पाकिस्तान से जंग के मैदान में लड़ने LOC पर पहुंच गए थे नाना पाटेकार, ज्वाइन कर ली थी इंडियन आर्मी
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के समय अभिनेता नाना पाटेकर ने देश सेवा का अनूठा उदाहरण पेश किया। फिल्म प्रहार की शूटिंग के दौरान उन्होंने सेना में तीन साल तक ट्रेनिंग ली थी। कारगिल युद्ध के दौरान नाना पाटेकर बॉर्डर पर जाकर सेना के साथ लड़ने के लिए उत्सुक थे। रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस से अनुमति लेने की कोशिश की क्योंकि वे LOC पर जाना चाहते थे।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई है। MEA की प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश के नागरिकों से अफवाहों को ना फैलाने और सेना की मूवमेंट की जानकारी सोशल मीडिया पर नहीं देने की बात कही गई है। बॉलीवुड सेलेब्स भी सेना के शौर्य को सलाम कर रहे हैं। बता दें कि हिंदी सिनेमा में युद्ध पर भी कुछ फिल्में बनी हैं, लेकिन आज जिक्र नाना पाटेकर से जुड़े किस्से का कर रहे हैं। जब उन्होंने भारत-पाकिस्तान के युद्ध में बॉर्डर पर जाकर सेना के साथ मोर्चा संभाला था।
कारगिल युद्ध का जिक्र होता है, तो भारतीय सेना के पराक्रम और शौर्य की तारीफ जरूर की जाती है। इस युद्ध में शामिल होने का गौरव बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नाना पाटेकर ने भी हासिल किया था। देश की सेवा करने के लिए उन्होंने फिल्म की शूटिंग को बीच में छोड़कर बॉर्डर पर जाने का फैसला लिया था। आइए जानते हैं कि सिनेमा के क्रांतिवीर किसकी परमिशन से LOC पर पहुंच पाए थे।
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कारगिल युद्ध में मोर्चा संभाल चुके हैं नाना पाटेकर
कौन बनेगा करोड़पति के एपिसोड में नाना पाटेकर हाल ही में नजर आए थे। इस दौरान उन्होंने खुलासा किया था कि वह कारगिल युद्ध में सेना के साथ युद्ध का मोर्चा संभालने के लिए पहुंचे थे। इस बारे में उन्होंने बताया था,
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मैंने तीन साल के लंबे समय तक भारतीय सेना की मराठा लाइट इन्फेंट्री में ट्रेनिंग की थी। उस समय मैं फिल्म प्रहार पर काम कर रहा था, जो भारतीय सेना की वीरता और शौर्य की कहानी पर आधारित है। साल 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध छिड़ा था, तो मैंने भी अपनी भारत माता की सेवा के लिए मोर्चा संभालने के लिए सीनियर अधिकारियों से संपर्क किया था।
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हालांकि, मुझे इसके लिए परमिशन नहीं मिली। बाद में जानकारी मिली कि केवल रक्षा मंत्री ही इसके लिए इजाजत दे सकते हैं। उस सम जॉर्ज फर्नांडिस जी डिफेंस मिनिस्टर होते थे और उनसे मेरी अच्छी जान पहचान थी।
अभिनेता को कैसे मिली थी युद्ध में लड़ने की परमिशन?
नाना पाटेकर ने अपनी बात पूरी करते हुए आगे कहा, मैंने समय की बर्बादी किए बगैर सीधा रक्षा मंत्री साहब को फोन किया, लेकिन बात नहीं बन पाई। फिर मैंने उन्हें जानकारी दी कि इसके लिए 6 महीने की ट्रेनिंग की जरूरत होती है और मेरे पास 3 साल की ट्रेनिंग है। इसके बाद बात बनी और एक्टर सेना में शामिल हो पाए।
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