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    Waheeda Rehman को Guru Dutt की इन फिल्मों से मिली खास पहचान, पढ़ें भरतनाट्यम से बॉलीवुड तक का सफर

    Updated: Sun, 02 Feb 2025 05:00 AM (IST)

    हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) को किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। अभिनय के जरिए उन्होंने लोगों के दिलों पर राज किया है। उन्होंने अपनी नृत्य कला से भी दर्शकों का दिल जीता है। भरतनाट्यम में प्रशिक्षित वहीदा का फिल्मी सफर बचपन से ही शुरू हो गया था। आइए उनकी कुछ पॉपुलर फिल्मों के बारे में जानते हैं।

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    दिग्गज एक्ट्रेस वहीदा रहमान की पॉपुलर फिल्में (Photo Credit- Instagram)

    डॉ. राजीव श्रीवास्तव, मुंबई। नृत्य विधा ‘भरतनाट्यम’ में प्रशिक्षित वहीदा रहमान का सिनेमा में पदार्पण ही वह एक सूत्र है, जिसने कौमार्य में ही उन्हें इस नृत्य कला की विशेषज्ञता के कारण रूपहले पटल से संबद्ध कर दिया था। सुंदर देहयष्टि, आकर्षक नयनाकृति, संवाद संप्रेषण में दक्षिण भारतीय विधा की हिंदी-उर्दू मिश्रित गरिष्ठ उच्चारण शैली के संग नृत्य भंगिमाओं के कुशल संयोजन ने वहीदा को हिंदी सिनेमा में अभिनय की उनकी प्रारंभिक समयावधि में ही एक स्मरणीय सफल नायिका के रूप में स्थापित कर दिया था।

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    गुरुदत्त ने दिया एक्ट्रेस को फिल्मों में मौका 

    हिंदी सिनेमा में वहीदा रहमान के भीतर अभिनय का शिल्प गढ़ने का श्रेय निर्माता, निर्देशक, अभिनेता गुरुदत्त को जाता है। इन्हीं के सानिध्य में वहीदा अपनी प्रथम हिंदी फिल्म ‘सी.आई.डी.’ में नायिका बनकर आईं, जिसमें उनके नायक थे चिरयुवा अभिनेता देव आनंद। अपनी इस प्रथम हिंदी फिल्म की वृहद सफलता के साथ ही वहीदा की अपार लोकप्रियता में ‘प्यासा’, ‘कागज के फूल’, ‘साहिब बीवी और गुलाम’, ‘चौदहवीं का चांद’ जैसी फिल्मों ने उन्हें शीर्ष अभिनेत्रियों की अग्रिम पंक्ति में ला दिया। इसी कड़ी में देव आनंद के साथ फिल्म ‘गाइड’ में वहीदा का उन्मुक्त अभिनय उन्हें उन समस्त वर्जनाओं से मुक्त कर गया, जो परंपरागत छवि के साथ प्रायः कलाकारों के संग गुंथ जाता है।

    व्यापक कला की पर्याय

    सिनेमा के नियमों को समझना और सिनेमा की कला में निपुणता प्राप्त करना दो अलग-अलग पहलू हैं। वहीदा रहमान ने इन दोनों को अपनी कला में ढाल लिया था, जो उनकी फिल्मों में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। खासकर शैलेंद्र की फिल्म 'तीसरी कसम' में वहीदा का अभिनय इस बात का अच्छा उदाहरण है। लोककला, भाषा और आचरण को समझना आसान नहीं होता, लेकिन अभिनय के माध्यम से वहीदा ने इसे इतनी सहजता से अपनाया कि वह फिल्म में 'हीराबाई' के रूप में पूरी तरह से समाहित हो गईं।

    Photo Credit- Instagram

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    एक्ट्रेस की पॉपुलर फिल्में

    वहीदा रहमान सिनेमा में एक उत्कृष्ट अभिनेत्री रही हैं। उनकी प्रमुख फिल्मों में दिलीप कुमार के साथ 'राम और श्याम', राजकुमार के साथ 'नील कमल', राजेश खन्ना के साथ 'खामोशी' और सुनील दत्त द्वारा निर्मित और अभिनीत 'रेशमा और शेरा' जैसी फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों में वहीदा ने अपने किरदार को इतनी सजीवता से निभाया कि वे दर्शकों के दिलों में बस गईं। 'राम और श्याम' में वहीदा का रोल ऐसा था कि वो अपने अभिनय से कई महत्वपूर्ण संदेश दे जाती हैं। इसी तरह 'नील कमल' में वह पत्नी और प्रेमिका दोनों रूपों में अपने किरदार का संतुलन इतनी आसानी से बनाती हैं, जो बहुत ही खास है।

    नृत्य पर फिदा सारी दुनिया

    फिल्म ‘प्रेम पुजारी’ के लिए नीरज के लिखे कालजयी गीत ‘रंगीला रे... तेरे रंग में यूं रंगा है मेरा मन’ में रंग कर वहीदा ने जिस नृत्य-अभिनय का प्रदर्शन किया है, उसका साक्ष्य मिलना कल्पना से परे है। गीत-संगीत का योगदान वहीदा के अभिनय जीवन का एक विशेष आकर्षक पक्ष रहा है। नृत्य में पारंगत होने के कारण अभिनय, संवाद संप्रेषण तथा भाव-भंगिमाओं के प्रभावी प्रदर्शन में वहीदा सदैव ही उत्कृष्ट रही हैं। फिल्म ‘गाइड’ में शैलेंद्र के लिखे और लता मंगेशकर के गाए ‘मोसे छल किए जाए’ और ‘पिया तोसे नैना लागे रे’ गीत में प्रयुक्त विभिन्न अवस्थाओं, मिलन, विछोह, हर्ष, विषाद, प्राकृतिक छटा, ऋतु एवं पर्व-त्योहारों के मनोरम दृश्य भाव को जिस आत्मीय संसर्ग के संग वहीदा ने प्रस्तुत किया है, उसका पृथक ही आकर्षण है।

    Photo Credit- Instagram

    फिल्म ‘तीसरी कसम’ के गीत ‘पान खाए सैंया हमार’ में लोककला की सुंदरता को वहीदा ने बखूबी निभाया। इस फिल्म में राज कपूर की आवाज में मुकेश द्वारा गाया गया गीत ‘सजनवा बैरी हो गए हमार’ की ग़म और दर्द उतनी ही आसानी से हीरामन के चेहरे पर दिखा, जितनी गहरी पीड़ा वहीदा के किरदार हीराबाई के चेहरे पर महसूस होती है। वहीदा रहमान ने अपनी अभिनय की कला से साधारण दृश्यों को असाधारण बना दिया। उनकी भूमिकाएं अब कालजयी बन चुकी हैं। उनकी मूक अभिनय कला, जो बिना शब्दों के भी अपनी बात कह जाती है, उन्हें अपने समकालीन और बाद के कलाकारों से खास बनाती है।

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