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    Yashwant Sardeshpande Death: विख्यात फिल्ममेकर का निधन, 60 की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 05:28 PM (IST)

    Yashwant Sardeshpande Dies वेटरन फिल्ममेकर और रंगमंच कलाकार यशवंत देशपांडे का निधन हो गया। वे कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में कई बेहतरीन फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं साथ ही उन्होंने कई फिल्मों में एक्टिंग भी की है। उन्होंने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से सिनेमा और ड्रामा राइटिंग की पढ़ाई की है।

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    कन्नड़ फिल्ममेकर यशवंत सरदेशपांडे का 60 की उम्र में निधन

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। वेटरन रंगमंच कलाकार और फिल्ममेकर यशवंत सरदेशपांडे का सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। सरदेशपांडे ने रविवार शाम धारवाड़ में एक नाटक परफॉर्म करने के बाद सोमवार सुबह बेंगलुरु पहुंचे थे। वहां पहुंचने के बाद उन्हें सीने में दर्द की शिकायत की और बेहोश हो गए।

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    सीने में दर्द उठने के बाद हॉस्पिटल में किया एडमिट

    सीने में दर्द उठने की शिकायत के बाद उन्हें फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने इमरजेंसी ट्रीटमेंट की कोशिश की लेकिन सुबह उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, 'हमें यह जानकर बहुत दुख हो रहा है कि हमारे हुबली निवासी यशवंत सरदेशपांडे का निधन हो गया। वह एक मशहूर कन्नड़ रंगमंच अभिनेता और एक बेहद लोकप्रिय नाटककार थे, जिन्होंने राज्य भर में कई नाटकों में एक्टिंग और निर्देशन किया था। उनका नाटक ऑल द बेस्ट काफी सफल रहा। उन्होंने टेलीविजन और फिल्मों में भी अभिनय किया'।                

    फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया

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    न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में की थी पढ़ाई

    बीजापुर जिले के बसवना बागेवाड़ी तालुक के उक्काली गांव में जन्मे सरदेशपांडे ने हेग्गोडु स्थित निनासम थिएटर इंस्टीट्यूट से थिएटर आर्ट्स में डिप्लोमा किया था। बाद में उन्होंने 1996 में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से सिनेमा और ड्रामा राइटिंग में सर्टिफिकेट कोर्स किया। सरदेशपांडे को कन्नड़ थिएटर में उनके योगदान के लिए व्यापक रूप से सराहना मिली।

    ऑल द बेस्ट के अलावा उनके बेहतरीन कामों में राशिचक्र, ओलेव जीवन सशक्तकारा, नीनानाद्रे नानीनेना, साही री साही, ओंदाता भत्रद्दु, अंधायुगा, साहेबारू बरुत्तारे, मिस पॉइंट, दिल मांगे मोर और हिंगाद्रे डॉट कॉमेडी शामिल हैं। उन्होंने 60 से अधिक ड्रामा का निर्देशन किया, जिनमें से कई के 500 से ज्यादा प्रदर्शन हुए। उन्होंने मर्म, अमृतधारे और रामा शामा भामा जैसी फिल्मों में भी एक्टिंग की।

    अपने करियर के दौरान उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें 2010 में राज्योत्सव पुरस्कार, आर्यभट्ट पुरस्कार (2003), मयूर पुरस्कार (2005), राम शमा भामा के लिए बेस्ट डायलॉग के लिए सनफीस्ट-उदय पुरस्कार (2006), अभिनय भारती पुरस्कार (2008), रंगध्रुव पुरस्कार (2008), और ग्लोबलमैन इंटरनेशनल अवार्ड (2008) शामिल हैं।

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