बचपन में इस तरह दिवाली मनाते थे ऐश्वर्या के एक्स बॉयफ्रेंड, पानवाले से सीखकर किया 1200 करोड़ का बिजनेस
शुरुआती असफलताओं से लेकर 1200 करोड़ रुपये का बिजनेस खड़ा करने तक, पढ़ें एक ऐसे एक्टर की स्टोरी जिन्होंने एक पान वाले से बेसिक बिजनेस सेंस सीखा और उसे अपने व्यवसाय के लिए अपनाया।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। कई बॉलीवुड फिल्मों में अपनी एक्टिंग से फैंस का दिल जीतने वाले विवेक ओबेरॉय एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन भी हैं। ओबेरॉय ने 1,200 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने के अपने अनोखे सफर के बारे में खुलकर बात की और सिनेमा की चकाचौंध से परे कुछ रोचक जानकारियां साझा कीं।
विवेक ओबेरॉय ने 'कंपनी', 'युवा', 'कृष' और 'मस्ती' जैसी फिल्मों में यादगार अभिनय के साथ सिनेमा में एक अलग पहचान बनाई है। अभिनेता अब 'मस्ती' के अपने को-एक्टर्स आफताब शिवदासानी और रितेश देशमुख के साथ 'मस्ती 4' में फिर से काम करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अब दिवाली नजदीक आ रही है और इस मौके पर 'रामायण: भाग 1' के एक्टर ने इस त्यौहार से जुड़ी अपनी यादें शेयर कीं।
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बचपन में दीवाली की यादें शेयर कीं
विवेक ने दीवाली के बारे में गर्मजोशी से बात करते हुए कहा, 'दिवाली हमेशा से मेरे लिए एक बहुत ही खास त्योहार रहा है। उन्होंने कहा, 'बचपन में, मुझे याद है कि मेहमानों के आने से पहले मैं रसोई में अपनी मां द्वारा बनाई गई मिठाइयों को चुराने के लिए बेसब्री से इंतजार करता था। वो छोटे-छोटे पल, वो हंसी-मजाक, वो शोर-शराबा, सालों से मेरे साथ रहे हैं'।
उन्होंने कहा, 'जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, दिवाली का मतलब और गहरा होता गया। अब दिवाली मेरे लिए एक त्योहार से कहीं बढ़कर है। यह दूसरों को कुछ देने और किसी भी तरह से दूसरों के जीवन में रोशनी फैलाने का समय है'। अपने फिल्मी करियर के लिए मशहूर बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय एक सफल बिजनेसमैन के रूप में उभरे हैं। एनडीटीवी प्रॉफिट के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू में ओबेरॉय ने 1,200 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने के अपने अनोखे सफर के बारे में खुलकर बात की और सिनेमा की चकाचौंध से परे कुछ रोचक बातें भी बताईं।
पाने वाले से सीखे बिजनेस के गुर
ओबेरॉय ने बताया कि धन के प्रति उनका नजरिया केवल धन कमाने तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा- मैं रातोंरात धन कमाने में विश्वास नहीं रखता, मैं धन के साथ संबंध बनाने में विश्वास रखता हूं'। अभिनेता ने याद किया कि कैसे पैसों को लेकर उनका आकर्षण छोटी उम्र से ही शुरू हो गया था। उन्होंने कॉलेज के बाहर एक पानवाले से बुनियादी आर्थिक सिद्धांत सीखे, स्टॉक मैनेजमेंट, फाइनेंसिंग की पढ़ाई की। ओबेरॉय ने कहा, 'यह माइक्रोफाइनेंसिंग का 'डॉल्फिन वर्जन' जैसा था, साझेदारी-आधारित और लचीला। मुझे हर महीने अपने पैसों पर 6-7% रिटर्न मिल रहा था, जो शानदार था।
विवेक ने एक शेयर बाजार ब्रोकर से भी ट्रेनिंग ली और ट्रेडिंग के गुर सीखे। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि फिल्म इंडस्ट्री में आने से उनके व्यवसायिक प्रयासों में थोड़ी मंदी आई। उन्होंने कहा- कुछ समय तक, मैं सिर्फ रिबन काटकर और शादियों में जाकर ही कमाई कर रहा था। ओबेरॉय ने निवेश में शुरुआती गलतियों के बारे में भी खुलकर बात की। 17-18 साल की उम्र में, उन्होंने बिना पूरी जानकारी के अपनी सारी बचत एक बिजनेस में लगा दी, जिससे ढाई साल में जमा किए गए उनके पोर्टफोलियो का लगभग 60-70% हिस्सा डूब गया। उन्होंने कहा- यह एक बहुत बड़ा सबक था। उसके बाद, मैंने कभी भी जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लिया।
विवेक ने कई बिजनेस में इन्वेस्ट किया है जिनमें रियल एस्टेट, एजुकेशन टेक, ज्वैलरी और शराब शामिल हैं। इसके साथ ही वे सॉलिटेरियो कंपनी के को-फाउंडर हैं। आज विवेक ओबेरॉय के एक बिजनेस में 1000 से ज्यादा लोग काम करते हैं और विवेक फाउंडेशन के माध्यम से शिक्षा और महिला सशक्तिकरण समेत अन्य सामाजिक कामों में एक्टिव रहते हैं। उनकी पत्नी प्रियंका अल्वा हैं और उनके दो बच्चे हैं। वह अपने परिवार को अपनी पावर का स्रोत मानते हैं।
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