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    90 के दशक की वो फिल्म जिसे देख हीरो-विलेन में दर्शक नहीं कर पाए फर्क, बन गई हमेशा के लिए यादगार कहानी

    बॉलीवुड हो या फिर हॉलीवुड फिल्म में हीरो का अंत में जीत जाना ही दर्शकों की पहली पसंद होती है। मूवी की शुरुआत से ही लोग तय कर लेते हैं कि कौन नायक है और कौन खलनायक। आज हम आपको साल 90 के दशक की उस फिल्म के बारे में बताएंगे जिसमें ऑडियंस के लिए एक बार को हीरो और विलने में फर्क करना मुश्किल हो गया था।

    By Anu Singh Edited By: Anu Singh Updated: Sat, 14 Dec 2024 03:27 PM (IST)
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    हीरो और विलेन की पहचान थी मुश्किल (Photo Credit- X)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। थिएटर में दर्शक फिल्म देखने पहुंचते हैं तो उनके मन में एक धारणा पहले से तैयार होती है कि कहानी एक हीरो, हीरोइन और विलेन के इर्द-गिर्द घुमेगी और अंत में जीत नायक के हिस्से ही आएगी। हालांकि इतने सालों में ये परिभाषा भी काफी बदल गई है कि कहानी को जीतने वाला हमेशा हीरो ही हो।

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    फिल्म में ये पात्र तय करने में तो ऑडियंस को भी इंटरवल तक का समय लग जाता था। मगर साल 1993 में थिएटर में एक ऐसी कहानी ने दस्तक दी जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। फिल्म ने सिर्फ दर्शकों को इंप्रेस किया बल्कि साथ ही साल की चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली मूवी भी बन गई। साथ ही इसमें काम करने वाले कलाकार को दुनिया आज हिंदी सिनेमा का बादशाह कहती है।

    बदले की आग में पूरा किया था मकसद

    अब्बास-मस्तान के निर्देशन में बनी फिल्म बाजीगर तो आपको याद ही। जी हां, हम बात कर रहे हैं शाहरुख खान की फिल्म बाजीगर की। यह फिल्म एक ऐसे आदमी की कहानी होती है जो बदले की आग में जलते हुए अपने रास्ते आई हर चीज को जलाकर राख कर देता है। वो अपने मकसद को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार होता है। और ये रोल निभाने वाले एक्टर थे किंग खान।

    Photo Credit- Indian Express

    हीरो और विलेन बनने की गजब कहानी

    एक पल को फिल्म देखते हुए लगता है कि वो कहानी के नायक हैं पर दूसरे ही पल क्लाइमैक्स ने थिएटर में बैठे लोगों को हैरान कर दिया था। अब्बास-मस्तान ने फिल्म की स्क्रिप्ट को इस तरह तैयार किया था कि कहानी खत्म होने के बाद भी दर्शकों मन में एक सवाल छूट जाए कि हीरो और विलेन सांचे मे किसे डालें।

    Photo Credit- Instagram

    फिल्म में शाहरुख ‘अजय’ नाम के एक ऐसे शख्स की भूमिका में थे जो मदन चोपड़ा (दलीप ताहिल) से बदला लेना चाहता है। इसके लिए वो खून भी करता है और अंत में इसका भुगतान भी। कई लोग उन्हें फिल्म का हीरो मानते हैं तो कुछ उन्हें सही गलत के तराजू में विलेन के खांचे में डालते हैं।

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    मील का पत्थर साबित हुई थी फिल्म

    एक एक्टर से सुपरस्टार बनने का सफर किसी भी कलाकार के लिए आसान नहीं होता। किंग खान के लिए भी ये सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा था। किसी ने नहीं सोचा था कि निगेटिव रोल करके शाहरुख एक सुपरस्टार के तौर पर निखरकर आएंगे। लेकिन शाहरुख कभी भी इस फिल्म के लिए पहली पसंद नहीं थे। यहां तक की दूसरी या तीसरी पसंद भी नहीं थे। उनसे पहले ये फिल्म कई सितारों को ऑफर हुई थी।

    Photo Credit- Instagram

    कहां देख सकते हैं बाजीगर?

    ‘बाजीगर’ एक रोमांटिक थ्रिलर सस्पेंस फिल्म थी जिसमें उनके साथ काजोल और शिल्पा शेट्टी ने काम किया था। इनके अलावा राखी, दलीप ताहिल और जॉनी लीवर जैसे एक्टर्स सपोर्टिंग रोल में दिखे थे। इसका साउंडट्रैक अनु मलिक ने बनाया था जो आज भी फैंस के बीच काफी लोकप्रिय हैं। यह एक शानदार फिल्म है, जिसे अगर आप देखना चाहते हैं तो ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो में जाकर देख सकते हैं।

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