Move to Jagran APP

Fukrey 3 Review: कॉमेडी के कम पंचेज में अहम संदेश का तड़का, चूचा और भोली पंजाबन ने जमाया रंग

Fukrey 3 Review फुकरे एक सफल फ्रेंचाइजी रही है जिसकी दोनों फिल्मों को दर्शकों ने पसंद किया था। तीसरी फिल्म 28 सितम्बर को रिलीज हो गयी है। इस कॉमेडी ड्रामा का निर्देशन मृगदीप सिंह लाम्बा ने किया है। फिल्म के निर्माता फरहान अख्तर हैं। पंकज त्रिपाठी पुलकित सम्राट वरुण शर्मा मनजोत सिंह और रिचा चड्ढा मुख्य भूमिकाओं में हैं। पढे़ं पूरा रिव्यू।

By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthPublished: Thu, 28 Sep 2023 01:14 PM (IST)Updated: Thu, 28 Sep 2023 01:14 PM (IST)
फुकरे 3 रिलीज हो गयी है। फोटो- इंस्टाग्राम

प्रियंका सिंह, मुंबई। फ्रेंचाइजी फिल्मों के मेले में फुकरे 3 भी शामिल हो गई है। पिछले दस सालों में इस फ्रेंचाइज की यह तीसरी फिल्म है। हालांकि, इस बार चार फुकरों में से एक फुकरा जफर यानी अली फजल कहानी का हिस्सा नहीं हैं। उनकी कमी खलती नहीं है, ऐसा क्यों होता है वह फिल्म देखने पर पता चलेगा।

loksabha election banner

चूचा का देजा चू और भोली का इलेक्शन

फुकरे 3 की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां फुकरे रिटर्न्स खत्म हुई थी। दिलीप सिंह उर्फ चूचा (वरुण शर्मा), विकास गुलाटी उर्फ हनी (पुलकित सम्राट), लाली हलवाई (मनजोत सिंह) और पंडित जी (पंकज त्रिपाठी) जनता नाम की इलेक्ट्रानिक की दुकान चला रहे हैं। दुकान घाटे में जा रही है, लेकिन चूचा का डेजा चू (डेजा वू) का काम चल रहा है।

भोली पंजाबन (रिचा चड्ढा) को चुनाव लड़ने के लिए जनहित समाज पार्टी से टिकट मिल गया है। वह चुनाव प्रचार के लिए लाली, चूचा, पंडित जी और हनी की मदद लेती है, लेकिन प्रचार के दौरान चूचा कुछ ऐसा कर जाता है कि जनता उसे पसंद करने लग जाती है।

हनी को आइडिया आता है कि क्यों न चूचा को चुनाव में भोली के विरुद्ध खड़ा किया जाए, क्योंकि अगर भोली जीतेगी, तो वह सत्ता का दुरुपयोग करेगी। कई एंगल को जोड़ते हुए कहानी अंत में एक संदेश के साथ खत्म होती है।

यह भी पढ़ें: Friday Releases- सितम्बर के आखिरी हफ्ते में बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होंगी ये फिल्में, बढ़ेंगी 'जवान' की मुश्किलें?

पानी टैंकर माफिया के खिलाफ संदेश

कमर्शियल फिल्मों में संदेश देने का ट्रेंड इन दिनों कुछ ज्यादा ही चल रहा है। पिछले दिनों जवान में मतदान की अहमियत पर प्रकाश डाला गया था। फुकरे 3 में जल संकट की ओर ध्यान खींचते हुए पानी टैंकर माफिया के खिलाफ मुहिम छेड़ी गई है। हालांकि, इन मुद्दों की गहराई में विपुल विग की लिखी यह कहानी नहीं जाती है।

एक बात जो खटकती है वह यह कि चुनाव में खड़े हुए भोली और चूचा के मुफ्त में पानी देने के वादों को झूठा समझकर लोग उनके पुतले जलाते हैं, जबकि सत्ता में बैठे लोगों पर उनका गुस्सा नहीं फूटता है। खैर, इसे सिनेमाइ लिबर्टी कह सकते हैं। विपुल के पास राजनीति को पृष्ठभूमि बनाते हुए उसके आसपास कई कॉमिक पंचेज लिखने का मौका था, जिसमें वह चूक गए।

