बॉलीवुड के दरवाजे होने वाले थे बंद, रितेश देशमुख ने मसीहा बनकर बचाया दोस्त का करियर
बॉलीवुड में जब किसी का करियर डूबता है, तो अक्सर उनके दरवाजे बंद होने लगते हैं। कुछ ऐसा ही एक डायरेक्टर के साथ भी हुआ था, जब उनकी फिल्म इतनी बड़ी फ्लॉप हुई कि 3 साल तक उन्हें कोई काम ही नहीं मिला। हालांकि, रितेश देशमुख सच्चे दोस्त के रूप में उन्हें काम दिलाने में मदद की।

रितेश देशमुख की वजह से फिर बदली किस्मत/ फोटो- Instagram
प्रियंका सिंह, मुंबई। अक्सर जब बुरा टाइम आता है, तो आपके अपने ही मुंह मोड़ लेते हैं...ये कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन इसे काफी बार सही साबित करता है बॉलीवुड। सिनेमा की ये एक कड़वी सच्चाई है कि जिसका समय है, उसी के लोग हैं। लगातार फ्लॉप के बाद अक्सर सितारों से लेकर डायरेक्टर तक गुमनाम हो जाते हैं।
फिल्म एक दीवाने की दीवानियत को मिली सफलता से उत्साहित लेखक व निर्देशक मिलाप जावेरी याद करते हैं कि एक दौर था जब लोगों का भरोसा उन पर से उठने लगा था, प्रतिभा पर सवाल उठे, पर उन्होंने धैर्य के साथ सफलता हासिल करके दिया जवाब...
एक दीवाने की दीवानियत ने पलटी किस्मत
पिछला काम अगर न चले तो नया काम पाना कठिन हो जाता है। मस्ती 4 फिल्म के गाने के लांच पर निर्देशक मिलाप जावेरी ने बताया था कि तीन साल तक उनके पास काम नहीं था, जिसके बाद अभिनेता रितेश देशमुख ने उन्हें मस्ती 4 फिल्म दिलाई थी। इस साल रिलीज एक दीवाने की दीवानियत उन्हें मस्ती 4 के बाद मिली थी। उन तीन वर्षों को याद करते हुए मिलाप कहते हैं कि वह दौर कठिन था, काम कम था। मैंने फिर भी विश्वास रखा। अगर आपमें प्रतिभा है, काम के प्रति समर्पण और धैर्य है तो कहीं न कहीं फिर मौके मिलते हैं। बाकी फिल्म निर्माण आखिरकार बिजनेस है।
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अगर सफलता न मिले तो कठिनाई होती है। किसी को आपसे कोई निजी दिक्कत नहीं होती है। सत्यमेव जयते 2 के बाद लोगों का भरोसा मुझ पर कम हुआ था। जवाब केवल सफलता से ही दे सकता था, जो एक दीवाने की दीवानियत फिल्म से मिली। मिलाप ने इसके लेखन और निर्देशन की दोहरी जिम्मेदारी निभाई थी।
एक दीवाने वाली सफलता को दोहराना है
भले ही मिलाप ने एक दीवाने की दीवानियत के दौरान प्रमोशन न किया हो, लेकिन मस्ती 4 को वह प्रमोट कर रहे हैं। वह कहते हैं कि एक दीवाने की दीवानियत मुहब्बत और नफरत की कहानी थी तो हम नहीं चाहते थे कि फिल्म के कलाकार सोनम (बाजवा) और हर्षवर्धन (राणे) हर जगह मुस्कुराते दिखें। मस्ती 4 में ऐसा कोई सस्पेंस नहीं है।दीवानियत जैसी सफलता दोहरानी है।
मैंने पहली मस्ती फिल्म लिखी थी, यह भी उसी लीक पर है। एडल्ट कामेडी जानर वाली फिल्मों को सलीके से शूट करना पड़ता है, ताकि वह अश्लील नहीं, बल्कि मजेदार लगें। मस्ती 4 को विदेश में शूट किया है।
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