इस हीरोइन के दादा थे राजपूताना राइफल्स के कर्नल, पिता ने लड़ा था भारत-पाकिस्तान युद्ध, खो दी थी सुनने की क्षमता
भारत-पाकिस्तान के टेंशन के बीच बॉलीवुड की एक हीरोइन ने एक हालिया इंटरव्यू में खुलासा किया कि कैसे उनके पिता और दादा ने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की भी बाजी लगा दी। पिता ने मात्र 41 साल की उम्र में सुनने की क्षमता खो दी। जिस स्कूल में अभिनेत्री ने अपनी पढ़ाई की वहां पर हमले किए जाने पर भी रिएक्शन दिया है

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तीन दिनों तक चला। इस दौरान पाकिस्तानी आर्मी ने जम्मू-कश्मीर समेत कई शहरों मे अटैक किया जिसमें से एक उधमपुर का एक आर्मी पब्लिक स्कूल भी शामिल है। इस स्कूल में नो एंट्री एक्ट्रेस सेलिना जेटली (Celina Jaitly) ने भी पढ़ाई की है। हाल ही में, सेलिना ने पाकिस्तान द्वारा स्कूल पर हमले किए जाने पर रिएक्शन दिया है।
सेलिना जेटली एक आर्मी किड हैं। उनके दादा एरिक फ्रांसिस राजपूताना राइफल्स के कर्नल थे और पिता विक्रम कुमार जेटली कुमाऊं रेजिमेंट के कर्नल थे। हाल ही में, सेलिना ने एक हालिया इंटरव्यू में खुलासा किया कि कैसे उनके पिता ने भारत-पाकिस्तान 1971 का युद्ध लड़ा था। न्यूज18 के साथ बातचीत में सेलिना ने अपने आर्मी स्कूल में हुए अटैक पर कहा-
जब मैंने सुना कि उधमपुर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमला हुआ है, जो मेरी बचपन की यादों से भरा है तो मुझे बहुत दुख हुआ। मेरी आंखों में आंसू आ गए। यह पर्सनल है और दर्द बहुत गहरा है।
पिता ने लड़ी थी भदुरिया की लड़ाई
यही नहीं, देश के बहादुर सैनिकों के शहीद होने की खबर ने भी उन्हें अपने पिता की याद दिला दी जिन्होंने 1971 में भदुरिया की लड़ाई लड़ी थी। सेलिना ने पिता के बारे में कहा-
जब उन्होंने 1971 के युद्ध में लड़ाई लड़ी थी, तब वह सिर्फ 21 साल के थे। भदुरिया की लड़ाई के वक्त वे बुरी तरह घायल हो गए थे, उन्हें गोली और छर्रे से गंभीर चोटें आई थीं। लाइफलॉन्ग चोटों के बावजूद उन्होंने बेजोड़ गर्व और सम्मान के साथ देश की सेवा करना जारी रखा। फिर प्रतिष्ठित 16 कुमाऊं रेजिमेंट की कमान संभाली। उन्हें उनकी बहादुरी के लिए दो वाउंड मेडल और सेना मेडल से सम्मानित किया गया।
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Celina Jaitly Father and Mother - Instagram
पिता ने खो दी थी सुनने की क्षमता
नो एंट्री एक्ट्रेस आगे कहती हैं कि फ्रंटलाइन पैदल सैनिकों की बेटी और पोती होने के नाते वह अच्छी तरह से जानती हैं कि हर अलविदा आखिरी हो सकता है। उन्होंने बताया कि वर्दी ने उनके पिता और दादा की जिंदगी पर शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक क्या असर डाला। सेलिना ने आगे कहा-
पिता ने 41 साल की उम्र में एक IED विस्फोट के बाद एक कान की सुनने की क्षमता पूरी तरह खो दी थी, फिर भी देश के प्रति उनकी वफादारी कभी कम नहीं हुई। कठिनाइयों के बावजूद हम एक सैनिक के परिवार की ताकत और लचीलेपन के साथ बड़े हुए।
आखिरी बार सेलिना 2020 में शॉर्ट मूवी सीजंस ग्रीटिंग्स में दिखाई दी थीं। इन दिनों वह ऑस्ट्रिया में रह रही हैं।
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