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    Jurassic World Rebirth Review: डायनासोर की दुनिया में इस बार कुछ नया नहीं, सिर्फ एक कारण से जा सकते हैं थिएटर

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 06:18 PM (IST)

    66 मिलियन साल पहले ही डायनासोर की प्रजाति खत्म हो गई थी। हालांकि साल 1993 में जिस तरह से इस विलुप्त प्रजाति को फिल्म जुरासिक वर्ल्ड में निर्देशक ने दिखाया और उसकी हर तरफ सराहना हुई। कई पार्ट्स के बाद अब हाल ही में मेकर्स 2025 में जुरासिक वर्ल्ड-रीबर्थ लेकर आए हैं जिसमें स्काटलेट जॉनसन दोबारा नजर आईं। जुरासिक वर्ल्ड-रीबर्थ पहले के पार्ट्स से बेहतर है या नहीं पढ़ें रिव्यू

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    जुरासिक वर्ल्ड रीबर्थ रिव्यू/ फोटो क्रेडिट- Jagran Graphics

    प्रियंका सिंह, मुंबई। डायनासोर की दुनिया फिर बड़े पर्दे पर दिखी जुरासिक वर्ल्ड रिबर्थ फिल्म में। यह साल 2022 में रिलीज हुई जुरासिक वर्ल्ड डोमिनिअन की सीक्वल है। यह जुरासिक वर्ल्ड की चौथी और जुरासिक पार्क फ्रेंचाइज की सातवीं फिल्म है।

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    क्या पहले से बेहतर है जुरासिक वर्ल्ड रीबर्थ की कहानी? 

    कहानी यूं है कि दवा बनाने वाली कंपनी का मालिक मार्टिन क्रेब्स (रुपर्ट फ्रेंड) एक ऐसी दवा बनाना चाहता है, जो दिल की बीमारी रोक सके। वह इसके लिए डायनासोर की प्रजातियों के खून और टिश्यूज के नमूने लेना चाहता है, जो कई सालों तक जीते हैं। हालांकि, वह डायनासोर अब शहर से दूर ऐसी जगह पर रहते हैं, जहां का माहौल उनके अनुकूल हो।

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    वह इस काम के लिए स्पेशल फोर्स में काम कर चुकी जोरा बेनेट (स्कारलेट जोहानसन) को अपने साथ जोड़ता है। इसके लिए वह उसे मोटी रकम भी देता है। इस टीम में जोरा के पहचान वाले और लोग भी जुड़ते हैं। बीच समुद्र में उन्हें एक परिवार भी मिलता है, जिसकी नाव डायनासोर ने बर्बाद कर दी होती है।

    Photo Credit- Imdb

    2 घंटे 13 मिनट की फिल्म में कुछ नयापन नहीं

    साल 1993 में जब पहली बार डायनासोर को बड़े पर्दे पर जुरासिक पार्क फिल्म में लोगों ने देखा था, तो उसका रोमांच ही अलग था। उस रोमांच को यह फिल्म बरकरार नहीं रख पाती है। हॉलीवुड की फिल्मों में वहीं पुराना कान्सेप्ट आज भी चल रहा है, जहां हर कोई दुनिया को बचाने के लिए निकल पड़ता है।

    कुछ लोगों की टीम का साथ निकलना, उसमें से कुछ डायनासोर का शिकार बन जाना, घने जंगल में पुराना लैब, घर, नाव, बंदूकें मिल जाना यह सब पहले भी इस तरह की कई फिल्मों में देखा जा चुका है। पहले ही अंदाजा लग जाता है कि टीम में गद्दारी कौन करेगा। ऐसे में दो घंटे 13 मिनट तक फिल्म को देखना ऊबाऊ लगता है। जुरासिक पार्क (1993) और द लॉस्ट वर्ल्ड : जुरासिक पार्क की कहानी लिख चुके डेविड कैप के पास मौका था कि वह कुछ नयापन कहानी में लाते, लेकिन वह इसमें असमर्थ रहे।

    Photo Credit- Imdb

    गॉडजिला जैसी फिल्म का निर्देशन कर चुके गैरेथ एडवर्ड भी कमजोर कहानी को निर्देशन से नहीं संभाल पाते हैं। बैकग्राउंड स्कोर ऐसा नहीं, जो आपको कुर्सी पर आगे आकर बैठने पर मजबूर करे। हालांकि फिल्म में विजुअल इफेक्ट शानदार हैं और इसमें सिनेमैटोग्राफर जॉन मैथीसन का पूरा साथ मिला है। पानी, धरती और आसमान में उड़ने वाले डायनासोर को देखना मजेदार लगता है।

    स्कारलेट जोहानसन का शानदार अभिनय

    अभिनेत्री स्कारलेट जोहानसन कमजोर कहानी के बाद भी फिल्म को अपने दमदार अभिनय से संभालती हैं। इसमें उनका साथ महर्शला अली, रुपर्ट फ्रेंड और बाकी कलाकार देते हैं।

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