प्रभास-संजय दत्त की फिल्म The Raja Saab की खुल गई कहानी, 1500 लोगों ने इतने महीने में तैयार की हवेली
प्रभास और संजय दत्त की आगामी फिल्म द राजा साब के लिए हैदराबाद में एक विशाल हवेली का सेट बनाया गया है। यह हवेली जिसे एशिया का सबसे बड़ा इनडोर फिल्म सेट ...और पढ़ें

स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। प्रभास और संजय दत्त अभिनीत हारर फैंटेसी फिल्म ‘द राजा साब’ के लिए हैदराबाद के अजीज नगर में सेट के रूप में एक विशालकाय हवेली का निर्माण किया गया। एशिया के इस सबसे बड़े इनडोर फिल्म सेट में सजी चीजों से चलिए आपको रूबरू करवाते हैं। भारी-भरकम विशालकाय दरवाजे को खोलते ही आवाजें निकलती हैं। छत पर लटके झूमर और हैंगिंग लाइट से पूरी हवेली जगमग करती दिखती है। सामने एक बड़ी गैलरी है।
दरवाजे पर स्लेटी रंग की वर्दी पहने नकाबपोश सैनिक भाले के साथ दिखेंगे। खंभों को देखकर लगता है जैसे पेड़ों की पुरानी जड़ें सदियों से लिपटी हैं। यह नजारा है प्रभास और संजय दत्त अभिनीत हारर फंतासी फिल्म ‘द राजा साब’ के सेट का जिसे हैदराबाद के अजीज नगर में पीपुल्स मीडिया फैक्ट्री स्टूडियो में बनाया गया है। आकार के हिसाब से इसे एशिया का सबसे बड़ा इनडोर फिल्म सेट कहा जा रहा है।
इंतजार में घूरती निगाहें
इस फिल्म में संजय दत्त ने प्रभास के दादा का पात्र निभाया है, जिनकी असमय मृत्यु हो जाती है और वे भूत बनकर लौटते हैं। गैलरी में कदम बढ़ाते ही चारों ओर नजर घुमाने पर पता चलता है कि यह हवेली दो मंजिला है। निचले तल पर कई कमरे हैं। वहीं सामने कुछ दूरी पर एक शानदार सिंहासन रखा है। उसके पीछे सीढ़ी चढ़ने पर सामने की दीवार पर फ्रेम में लगी फोटो पर निगाह जाती है जिसमें शेरवानी पहने और गले में मोतियों की माला डाले संजय दत्त नजर आते हैं। यह तस्वीर देखते ही लगता है कि उनकी निगाहें किसी के इंतजार में हैं।
यह भी पढ़ें: सालार और कल्कि 2 के लिए Prabhas के पास नहीं है टाइम, अभी कितना और इंतजार करवाएंगे Raja Saab?
Photo Credit- Youtube
डेढ़ हजार लोग, ढाई महीने की मेहनत
किसी रियल लोकेशन पर शूट करने के बजाए सेट बनाकर शूटिंग करने के बाबत फिल्म निर्माता टी.जी. विश्व प्रसाद कहते हैं कि यह हवेली फिल्म के बजट का महज तीन प्रतिशत ही है। आर्ट डायरेक्टर राजीवन नांबियार बताते हैं कि हवेली के अतिरिक्त हमने कुछ चर्च, घर, दो-तीन सड़कों के सेट अलग लोकेशन पर बनाए हैं। इस हवेली को बनाने से पहले तीन-चार महीने की रिसर्च की गई। पहले हमने अलग-अलग डिजाइन को बनाया, लेकिन उसे अप्रूव नहीं किया गया, फिर मैं निर्देशक, सिनेमेटोग्राफर से लेकर कलाकार तक सबसे मिला। उनसे मिले इनपुट के आधार पर हवेली को बनाने का फैसला किया। ढाई महीने में बनाए गए इस सेट को करीब डेढ़ हजार लोगों की मेहनत से खड़ा किया गया है।
Photo Credit- Youtube
ऐसी है ये भूतिया हवेली
एक-दो जगह को छोड़ दें तो हवेली में कहीं पर कॉर्नर नहीं दिखेगा। आम तौर पर हम कहते हैं कि कोने में जाओ, वहां पर भूत होगा, लेकिन अगर पूरा घर ही भूत का हो तो क्या होगा। इसके पीछे यही सोच था। इस फिल्म की 70 प्रतिशत शूटिंग इसी हवेली में की गई है। यहां एक बड़ी सी लाइब्रेरी है, जहां चारों ओर अलमारियों में विभिन्न प्रकार की किताबें सजी हैं। इसी से सटा एक बेडरूम है। इसके ठीक सामने एक कमरा है, जिसे विशेष रूप से तांत्रिक क्रियाओं के लिए बनाया गया है।
डराने का सब इंतजाम
इस कमरे के दरवाजे के आसपास हल्दी, रोली, पेड़ की पुरानी लटकी जड़ें और अजीबोगरीब चीजें तंत्र विद्या की जगह होने का अनुभव देती हैं। अंदर प्रवेश करने पर जमीन पर पूजा का सामान और जलते दिए के साथ चारों ओर प्रज्वलित आग का नजारा डर की अनुभूति देते हैं। यहां तांत्रिक का एक और कमरा भी है। उसके अंदर प्रवेश करने पर एक कुआं नजर आता है, जिसमें कुछ उल्टे लटके हुए पुतले दिखाई देते हैं।
यह निश्चित रूप से वे लोग होंगे, जिनकी बलि देकर तांत्रिक को सिद्धि मिली होगी। यह कमरा भी जादू-टोने के सामान से सुसज्जित नजर आता है। राजीवन के मुताबिक पूरी हवेली में ऐसी चीजें हैं जो सम्मोहित कर सकती हैं। यहीं नहीं, कुछ चीजें लोगों का ध्यान भटकाने के लिए हैं, जैसे छोटी सी घड़ी भी बड़ा कारनामा कर सकती है!

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।