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    हिंदी भाषा पर नहीं थम रहा विवाद, Pawan Kalyan के बयान पर Prakash Raj ने किया पलटवार

    By Anu Singh Edited By: Anu Singh
    Updated: Sun, 16 Mar 2025 10:23 AM (IST)

    आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण (Pawan Kalyan) ने हाल ही में एक बयान दिया था। ये बयान नई शिक्षा नीति के एक हिस्से तीन-भाषा फार्मूले को लेकर था। उन्होंने अपने स्टेटमेंट में तमिलनाडु पर पाखंड का आरोप लगाया था। अब उनके बयान पर प्रकाश राज (Prakash Raj) की भी रिएक्शन आ गया है जो तेजी से वायरल हो रही है।

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    तमिलनाडु में हिंदी विरोधी आंदोलन (Photo Credit- X)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Prakash Raj On Pawan Kalyan Statement: हाल ही में आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण के हिंदी भाषा की आवश्यकता वाले बयान के बाद एक विवाद सा छिड़ गया है। कई लोग उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

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    पवन कल्याण ने तमिलनाडु पर पाखंड करने का आरोप लगाया था और कहा था कि इसके नेता वित्तीय लाभ हासिल करने के लिए तमिल फिल्मों को हिंदी में डब करने की अनुमति दे देते हैं। अब हिंदी-तमिल भाषा के इस विवाद में प्रकाश राज भी कूद पड़े हैं। अभिनेता सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखने से कभी पीछे नहीं हटते हैं।

    कहां और कैसे शुरू हुआ भाषा का विवाद

    दरअसल ये सारा बवाल तब शुरू हुआ जब अपनी पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनसेना प्रमुख ने कहा कि देश की अखंडता के लिए भारत को तमिल समेत कई भाषाओं की जरूरत है। पवन कल्याण ने बिना किसी पार्टी का नाम लेते हुए तंज कसा था कि लोग पाखंड करते हैं।

    Photo Credit- X

    उन्होंने कहा था, 'तमिलनाडु में लोग हिंदी थोपने का विरोध करते हैं। इससे मुझे हैरानी होती है कि अगर वे हिंदी नहीं चाहते हैं, तो वे कमाई के लिए तमिल फिल्मों को हिंदी में क्यों डब करते हैं? वे बॉलीवुड से पैसा चाहते हैं, लेकिन हिंदी को स्वीकार करने से इनकार करते हैं। यह किस तरह का तर्क है?' अब आइए बताएं इस पर प्रकाश राज का क्या कहना है।

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    मातृभाषा को बचाने की है लड़ाई

    पवन के बयान के बाद डीएमके ने आपत्ति जताते हुए रिएक्ट किया है। प्रकाश राज ने उन्हें टारगेट करते हुए कहा कि ये सारी लड़ाई या बहस दूसरी भाषा से नफरत के बारे में नहीं बल्कि हमारी मातृभाषा को बचाने को लेकर है। इसके अवाला उन्होंने एक एक्स पोस्ट में पवन कल्याण के पुराने पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, 'चुनाव जीतने से पहले ये जनसेना थी, जीतने के बाद ये भजन सेना हो गई।'

    तमिलनाडु और केंद्र के बीच भाषा विवाद

    बताते चलें कि कल्याण की टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई जब राज्य में पहले सी भाषा को लेकर माहौल गरमाया हुआ है। वहां पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और डीएमके शासित तमिलनाडु में नई शिक्षा नीति के एक हिस्से 'तीन-भाषा फॉर्मूले' को लेकर चर्चा तेज है।

    Photo Credit- X

    बवाल हर बीतते दिन के साथ बढ़ता ही जा रहा है। तमिलनाडु लंबे समय से 'त्रिभाषा' फार्मूले को राज्य पर हिंदी थोपने के प्रयास के रूप में देखता रहा है, जबकि केंद्र का कहना है कि इस नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि युवाओं को सभी क्षेत्रों में रोजगार मिल सके। 

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