Who Is Srikanth: पढ़ाई के लिए ठोका केस, IIT से रिजेक्शन के बाद MIT में की पढ़ाई... जानिए कौन हैं श्रीकांत बोला?
Rajkummar Rao आगामी फिल्म श्रीकांत (Srikanth) में यंग बिजनेसमैन श्रीकांत बोला (Who Is Srikanth Bolla) का किरदार निभाते दिखाई देंगे। आज फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो गया है और लोग श्रीकांत के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं। श्रीकांत ने कितनी मुश्किल से अपनी पढ़ाई पूरी की और कैसे वह बिजनेसमैन बने चलिए आपको उनकी कहानी से रूबरू कराते हैं।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Who is Srikanth Bolla: तुषार हीरानंदानी के निर्देशन में बनी फिल्म श्रीकांत का ट्रेलर आज (9 अप्रैल) को रिलीज हो गया है। जैसे ही फिल्म का ट्रेलर आउट हुआ, लोगों ने राजकुमार राव (Rajkummar Rao) की तारीफों के पुल बांधना शुरू कर दिया। फिल्म में वह नेत्रहीन बिजनेसमैन श्रीकांत बोला (Srikanth Bolla) के रूप में नजर आ रहे हैं।
राजकुमार राव की फिल्म श्रीकांत के ट्रेलर रिलीज के बाद लोग जानने के लिए बेताब हैं कि आखिर नेत्रहीन बिजनेसमैन श्रीकांत बोला कौन हैं, जो 2017 में फोर्ब्स मैगजीन में पूरे एशिया में 30 अंडर 30 की लिस्ट में शुमार हुए थे। वह दुनिया के सबसे नौजवान नेत्रहीन बिजनेसमैन हैं। चलिए आपको उनके बारे में बताते हैं।
परिवार से श्रीकांत को रिश्तेदार ने दी थी सलाह
7 जुलाई 1991 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में जन्मे श्रीकांत बोला जन्म से ही नेत्रहीन थे। उनके पिता खेती-बाड़ी करते थे। द हिंदू के मुताबिक, जब श्रीकांत का जन्म हुआ तो उनके रिश्तेदारों ने परिवार को सलाह दी कि वह उन्हें छोड़ दें, क्योंकि वह उनका सहारा नहीं बन पाएंगे।
जैसे-जैसे श्रीकांत बड़े हो रहे थे, स्कूल में स्टूडेंट्स उनका मजाक उड़ाते थे। कोई उनका दोस्त नहीं बनना चाहता था। निराश होने की बजाय श्रीकांत ने अपनी जिंदगी की कहानी खुद लिखी। बचपन से पढ़ने के शौकीन रहे। इसीलिए वह हमेशा टॉप करते थे।
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12वीं के लिए ठोका केस
श्रीकांत का सपना था कि वह IIT (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में पढ़ाई करें। इसलिए उन्होंने 12वीं में साइंस लेने का फैसला किया। मगर श्रीकांत को नेत्रहीन होने की वजह से एडमिशन नहीं दिया गया। हालांकि, वह हार मानने वालों में से कहां। उन्होंने एजुकेशन सिस्टम के खिलाफ ही केस ठोक दिया और 6 महीने लड़ने के बाद आखिरकार उन्हें साइंस से 12वीं क्लास में एडमिशन मिल गया।
IIT कोचिंग से हुए रिजेक्ट
श्रीकांत ने 12वीं क्लास में 98 प्रतिशत से टॉप किया था। वह आईआईटी के सपने को पूरा करने के करीब थे, लेकिन यह राह भी आसान नहीं रही। उन्हें एक दो बार नहीं बल्कि 10-10 बार आईआईटी कोचिंग सेंटर से रिजेक्ट कर दिया गया। तमाम कोशिश के बाद भी नेत्रहीन होने के चलते उन्हें एडमिशन नहीं मिला। मगर फिर से कहना होगा कि वह हार मानने वालों में से बिल्कुल भी नहीं थे।
पहले इंटरनेशनल ब्लाइंड स्टूडेंट बने श्रीकांत
भारत में भले ही आईआईटी में पढ़ने का श्रीकांत का सपना पूरा न हो सका, लेकिन मेहनत और लगन के बलबूते उन्हें यूएस के MIT (Massachusetts Institute of Technology) में एडमिशन मिला। वह MIT के पहले इंटरनेशनल ब्लाइंड स्टूडेंट थे। उन्हें वहां कई जॉब के ऑफर मिले, लेकिन उन्होंने भारत आकर अपना स्टार्टअप शुरू करने का फैसला किया।
विकलांग लोगों का बने सहारा
साल 2012 में श्रीकांत ने बोलैंट इंडस्ट्रीज (Bollant Industries) की स्थापना की और बाद में उन्हें रतन टाटा से भी फंडिंग मिली। इस कंपनी के जरिए श्रीकांत ने सैकड़ों विकलांग व्यक्तियों को रोजगार का अवसर दिया। साल 2011 में उन्होंने समन्वय केंद्र की सह-स्थापना की, जिसमें उन्होंने एक ब्रेल प्रिंटिंग प्रेस शुरू की, जो विकलांग छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शैक्षिक, व्यावसायिक, वित्तीय और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करती है। वह दुनिया के सबसे यंग सीईओ और फाउंडर हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम से है कनेक्शन
श्रीकांत, एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) से भी मिल चुके हैं। वह 2005 से एक युवा नेता थे और आगे चलकर लीड इंडिया 2020: द सेकेंड नेशनल यूथ मूवमेंट के सदस्य बन गए। इसे भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. ने शुरू किया था। लीड इंडिया 2020 ने भारत को गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी को खत्म करके 2020 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करने का प्रयास किया।
श्रीकांत की पर्सनल लाइफ
साल 2022 में श्रीकांत ने स्वाति से शादी की थी। कुछ समय पहले ही वह एक बेटी के माता-पिता बने हैं।
बता दें कि श्रीकांत बोला की बायोपिक 10 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
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