दक्षिण अफ्रीका पहुंचे फुकरे

इस बार फुकरे दक्षिण अफ्रीका की भी सैर कर आते हैं। वहां फिल्माए कॉमिक दृश्य मजेदार हैं। खासकर खादान में गुंजती आवाज में आंटी का खाना खाने के लिए पूछना और चूचा का उस पर जवाब देना। मृगदीप सिंह लांबा के निर्देशन की खासियत यही है कि वह हास्य पैदा करने के लिए पहले एक माहौल तैयार करते हैं, जिसके बीच में छोटे-छोटे कॉमिक दृश्य संवादों के जरिए चलते रहते हैं।

यह बात इसकी तीसरी किस्त में भी है, लेकिन कहानी की गति, उसमें खलल पैदा करती है। इस वजह से कई कॉमेडी के पंच सही नहीं बैठते हैं। फुकरे फ्रेंचाइजी अपने संगीत के लिए भी जानी जाती है, हालांकि उस मामले में यह फिल्म निराश करेगी। टाइटल सॉन्ग के अलावा कोई गाना याद नहीं रहता है।

पेट्रोल बनाने का तरीका हो, चुनाव लड़ने की प्रक्रिया हो या वॉटर पार्क के क्लोरीन मिले पानी में मगरमच्छ का आसानी से तैरना हो, यह दृश्य वास्तविकता से कोसों दूर, बिना दिमाग वाली कॉमेडी दिखाते हैं। हालांकि, इसे पचाना इसलिए आसान हो जाता है, क्योंकि फुकरे फ्रेंचाइजी जानी ही ऐसी कॉमेडी के लिए जाती है, जिसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है।

इस बार के लेखन में लाली, हनी और चूचा के बीच की दोस्ती थोड़ी सी बिखरी हुई नजर आई। इस बार चूचा के अलावा फिल्म में किसी का लव एंगल नहीं रखा गया है, जिसकी वजह से रोमांटिक गानों के लिए जगह ही नहीं बची। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और एडिटिंग अच्छी है, जो कई जगहों पर धीमी होती फिल्म को संभाल लेती है।

पंडित जी बने फिल्म के दरबान

View this post on Instagram

A post shared by Excel Entertainment (@excelmovies)

कहानी का जिम्मा इस बार चूचा और भोली पंजाबन की बजाय चूचा और पंडित जी के कंधों पर ज्यादा है। खास बात यह है कि साल 2017 में रिलीज हुई फुकरे रिटर्न्स के छह सालों बाद भी सभी कलाकार अपने किरदार में आसानी से उतर गए हैं। चूचा की भूमिका में वरुण शर्मा और भी सहज नजर आते हैं।

वह चूचा की मासूमियत को बरकरार रखते हैं। हनी की भूमिका में पुलकित सम्राट फिर से चूचा के आसपास घटित हो रही चीजों के पीछे का तर्क ढूंढ निकालते हैं। लाली की भूमिका में मनजोत सिंह के पास इस बार संवाद कम हैं। हालांकि, उसमें भी वह हंसाने में कामयाब होते हैं।

भोली पंजाबन का किरदार रिचा चड्ढा ने आत्मसात कर लिया है। इस किस्त में वह बोलती कम हैं, लेकिन जब भी बोलती हैं, पहले वाली भोली का रंग तुरंत दिख जाता है। पंकज त्रिपाठी ने फिल्म के ट्रेलर लांच पर कहा था कि वह पहली फुकरे फिल्म में कॉलेज के गेट के दरबान से अब पूरी फिल्म के दरबान बन गए हैं।

यह बात सच लगती है, क्योंकि फ्रेम में जब पंकज होते हैं, तो हंसी आना तय है। कभी अपने संवादों से तो कभी केवल हावभाव से वह लोटपोट करते हैं।

यह भी पढ़ें: Fukrey 3 Song Mashoor- फुकरों और भोली पंजाबन में 'मशहूर' होने की मची होड़, 'फुकरे 3' के नए गाने में दिखी जंग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.