी ने पहली फिल्‍म में निर्मित दुनिया के सौंदर्यीकरण और उसे दर्शाने की प्रक्रिया पर बारीकी से काम किया है। रंगों का संयोजन पात्रों के मूड और माहौल के अनुरूप है, जिसमें आप आसानी से रच-बस जाते हैं।

एनिमेटेड होने के बावजूद पात्र आपको सजीव नजर आते हैं। स्‍पाइडरमैन का कूदने-फांदने और किसी की जान बचाने का दृश्‍य हो या स्‍पाइडर सोसाइटी में जब माइल्‍स को पकड़ने के लिए सारे स्‍पाइडरमैन लग जाते हैं, वे दृश्‍य आपको रोमांचित करते हैं। ग्‍वेन और माइल्‍स का पहली मुलाकात के दौरान इमारतों पर चलते, कूदते-फांदते और बैंक के टावर पर बैठकर बात करने के दृश्‍य भी लुभाते हैं।

फिल्‍म का एक्‍शन हालीवुड फिल्‍मों की तरह ही शानदार है। उसमें बैकग्राउंड संगीत का भी पूरा सहयोग मिला है। फिल्‍म किशोरों की परवरिश को लेकर माता पिता की चुनौतियों को भी थोड़ा छूती है। साथ ही 15 साल के माइल्‍स को माता-पिता की इच्‍छाओं को लेकर किस प्रकार के दबाव का सामना करना पड़ रहा है उसे गहराई से दर्शाया गया है।

फिल्‍म का खास आकर्षण भारतीय दर्शकों के लिए भारतीय स्‍पाइडरमैन पवित्र प्रभाकर और उसकी गर्लफ्रेंड गायत्री है। उस दुनिया को थोड़ा और विस्‍तारित करने की जरुरत महसूस होती है। फिल्‍म के लिए भारतीय क्रिकेटर शुभमन गिल ने पहली बार डबिंग की है। उनकी आवाज किरदार साथ फिट बैठती है।

इस फिल्म में कई सवाल अनुत्‍तरित रह गए हैं। निश्चित रुप से अगले साल रिलीज होने वाली इस सीरीज की अंतिम फिल्‍म 'स्‍पाइडरमैन: बियांड द स्‍पाइडर वर्स' में उनके जवाब मिलेंगे, जब माइल्‍स अपने यूनिवर्स पर वापस लौटने की जुगत में लगा होगा और ग्‍वेन अपने साथियों के साथ उसकी मदद के लिए आएगी।

हिंदी डबिंग कलाकार: कौस्‍तुभ, शुभमन गिल, सौदामिनी, राजेश कावा, नताशा जॉन, ईश ठक्‍कर, वल्‍लभ भिंगारे, अर्चित मौर्य आदि।

निर्देशक: कैंप पॉवर्स, जस्टिन के. थामसन और अक्‍यूम सेंटोज

अवधि: दो घंटा 19 मिनट

स्‍टार: साढ़े तीन


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