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    दुनिया का सबसे मनहूस गाना जिसने ली 100 लोगों की जान, 'किलर सॉन्ग' का सच जान कांप जाएगी आपकी रूह!

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 04:52 PM (IST)

    कई बार गाने हमारे लिए थैरेपी का काम करते हैं। चाहे हिंदी हो, अंग्रेजी हो या फिर कोई और भाषा हो, संगीत एक ऐसा माध्यम है जो सीधा लोगों को दिलों से जोड़ता है, लेकिन अगर हम आपसे कहें कि एक गाना ऐसा भी बना जिसे मनहूस कहा गया, तो क्या आप इस पर यकीन करेंगे? जी हां, आज हम आपको एक ऐसे गाने के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने कई लोगों की जान ली।

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    ये है वो मनहूस गाना, जिसने ली कई लोगों की जान!

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली. अगर दुख है...तो गाने सुन लेते हैं। अगर खुश हैं...तो भी गाने सुन लेते हैं....लगभग हर इमोशन को गानों के जरिए बयां किया जाता है। कई बार गाने हमारे लिए थैरेपी का काम करते हैं। चाहे हिंदी हो, अंग्रेजी हो या फिर कोई और भाषा हो, संगीत एक ऐसा माध्यम है जो सीधा लोगों को दिलों से जोड़ता है, लेकिन अगर हम आपसे कहें कि एक गाना ऐसा भी बना जिसे मनहूस कहा गया, तो क्या आप इस पर यकीन करेंगे? जी हां, आज हम आपको एक ऐसे गाने के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने कई लोगों की जान ली।

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    गाने को सुन 100 से ज्यादा लोगों ने दी जान
    दरअसल साल 1933 में ये गाना आया था। हंगरी के मशहूर रेजसो सेरेस नाम के एक संगीतकार ने 'ग्लूमी संडे' (Gloomy Sunday) नाम का एक गाना लिखा था। हालांकि यह गाना साल 1935 में आया था। इस गाने के लिखे जाने के पीछे भी एक अलग कहानी है। दरअसल रेजो सेरेस ने यह गाना तब लिखा था जब उनकी प्रेमिका से उनका ब्रेकअप हो गया था और उनकी गर्लफ्रेंड उन्हें छोड़कर चली गई थी और इसके बोल बेहद ही दुखी करने वाले थे।

    गाने को जिसने भी सुना वो काफी ज्यादा दुखी हुआ। गाने के लिरिक्स दिल को चीर देने वाले थे। बताया जाता है कि इस गाने के रिलीज के कुछ दिन बाद ही लोगों ने आत्महत्याएं करनी शुरू कर दी थीं। इसलिए इस गाने को 'हंगेरियन सुसाइड सॉन्ग' का नाम दिया गया। कुछ लोग ये भी मानते हैं कि इस गाने को सुनने के बाद करीब 100 लोगों ने अपनी जान दे दी थी। साल 1935 में एक मोची ने गाना सुनने के बाद आत्महत्या कर ली थी और उसके सुसाइड नोट में ग्लूमी संडे के लिरिक्स लिखे मिले थे। इसके बाद ये सिलसिला आगे बढ़ता चला गया।

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    गर्लफ्रेंड के बाद खुद सिंगर ने भी की थी आत्यहत्या
    इस गाने को लिखने वाले रेजसो सेरेस ने भी आत्महत्या कर ली थी। हैरानी की बात ये है कि इस गाने को सुनने के बाद सेरेस की गर्लफ्रेंड ने भी सुसाइड कर लिया था। सबसे हैरानी की बात ये है कि सिंगर ने अपनी मौत के लिए वही दिन चुना था, जिसका जिक्र उन्होंने अपने गाने में किया था। सेरेस ने जनवरी 1968 में बुडापेस्ट में आत्महत्या कर ली थी। हालांकि तब वो एक खिड़की से कूदकर बच गए थे, लेकिन बाद में अस्पताल में उन्होंने एक तार से गला घोंटकर अपनी जान दे दी।

    क्यों इतना मनहूस था ये गाना?
    इस गाने को सुनने के बाद जब इतनी जानें गईं तो इस गाने के पीछे छिपे लिरिक्स की जांच पड़ताल की गई कि आखिर इस गाने में ऐसा क्या है, जो लोग आत्यहत्याएं कर रहे हैं। जांच के बाद सामने आया कि ये गाना हंगेरियन भाषा में था और उसे उस दौर में रिलीज किया गया था जब हंगरी आर्थिक तंगी और सामाजिक दिक्कतों से जूझ रहा था। लोग पहले से ही डिप्रेशन और तनाव का शिकार थे और इसी बीच ग्लूमी संडे नाम का ये गाना आया, जिसने लोगों की जिंदगी में और दुख भर दिया। गाने में जिंदगी की निराशा, युद्ध, गरीबी और अकेलेपन को दर्शाया और सुनाया गया। गाने को सुनने के बाद लोग खुद को इससे जोड़ते थे और फिर खुद को खत्म कर लेते थे।

    इतने विवादों और आत्यहत्याओं के बाद साल 1941 में इस गाने पर सरकार द्वारा बैन लगा दिया गया। इसे किलर सॉन्ग का टैग दे दिया गया। हालांकि सालों बाद साल 2003 में इस गाने से बैन हटा और इसे दोबारा दुनिया के सामने पेश किया गया, लेकिन इस बार चेतावनी के साथ इसे रिलीज किया गया। इस गाने की कहानी पर आधारित फिल्म 'ग्लूमी संडे' 1999 में रिलीज हुई और ये फिल्म हंगरी और जर्मनी में रिलीज की गई।

     

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