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    25 years of Satya: मनोज बाजपेयी बनने वाले थे 'सत्या', बिना स्क्रिप्ट के शुरू हुआ था शूट, जानें दिलचस्प किस्से

    By Rinki TiwariEdited By: Rinki Tiwari
    Updated: Mon, 03 Jul 2023 09:14 AM (IST)

    25 years of Satya राम गोपाल वर्मा की ब्लॉकबस्टर फिल्म सत्या को सिनेमाघरों में रिलीज हुए पूरे 25 साल हो गए। ये अपने समय की बेस्ट गैंगस्टर बेस्ड मूवी थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर 10 गुना से ज्यादा प्रॉफिट कमाया था। आज हम आपको सत्या से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से बताने जा रहे हैं जिसे शायद ही आप जानते होंगे।

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    know the unknown and interesting facts about ram gopal varma satya movie. photo-twitter

    नई दिल्ली, जेएनएन। 25 years of Satya: जब भी बात राम गोपाल वर्मा की बेहतरीन फिल्मों की होगी, 'सत्या' का नाम सबसे ऊपर रहेगा। ये फिल्म 90 के दशक की सबसे अनोखी फिल्म थी, जो कई मायनों में अलग रही। कई फिल्में आईं और गईं, लेकिन 'सत्या' ने दर्शकों के मन में कभी न मिटने वाली छाप छोड़ दी। इस फिल्म को इंडस्ट्री का 'क्लासिक कल्ट' माना जाता है।

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    राम गोपाल की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'सत्या' ने उस वक्त टेलीविजन पर राज कर रहे मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) को एक अलग पहचान दी थी। उन्हें इस फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) और जेडी चक्रवर्ती (JD Chakravarthy) ने भी अपनी भूमिका से दर्शकों के दिलों में अलग जगह बनाई।

    3 जुलाई 1998 को रिलीज हुई 'सत्या' को आज पूरे 25 साल हो गए हैं। आइए, इस फिल्म से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से से आपको रूबरू कराते हैं।

    सत्या से जुड़े दिलचस्प किस्से

    • मनोज बाजपेयी ने फिल्म में गैंगस्टर 'भीकू म्हात्रे' का किरदार निभाया था, लेकिन उन्हें पहले 'सत्या' के किरदार के लिए चुना गया था। हालांकि, राम गोपाल को भीकू के रोल के लिए किसी ठेठ हिंदी बोलने वाले एक्टर की तलाश थी और इस तरह उन्होंने मनोज को सत्या की जगह भीकू का किरदार निभाने के लिए कहा। 
    •  उर्मिला मातोंडकर ने फिल्म में 'विद्या' बनी थीं। कम लोग जानते हैं कि उर्मिला 'विद्या' के रोल के लिए पहली पसंद नहीं थीं। उन्होंने पहले महिमा चौधरी को ये रोल ऑफर किया था, लेकिन अंडरवर्ल्ड पर बेस्ड मूवी के चलते उन्होंने इसे करने से इनकार कर दिया था।
    • 'सत्या' के लिए राम गोपाल वर्मा ने किसी बड़े अभिनेता को लेने की बजाय मनोज से लेकर उर्मिला और जेडी तक, सब नए चेहरे कास्ट किए, क्योंकि राम चाहते थे कि उनकी फिल्म रियल लगे। 
    • राम गोपाल वर्मा के मुताबिक, फिल्म की शूटिंग बिना किसी स्क्रिप्ट के शुरू हुई थी। अनुराग कश्यप ने सेट पर ही स्क्रिप्ट लिखी थी। साथ ही, राम ने सभी सितारों को अपने हिसाब से लाइन बोलने की खुली छूट दे रखी थी।
    • पहले राम गोपाल वर्मा बिना किसी गाने के 'सत्या' बना रहे थे। पूरी शूटिंग भी हो गई, लेकिन बाद में उन्होंने डिस्ट्रीब्यूटर्स के कहने पर कुछ गाने एड करवाएं। 'गोली मार भेजे में' और 'सपनों में मिलती है' जैसे गाने आज भी सदाबहार गानों की लिस्ट में शुमार हैं।
    • फिल्म के ज्यादातर सीन सच्ची घटना पर आधारित हैं। फिल्म में एक सीन है, जहां कुछ लोग दिन-दहाड़े एक प्रोड्यूसर की गोली मारकर हत्या कर देते हैं। कहा जाता है कि जब वह एक प्रोड्यूसर से मिलने उनके घर पहुंचे तो वहां उनके पास एक कॉल आया और पता चला कि गुलशन कुमार की एक गैंगस्टर ने हत्या करवा दी है, जिसके बाद राम को ये फिल्म बनाने का आइडिया आया।
    • उर्मिला मातोंडकर का रोल भी रियल था। एक बार राम गोपाल वर्मा ने बताया था कि मुंबई के ओशीवारा स्थित अपार्टमेंट में एक महिला को पड़ोसी से प्यार हो गया था, जो कि एक गैंगस्टर था और वह महिला इस बात से अनजान थी। 
    • साल 1984 में दिलीप कुमार भी 'सत्या' नाम से एक फिल्म बनाने की प्लानिंग कर रहे थे, जिसमें वह सायरा बानो के साथ लीड रोल निभाने वाले थे। हालांकि, बार-बार फिल्म टलती रही और आखिरकार इस पर फुल स्टॉप लग गया और सालों बाद राम गोपाल ने अपने हिसाब से फिल्म का निर्माण किया।

    'सत्या' ने कितना किया था कलेक्शन?

    बता दें कि 25 हफ्तों तक थिएटर्स में रही अब तक की ऑल टाइम बेस्ट गैंगस्टर मूवी 'सत्या' सिर्फ 2 करोड़ रुपये के बजट में बनी थी, लेकिन मूवी ने 10 गुना से ज्यादा कमाई की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'सत्या' ने बॉक्स ऑफिस पर 14 करोड़ रुपये का बिजनेस किया था।