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    Oscar 2023: ऑस्कर में नाम बदलकर भेजी गयीं ये फिल्में, शाह रुख खान की 'पहेली' का रखा गया था ये टाइटल

    By Manoj VashisthEdited By: Manoj Vashisth
    Updated: Tue, 07 Mar 2023 02:01 PM (IST)

    Oscar Awards 2023 कुछ सालों को छोड़कर हर साल भारतीय फिल्में ऑस्कर अवॉर्ड्स में कॉम्पीट करती हैं। भारत की ओर से बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में आधिकारिक प्रविष्टियां भेजी जाती हैं। इस बार गुजराती फिल्म छेलो शो भेजी गयी थी मगर नॉमिनेशंस से बाहर हो गयी।

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    Oscar Awards 2023 Indian Movies Title Changed. Photo- Screenshot/youtube

    नई दिल्ली, जेएनएन। 95वें एकेडमी अवॉर्ड्स 12 मार्च को आयोजित किये जा रहे हैं। तेलुगु फिल्म आरआरआर ने नॉमिनेशंस तक का सफर कामयाबी के साथ तय किया है। फिल्म का नाटू नाटू गाना ऑस्कर अवॉर्ड्स की बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में नामित है। यह पहली बार है, जब किसी भारतीय फिल्म का गाना इस कैटेगरी में नॉमिनेट हुआ है। 

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    सभी की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि नाटू नाटू गाना ऑस्कर जीत पाता है या नहीं। हालांकि, नाटू नाटू को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। ऑस्कर अवॉर्ड्स की बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में भारत की ओर से हर साल प्रविष्टि भेजी जाती हैं।

    Photo- Twitter/Academy

    इस साल गुजराती फिल्म छेलो शो भेजी गयी थी, हालांकि यह फिल्म ऑस्कर की शॉर्ट लिस्ट से आगे नहीं बढ़ सकी। छेलो शो अंग्रेजी में द लास्ट शो के नाम से रिलीज हुई थी। ऑस्कर में इसे द लास्ट शो के नाम से ही भेजा गया था। पहले भी ऐसा होता रहा है, जब भारतीय भाषाओं की एंट्रीज के शीर्षक मूल शीर्षक से अलग रखे गये थे।

    अंग्रेजी शीर्षकों के साथ भेजी गयीं फिल्में 

    सत्यजीत रे को भारतीय सिनेमा का जीनियस फिल्ममेकर माना जाता है। उनकी कई फिल्मों को बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी में आधिकारिक प्रविष्टि के तौर पर भेजा गया था। 1959 में उनकी अपूर संसार को द वर्ल्ड ऑफ अपू के नाम से ऑस्कर भेजा गया था। 

    यह भी पढ़ें: ऑस्कर रेस में दम दिखा चुकीं ये भारतीय फिल्में, IMDb रेटिंग में टॉप पर नहीं ऑस्कर नॉमिनेटेड RRR

    • 1963 में सत्यजीत रे की फिल्म महानगर को मेट्रोपोलिस शीर्षक से ऑस्कर में भेजा गया। 
    • देवानंद की क्लासिक फिल्म गाइड 1965 के ऑस्कर समारोह में द गाइड शीर्षक के साथ शामिल हुई। इसे विजय आनंद ने निर्देशित किया था।
    • 1967 में चेतन आनंद की आखरी खत ऑस्कर की दौड़ में शामिल हुई थी, मगर इसका शीर्षक था- द लास्ट लेटर। 
    • ऋषिकेश मुखर्जी की मझली दीदी, एल्डर सिस्टर, टाइटल के साथ 1968 की ऑस्कर रेस में पहुंची।
    • एमएस सथ्यू की गर्म हवा हिंदी सिनेमा की आइकॉनिक फिल्म मानी जाती है। इसे 1974 के ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए भेजा गया था और शीर्षक था- हॉट विंड
    • 1978 में सत्यजीत रे की क्लासिक हिंदी फिल्म शतरंज के खिलाड़ी ऑस्कर के लिए भेजी गयी थी। इसका शीर्षक द चेस प्लेयर्स रख दिया गया था।
    • 1999 में दीपा मेहता की 1947- अर्थ ऑस्कर में दम दिखाने पहुंची। इसका शीर्षक अर्थ कर दिया गया था। 
    • 2005 में अमोल पालेकर निर्देशित शाह रुख खान की फिल्म पहेली ऑस्कर अवॉर्ड्स की रेस में शामिल हुई थी। इसका टाइटल पहले से रिडल कर दिया गया था, जो इसका अंग्रेजी अनुवाद है। 
    • 2008 में आमिर खान की डायरेक्टोरियल डेब्यू फिल्म तारे जमीं पर ऑस्कर रेस का हिस्सा बनी। इसका टाइटल लाइक स्टार्स ऑन अर्थ कर दिया गया था।
    • 2009 में भारतीय सिनेमा के पितामह दादा साहेब फाल्के की बायोपिक फिल्म हरिश्चंद्राची फैक्ट्री के शीर्षक का अंग्रेजी अनुवाद हरिश्चंद्राज फैक्ट्री ऑस्कर भेजा गया। यह फिल्म मराठी में है। 
    • 2011 मे मलयालम फिल्म Adaminte Makan Abu को अबु, सन ऑफ एडम शीर्षक से भेजा गया था। 2021 में तमिल फिल्म कूझंगल पेबल्स शीर्षक से ऑस्कर रेस में शामिल हुई थी। 

    ये सभी फिल्में नॉमिनेशंस तक पहुंचने में असफल रही थीं। 

    इन सालों में भारत से नहीं भेजी गयी कोई एंट्री

    2022 तक भारत की ओर से 55 फिल्में ऑस्कर के लिए भेजी गयी हैं, जिनमें से 34 हिंदी की हैं। ऑस्कर अवॉर्ड्स समारोह में ऐसा भी कई बार हुआ है, जब भारत की ओर से कोई प्रविष्टि नहीं भेजी गयी थी। 1960, 1961, 1964, 1979, 1975, 1976, 1979, 1981 से 1983 और 2003 में भारतीय फिल्मों को ऑस्कर अवॉर्ड्स में कॉम्पीट करने के लिए नहीं भेजा गया था। 

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