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    Love in Vietnam Review: मोहब्बत और तलाश की इमोशनल यात्रा है कहानी, आपको एक गहरे सवाल के साथ छोड़ जाएगी फिल्म

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 08:11 PM (IST)

    राहत शाह काजमी द्वारा निर्देशित लव इन वियतनाम एक गहन इंडो-वियतनामी रोमांटिक ड्रामा है जो 12 सितंबर 2025 को रिलीज होने वाली है। अवनीत कौर शांतनु माहेश्वरी और वियतनामी अभिनेत्री कहंगन अभिनीत यह फिल्म भारत और वियतनाम के बीच एक अनूठी सांस्कृतिक साझेदारी को पेश करती है। आपको इसकी कहानी से प्यार हो जाएगा।

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    लव इन वियतनाम कैसी फिल्म है (फोटो-जागरण ऑनलाइन)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। बॉलीवुड अक्सर हमें रोमांटिक कहानियां देता है, लेकिन कुछ फिल्में दिल को सिर्फ छूती नहीं बल्कि उसमें बस जाती हैं। राहत शाह काज़मी द्वारा निर्देशित लव इन वियतनाम (Love in Vietnam) ऐसी ही एक फिल्म है, जो मोहब्बत, तलाश और यादों को बहुत संवेदनशील तरीके से दर्शकों के सामने लाती है। फिल्म में अवनीत कौर (Avneet Kaur),शांतनु माहेश्वरी (Shantanu Maheshwari) और वियतनामी अभिनेत्री कहंगन (Khan Ngan) नजर आए।

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    कहानी जो दिल को छू जाए

    कहानी की शुरुआत हमें बचपन की मासूमियत में ले जाती है। मानव (शांतनु माहेश्वरी) और सिम्मी (अवनीत कौर) का रिश्ता उस मोहल्ले की याद दिलाता है, जहां दोस्ती धीरे-धीरे मोहब्बत में बदल जाती है। लेकिन किस्मत की करवट उन्हें जुदा कर देती है। मानव को अपने ताऊजी (राज बब्बर) के साथ पढ़ाई के लिए वियतनाम जाना पड़ता है। वहां उसकी नजर लिन (कहंगन) की तस्वीर पर पड़ती है और वहीं से कहानी में नया मोड़ आता है। सवाल उठता है- क्या लिन हकीकत है या सिर्फ़ एक ख्वाब? यही तलाश फिल्म का दिल बन जाती है।

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    शांतनु की दमदार परफॉर्मेंस

    शांतनु माहेश्वरी ने मानव को जिस ईमानदारी से जिया है, वह तारीफ के काबिल है। उनके चेहरे के हावभाव और भावनाओं की बारीकी दर्शक को तुरंत जोड़ देती है। वहीं अवनीत कौर ने दूसरे हाफ को कवर किया है। उनका सहज और नेचुरल अभिनय दर्शकों को भावुक कर देता है। कहंगन स्क्रीन पर आते ही वियतनाम की आत्मा को जीवंत कर देती हैं। वहीं फरीदा जलाल, राज बब्बर और गुलशन ग्रोवर जैसे वरिष्ठ कलाकारों की मौजूदगी ने फ़िल्म को गहराई दी है।

    कैसा है निर्देशन और लेखन?

    राहत शाह काज़मी का निर्देशन इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने सिर्फ एक तुर्किश नावेल को अडॉप्ट नहीं किया, बल्कि उसे इंडो-वियतनामी रंग देकर एक नया सिनेमाई अनुभव बना दिया। कृतिका रामपाल के साथ उनकी लेखनी इस बात का सबूत है कि जब कहानी को सच्चाई से लिखा जाए, तो वह हर संस्कृति में अपनी जगह बना सकती है।

    क्यों देखनी चाहिए फिल्म?

    फिल्म के संगीत के साथ इसकी सिनेमेटोग्राफी भी कमाल की है। वियतनाम की झीलें, गलियां और प्राकृतिक नजारे पोस्टकार्ड जैसे लगते हैं। एडिटिंग थोड़ी और बेहतर हो सकती थी, लेकिन म्यूज़िक और विज़ुअल्स उस कमी को छुपा लेते हैं। अगर मैं कुछ बिंदु बताऊं जिनकी वजह से आपको ये फिल्म देखनी चाहिए उसके लिए इसकी कहानी, भारतीय और वियतनामी संस्कृति का संगम, शानदार संगीत और सिनेमेटोग्राफी। ये सभी गुण देखने लायक हैं।

    लव इन वियतनाम सिर्फ एक रोमांटिक फिल्म नहीं है, बल्कि यह उस तलाश की कहानी है जिसमें मोहब्बत, बिछड़न और यादों की गहराई है। यह फ़िल्म दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करती है कि मोहब्बत का असली मतलब क्या सिर्फ़ पाना है या फिर छोड़ देना भी उसका हिस्सा है।

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