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    क्या होता है Digital Arrest जिसके चपेट में आए इन्फ्लुएंसर Ankush Bahaguna, जानिए कैसे किया जाए इससे बचाव?

    By Anu Singh Edited By: Anu Singh
    Updated: Tue, 07 Jan 2025 10:58 AM (IST)

    डिजिटल अरेस्ट देश में काफी तेजी से फैल रहा है और इसकी चपेट में आम लोगों से लेकर कई पॉपुलर लोग भी आ चुके हैं। ऐसे ही एक अरेस्ट की गिरफ्त में पॉपुलर इन्फ्लुएंसर अंकुश बहुगुणा भी आ गए थे। स्कैमर्स ने उन्हें 40 घंटो तक डिजिटल अरेस्ट में रखा जिसके बाद उनकी हालात काफी खराब हो गई थी। आइए बताते हैं ठग ने उन्हें अपने जाल में कैसे फंसाया।

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    40 घंटो के लिए डिजिटल अरेस्ट में रखे गए इन्फ्लुएंसर (Photo Credit- Instagram)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। डिजिटल अरेस्ट के लगातार बढ़ते मामले लोगों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। स्कैमर्स की इस नई चाल के कारण आम लोगों को फाइनेंशली और इमोशनली कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में फेमस सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अंकुश बहुगुणा के साथ हुई घटना ने डिजिटल अरेस्ट के मुद्दे को और भी चिंताजनक बना दिया है।

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    अंकुश से मिली जानकारी के अनुसार ठगों ने उन्हें तकरीबन 40 घंटे तक परेशान किया था। आज हम आपको अंकुश के साथ हुई इस घटना के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं ताकी आप इन मामलों के लिए पहले से सचेत हो जाएं।

    स्कैमर्स की गिरफ्त में कैसे आए अंकुश बहुगुणा?

    अंकुश अपने साथ हुई इस घटना के बारे में बताया कि वो सोशल मीडिया और तमाम जगह से इसलिए गायब थे क्योंकि वो उन्हें कुछ स्कैमर्स ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया था। अंकुश ने बताया कि उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से कॉल आई, जिसे उन्होंने बिना सोचे रिसीव कर लिया। ये सारा सिलसिला एक नॉर्मल कॉल से शुरू हुआ जो एक पैकेज डिलीवरी का था। उनके बस कॉल उठाने लेने से वो ऐसी मुसीबत में फंस जाएंगे इसका अंकुश आभास नहीं था।

    कॉल पर उनसे कहा गया कि उनका एक पैकेज कैंसिल कर दिया गया है जिसके बाद बाद उन्हें एक दूसरे कॉल पर जोड़ा गया, जहां कॉलर ने बताया कि कस्टम विभाग ने उनके पैकेज को अवैध सामान के चलते जब्त कर लिया है। यह सुनकर अंकुश घबरा गए और इसी बात का फायदा ठगों ने उठाया। उन्होंने शेयर किए वीडियो में कहा,

    मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती। कॉल ने उन्हें एक किसी कस्टमर सपोर्ट एग्जीक्यूटिव से कनेक्ट किया, जिसने उन्हें बताया कि चीन के लिए गैरकानूनी पैकेज से मेरा नाम जुड़ा पाया गया है। फिर एग्जीक्यूटिव ने इन्फ्लुएंसर को बताया कि पहले ही गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा चुका है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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    कॉपरेट करने के लिए मिली धमकी

    इस बात को सुनकर घबराए अंकुश ने पैकेज के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया, लेकिन फिर उन्हें बताया गया कि मामले को खत्म करने के लिए उन्हें पुलिस से बात करनी होगी। स्कैमर्स ने उन्हें भरोसा दिलाया कि पुलिस स्टेशन जाने के लिए फिलहाल समय नहीं है। ऐसे में उन्हें सीधे एक पुलिस अधिकारी से जोड़ा जा रहा है।

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    वीडियो कॉल पर मौजूद अधिकारी, जो ऑफिशियल लग रहा था, ने उनसे पूछताछ शुरू की, उन पर मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी और अन्य गंभीर अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया। अधिकारी ने उनसे कहा,

    'आप इस मामले में एक प्रमुख सस्पेक्ट हैं और कहा कि जब तक वह पूरी तरह से सहयोग नहीं करते, उन्हें हिरासत में लिया जाएगा और उनके साथ टॉर्चर किया जाएगा।'

    क्या है डिजिटल अरेस्ट?

    डिजिटल अरेस्ट एक तरह का ऑनलाइन स्कैम है जिससे स्कैमर पुलिस, CBI, ED, कस्टम, इनकम टैक्स या नारकोटिक्स अधिकारी बनकर पीड़ित व्यक्ति को कॉल करते हैं और फिर उन पर या उनके करीबियों पर कुछ अवैध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हैं। इसके बाद स्कैमर इस मामले को निपटाने का हवाला देते हुए तुरंत वीडियो कॉल की मांग करते हैं कॉल या वीडियो कॉल पर अरेस्ट करके टॉर्चर करते हैं। इसके बाद जाली आईडी या अदालती दस्तावेज दिखाकर उन पर "गिरफ्तारी" से बचने के लिए 'जुर्माना' देने का दबाव डाला जाता है।

    इससे बचने के लिए सबसे पहले आपको ये पता होना जरूरी है कि सही और लीगल सरकारी एजेंसियां किसी भी तरह की आधिकारिक बातचीत या गिरफ्तारी के लिए व्हाट्सएप या स्काइप जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं करती हैं। इसलिए ऐसे कॉल आने पर आपको पहले ही सचेत हो जाना है। अगर आपके फोन पर कोई संदिग्ध कॉल आती है, तो तुरंत आपको अपने लोकल पुलिस या नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर जाकर उसकी रिपोर्ट करना है।

    दोस्तों की मदद से हुआ पर्दाफाश

    यहां तक वो इतना परेशान हो चुके थे कि उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। अंकुश ने आगे बताया गया कि एक टाइम पीरियड के लिए अधिकारियों ने उन्हें सेल्फ कस्टडी में रखा। उन्हें 40 घंटे तक परिवार-दोस्तों से बात या कॉन्टैक्ट न करने की धमकी दी गई। अंकुश ने कहा, 'उन्होंने मुझे पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया। मैं किसी से बात नहीं कर सकता था, कॉल नहीं उठा सकता था, या मैसेज भी नहीं देख सकता था। उन्होंने दावा किया कि मैं सेल्फ कस्टडी में हूं और मैंने जो कुछ भी किया, उसका इस्तेमाल मेरे खिलाफ किया जा सकता है।

    Photo Credit- Instagram

    इस दौरान उनके दोस्तों और घरवालो को उनका बर्ताव कुछ अलग लग रहा था। शुरू में तो सबको यकीन दिलाने में कामयाब रहे कि वो एकदम नॉर्मल हैं और बस बीजी होने के कारण ऐसा बिहेव कर रहे हैं। मगर कुछ वक्त बाद उन्हें अपने एक दोस्त के माध्यम से पता लगा कि डिजिटल अरेस्ट नाम का एक नया स्कैम इस वक्त तेजी से फैल रहा है। इसके बाद वो इस स्कैम से बाहर आ पाए।

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