इंदिरा गांधी ने बदल दी थी Asrani की किस्मत, ऑफिस से भगा देते थे फिल्ममेकर्स!
जाने माने अभिनेता असरानी (Asrani) का निधन हो गया है। हिंदी सिनेमा अपनी कॉमिक टाइमिंग से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले गोवर्धन असरानी अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। 84 साल के असरानी का मुंबई में 20 अक्टूबर की शाम को निधन हो गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके करियर में इंदिरा गांधी (Indira gandhi) का भी अहम किरदार रहा है।
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जब इंदिरा गांधी ने बदली असरानी की किस्मत
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली. जाने माने अभिनेता असरानी (Asrani) का निधन हो गया है। हिंदी सिनेमा अपनी कॉमिक टाइमिंग से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले गोवर्धन असरानी अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। 84 साल के असरानी का मुंबई में 20 अक्टूबर की शाम को निधन हो गया है। बताया गया कि पिछले काफी दिनों से वो बीमार चल रहे थे। इसके बाद फेंफड़ों की समस्या के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया और फिर दीवाली के दिन उनका निधन हो गया। वहीं फिल्मों में आने के लिए असरानी ने खूब पापड़ बेले थे। अपना माता-पिता से बगावत करके वो मुंबई आ गए और फिर पुणे के फिल्म इंस्टीट्यूट में एडमिशन ले लिया और यहीं से उनके फिल्मी सफर की शुरूआत हुई थी लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके करियर में इंदिरा गांधी (Indira gandhi) का भी अहम किरदार रहा है।
इंदिरा गांधी ने दिया था असरानी का साथ
असरानी जब अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद मुंबई आ गए तो यहां से उन्होंने सोचा कि वो हीरो बन जाएंगे। उन्हें बचपन से ही फिल्मों का शौक था। वो बचपन में चुपके से सिनेम हॉल में फिल्में देखने जाया करते थे। इसके बाद उन्होंने FTII से ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट लिया लेकिने उन्हें काम नहीं दिला पा रहा था। उन्हें बहुत स्ट्रगल करना पड़ रहा था। लेकिन 2 साल खाली रहने के बाद जब इंदिरा गांधी से मिले तो किस्मत बदल गई और खुद उन्होंने इस बात का जिक्र बॉलीवुड ठिकाना को दिए एक इंटरव्यू में किया था। इस इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि, उस दौर में मैं अपने सर्टिफिकेट के साथ घूमता रहता था और लोग मुझे भगा देते थे। कहते थे, एक्टिंग के लिए सर्टिफिकेट चाहिए? बड़े सितारे बिना ट्रेनिंग के काम कर रहे हैं, तुम कौन हो? भागो यहां से...निकलो यहां से। इसके बाद असरानी के जीवन में तत्कालीन सूचना और प्रसारण मंत्री इंदिरा गांधी की एंट्री हुई और उन्होंने असरानी की किस्मत बदली। असरानी ने बताया था, 'एक दिन इंदिरा गांधी पुणे आईं हुईं थीं। उस वक्त वो सूचना और प्रसारण मंत्री थीं और हमने उनसे शिकायत की। हमने उन्हें बताया कि, 'सर्टिफिकेट होने के बावजूद कोई मुझे काम नहीं देता है। इसके बाद इंदिरा गांधी ने कुछ प्रोड्यूसर्स और फिल्ममेकर्स को कहा कि असरानी को काम दिया जाना चाहिए। उनके कहने के बाद मेरे पास काम आने लगा। जया भादुड़ी और मुझे, हम दोनों को 'गुड्डी' में कास्ट किया गया और तो और इसके बाद लोगों ने FTII को गंभीरता से लेना शुरू किया।'
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असरानी ने अमिताभ और राजेश खन्ना संग कई फिल्मों में किया काम
इसके बाद असरानी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिल्म गुड्डी में उनका किरदार हिट हो गया। गुड्डी के बाद उन्हें कई फिल्मों में मौका मिला। उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ कई फिल्मों में काम किया। 1970 के बाद असरानी की मांग फिल्मों में इतनी ज्यादा बढ़ गई कि हर दूसरा फिल्ममेकर उन्हें अपनी फिल्म में लेता था। यहां तक कि 1970 से लेकर 1979 तक उन्होंने 101 फिल्मों में काम किया। फिल्म 'नमक हराम' में काम करने के बाद असरानी और राजेश खन्ना दोस्त बन गए। इसके बाद राजेश खन्ना जिस फिल्म में काम करते, वो मेकर्स से कहते कि असरानी को फिल्म में मौका दिया जाए और इसी की चलते असरानी ने राजेश खन्ना के साथ करीब-करीब 25 फिल्मों में काम किया।
सिनेमा का जेलर अब सबके बीच से दूर जा चुका है। बॉलीवुड में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले असरानी को हमेशा उनके द्वारा निभाये गए किरदारों के लिए याद किया जाएगा।
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