नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने डिप्रेशन को शहरी बीमारी बताया, बोले- गांव में नहीं होता किसी को ये सब
Nawazuddin Siddiqui On Depression नवाजुद्दीन सिद्दीकी का दावा है कि डिप्रेशन एक शहरी बीमारी है। उन्होंने कहा कि गांव वालों को नहीं होती है ऐसी बीमारियां शहर में पैसे वाले लोग को अपनी बीमारी को ग्लोरिफाई करने की आदत है।
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी को भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं में से एक माना जाता है। उन्हें गैंग्स ऑफ वासेपुर (2012), द लंचबॉक्स (2013), रमन राघव 2.0 (2016) और मंटो (2018) में अपनी भूमिकाओं के लिए काफी पॉपुलर है। उन्हें कई पुरस्कार भी मिले हैं, जिनमें एक राष्ट्रीय पुरस्कार, एक IIFA पुरस्कार, 2 फिल्मफेयर पुरस्कार और एक अंतर्राष्ट्रीय एमी के लिए नामांकन शामिल है।
डिप्रेशन को लेकर बोले नवाजुद्दीन
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी हाल ही में मिशेबल इंडिया पर दिखाई दिए, जहां उन्होंने कहा कि डिप्रेशन एक "शहरी चीज" है, जहां लोग अपनी छोटी से छोटी भावनाओं का भी "महिमामंडन" करते हैं। “मैं एक ऐसी जगह से आता हूं जहां, अगर मैं अपने पिता को बताता कि मैं उदास महसूस कर रहा हूं, तो वह मुझे एक जोरदार थप्पड़ मारेंगे… डिप्रेशन वहां नहीं था, किसी को भी नहीं होता वहा डिप्रेशन, सब खुश है। लेकिन मैंने शहर आने के बाद एंग्जायटी, डिप्रेशन, बाइपोलर के बारे में जाना।"
अवसाद को बताया शहरी बीमारी
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता ने यह भी कहा, "ये शहरों में आकर होता है, यहां पर हर आदमी अपने छोटे इमोशंस को भी बहुत ग्लोरिफाई करता है।" नवाजुद्दीन सिद्दीकी के अनुसार, “अगर आप किसी मजदूर या फुटपाथ पर सो रहे किसी व्यक्ति से पूछें, तो डिप्रेशन क्या है? जब बारिश होती है, तब भी वे नाचते हैं, उसको डिप्रेशन के बारे में नहीं पता होता। जब आपके पास पैसे आ जाते है तो इस तरह की बीमारियां आती जाती हैं।'
जोगीरा सारा रा रा में आएंगे नजर
वर्कफ्रंट की बात करें तो नवाजुद्दीन फिलहाल अपनी लव कॉमेडी जोगीरा सारा रा रा के प्रीमियर का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें नेहा शर्मा भी नजर आएंगी। फिल्म 26 मई को रिलीज होने वाली है। सुधीर मिश्रा ने फिल्म का डायरेक्शन किया है। अफवाह के बाद, इस साल की ये उनकी दूसरी फिल्म होगी। फिलाहल एक्टर जोगीरा सारा रा रा के प्रमोशन में बिजी हैं।
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