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    दिल्ली में Shah Rukh Khan के पिता का था इस नाम से रेस्तरां, बॉलीवुड में डेब्यू से पहले 'किंग' करते थे ये काम

    By Shalini DevraniEdited By: Rinki Tiwari
    Updated: Sat, 01 Nov 2025 12:34 PM (IST)

    बॉलीवुड अभिनेता शाह रुख खान (Shah Rukh Khan) ने साल 1992 में बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इससे पहले वह टीवी शोज में काम करते थे। मगर क्या आपको पता है कि बड़े पर्दे या छोटे पर्दे में काम करने से पहले अभिनेता क्या करते थे। जानिए यहां। 

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    शाह रुख खान बॉलीवुड डेब्यू से पहले करते थे ये काम। फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम

    शालिनी देवरानी, नोएडा। साल 1989 की बात है। एक शो से लौटते वक्त रात के करीब एक बजे, पंडारा रोड पर कार का पेट्रोल खत्म हो गया। हम लोगों ने गाड़ी वहीं खड़ी की, टैक्सी ली और साउथ एक्स से पेट्रोल लेकर लौटे, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। गाड़ी स्टार्ट ही नहीं हुई।

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    काफी मशक्कत के बाद आखिरकार इंजन चालू हुआ और इसी में सुबह के चार बज गए। इसके बाद शाह रुख खान (Shah Rukh Khan) मुझे गुलमोहर पार्क स्थित अपने घर ले गए। वहां उन्होंने मुझे बिस्तर पर सुलाया और खुद जमीन पर सो गए। उस समय भले ही वह साधारण व्यक्ति थे, लेकिन अपने व्यवहार से तब भी ‘किंग खान’ ही थे। यह यादें दैनिक जागरण से साझा की संजय सुजिताभ ने- जो दिल्ली के लाजपत नगर स्थित बैरी जान एक्टिंग स्कूल के संस्थापक और डायरेक्टर हैं।

    थिएटर से शाह रुख ने शुरू किया था करियर

    वे थिएटर एक्शन ग्रुप (टैग) में बतौर आर्ट डायरेक्टर बैरी जॉन के साथ जुड़े थे। यही वह ग्रुप था, जहां से दिल्ली में शाह रुख खान के अभिनय सफर की शुरुआत हुई। सुजिताभ बताते हैं कि बैरी जॉन ने टैग की स्थापना 1973 में की थी और उन्होंने 1983 में इसे ज्वाइन किया था।

    डांसर के किरदार से अभिनय की शुरुआत

    साल 1985 में शाह रुख ने टैग के साथ पहला नाटक किया- 'एनी गेट योर गन', जो दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्राओं के साथ मंचित हुआ था। इस अमेरिकी म्यूजिकल नाटक में करीब 80 छात्राएं और केवल चार-पांच लड़के थे। शाह रुख इसमें मुख्य डांसर के रूप में मंच पर उतरे और कमानी ऑडिटोरियम में दर्शकों का दिल जीत लिया।

    इसके बाद आया 'बगदाद का गुलाम', जिसमें रघुवीर यादव मुख्य भूमिका में थे, जबकि शाह रुख सेकंड लीड में नजर आए। मनोज वाजपेयी, दिव्या सेठ और दीपिका देशपांडे जैसे कलाकार भी इस प्रस्तुति का हिस्सा थे। कमानी में मंचित यह नाटक भी जबरदस्त हिट रहा था।

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    Shah Rukh Movie

    हर परिस्थिति में मदद के लिए तैयार

    सुजिताभ याद करते हैं, ‘शाह रुख बेहद मेहनती, विनम्र और मिलनसार थे। देर रात तक रिहर्सल चलती और उस समय ज्यादा साधन नहीं थे तो वे अपनी गाड़ी में नोएडा तक लड़कियों को घर छोड़ने चले जाते। जब सेट के पास चाय नहीं मिलती, तो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन या आइटीओ तक जाकर खुद चाय लेकर आते और सबको पिलाते। शाह रुख को फैशन शो में भी गहरी रुचि थी और वे कई फैशन शोज की कोरियोग्राफी भी करते थे।’

    सुजिताभ ने उनके साथ लगभग पांच साल तक काम किया और 11 नाटकों में साथ मंच साझा किया। हर अनुभव, उनके मुताबिक शानदार रहा है।

    दिल्ली में था पिता का रेस्त्रां

    शायद बहुत कम लोग जानते हैं कि शाह रुख के पिता ताज मोहम्मद खान का दिल्ली में एक रेस्त्रां था।
    शुरुआत में इसका नाम ‘रैंबल’ था, जिसे बाद में ‘खातिर’ नाम दिया गया। यह सफदरजंग इलाके में था और इसकी देखरेख उनकी मां लतीफ फातिमा करती थीं।

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    फैमिली से दूर रहते थे शाह रुख

    सुजिताभ बताते हैं, ‘फिल्म ‘दीवाना’ की शूटिंग के दौरान शाह रुख परिवार से दूर रहते थे। उस दौर में उन्होंने मुझसे कहा था कि मां का ध्यान रखना। मैं अक्सर उनके रेस्त्रां जाता था। उनकी बहन बहुत सुलझी और सौम्य थीं, जो आज मुंबई में शाह रुख के साथ रहती हैं। दिल्ली में नाटक के मंच से लेकर बालीवुड की ऊंचाइयों तक- शाह रुख का सफर दिखाता है कि संघर्ष और मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती।

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