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    जब इंदिरा गांधी ने की थी सिनेमा की आलोचना, Dilip Kumar के जवाब पर मुस्कुरा दिए थे पिता जवाहरलाल नेहरू

    By Anu Singh Edited By: Anu Singh
    Updated: Tue, 08 Apr 2025 02:57 PM (IST)

    दिलीप कुमार फिल्म इंडस्ट्री का वो नाम है जिनका जिक्र होते ही मुगल-ए-आजम क्रांति कर्मा सौदागर जैसी फिल्मों की याद आ जाती है। एक्टिंग के अलावा एक्टर अपने बेबाक अंदाज के लिए भी जाने जाते थे। एक बार तो अभिनेता पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से पंगा ले लिया था और हैरान करने वाली बात है कि मौके पर जवाहरलाल नेहरू भी मौजूद थे। 

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    जब इंदिरा गांधी ने की हिंदी सिनेमा का बुराई (Photo Credit- X)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सिनेमा के ट्रेजेडी किंग कहे जाने वाले दिलीप कुमार न सिर्फ शानदार अभिनेता थे, बल्कि समाज से जुड़े मुद्दों पर भी खुलकर अपनी बात रखा करते थे। उनसे जुड़े कई किस्से आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। ऐसा ही एक किस्सा है जब उन्होंने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को सिनेमा पर की गई उनकी टिप्पणी का जवाब दिया था—वो भी बेहद शालीनता और आत्मविश्वास के साथ। आइए सुनाते हैं मजेदार किस्सा।

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    लंदन और पेरिस की फिल्मों से की थी तुलना

    ये बात उस दौर की है जब दिलीप कुमार बॉलीवुड के सबसे चर्चित और व्यस्त सितारों में से एक थे। एक बार वे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ नाश्ते पर बैठे थे। उसी दौरान इंदिरा गांधी ने बॉलीवुड फिल्मों को लेकर कुछ तीखी बातें कह दीं। उन्होंने कहा, "आप लोग कैसी फिल्में बनाते हैं? मैं लंदन और पेरिस में नाटक और फिल्में देख चुकी हूं, वहां की कला का स्तर बहुत ऊंचा होता है। आपकी भारतीय फिल्मों में तो कोई गहराई ही नहीं दिखती।"

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    दिलीप कुमार ने दिया था इंदिरा गांधी को ये जवाब

    दिलीप कुमार उनकी बातों को चुपचाप सुनते रहे। लगभग 15 मिनट बाद उन्होंने बेहद शांत और आत्मविश्वास भरे लहजे में जवाब दिया। उन्होंने कहा, "आपने जो बातें कहीं, हो सकता है उसमें कुछ सच्चाई हो। लेकिन आपने अभी तक जो कुछ कहा, उसमें एक भी शब्द हिंदुस्तानी नहीं था।"

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    इस पर वहां मौजूद सभी लोग चौंक गए, क्योंकि इंदिरा गांधी उस वक्त अंग्रेज़ी में बोल रही थीं। दिलीप कुमार यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, "हमारी फिल्में खराब नहीं हैं। असल में, हमारे देश की सड़कों की हालत खराब है, शिक्षा व्यवस्था कमजोर है, और कृषि व्यवस्था भी दिक्कतों से जूझ रही है। फिल्मों को दोष देने से पहले हमें देश की मूल समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।"

    जवाहरलाल नेहरू ने किया था एक्टर का सपोर्ट

    ये सुनकर पंडित नेहरू मुस्कुरा दिए और बोले, "अगर मैं तुम्हारी जगह होता तो इतनी शांति से जवाब नहीं दे पाता।" दिलीप कुमार का यह जवाब आज भी एक मिसाल है कि कैसे आत्मसम्मान बनाए रखते हुए भी कोई बड़ी बात शांति और समझदारी से कही जा सकती है। दिलीप कुमार की फिल्मों की बात करें तो भारतीय सिनेमा के सबसे महान और प्रभावशाली अभिनेताओं में उनका नाम शामिल है। उन्होंने अपने करियर में कई यादगार फिल्में कीं, जिनमें से कई क्लासिक बन चुकी हैं।

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