'फ्रीडम ऑफ स्पीच कहां हैं?', Kunal Kamra की विवादित टिप्पणी के बीच आया Jaya Bachchan का रिएक्शन
कॉमेडियन Kunal Kamra इस वक्त सुर्खियों में हैं। एकनाथ शिंदे पर विवादित जोक करने के बाद बुरे फंस गए हैं। यह पहली बार नहीं है जब वह अपने बयानों के कारण विवादों से घिरे हों। मगर इस बार मामला काफी बढ़ गया है। मुंबई के जिस स्टूडियो में शो शूट किया गया था वहां भी खूब तोड़फोड़ मचाई गई है। अब इस पर जया बच्चन ने अपनी बात रखी है।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। कॉमेडियन कुणाल कामरा का विवादों से पुराना नाता रहा है। मगर इस बार उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) से सीधा पंगा ले लिया है। कुणाल कामरा ने अपने शो में बॉलीवुड की फिल्म 'दिल तो पागल है' के गीत पर पैरोडी सॉन्ग बनाया था, जिसमें उन्होंने शिंदे को टारगेट किया था।
शो के बाज दी गई थी धमकी
इसके बाद शिवसेना नेता इसके बाद शिवसेना नेता संजय निरूपम से लेकर निलेश राणे ने कामरा को धमकी दी थी। संजय निरूपम ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा था कि कल 11 बजे कुणाल कामरा की धुलाई करेंगे। अब इस मामले पर अब बॉलीवुड एक्ट्रेस जया बच्चन (Jaya Bachchan) ने इस पर मीडियो को टारगेट करने के साथ फ्रीडम ऑफ स्पीच का हवाला दिया है।
Photo Credit- Youtube
ये भी पढ़ें- भारत से मिले रिस्पॉन्स से हैरान हैं Stephen Graham, करण जौहर ने भी Adolescence को बताया पेरेंटिंग के लिए वेक-अप कॉल
अब जया बच्चन ने लिए पक्ष?
बीबीसी की एक खबर के मुताबिक, रविवार देर शाम शिव सेना के कार्यकर्ताओं ने मुंबई के खार इलाके में एक होटल में तोड़फोड़ मचाई थी। पुलिस का कहना है कि इसी होटल में कुणाल कामरा का शो शूट किया गया था। होटल यूनिकॉन्टिनेंटल में बदमाशों ने तोड़फोड़ की थी। एएनआई ने एक्ट्रेस जया बच्चन से कुणाल कामरा के बयान को लेकर सवाल किया जिस पर उन्होंने कहा,
Photo Credit- X
मीडिया पहले से बुरी हालत में है। अगर इस करह से बोलने पर पाबंदी लग जाएगी तो आप लोगों को क्या होगा। ऐसे ही आप लोगों की हालत खराब है। पूरी रोक है आप लोगों पर अभी आप लोगों से बोलेंगे यही न्यूज बोलिए और कुछ मत बोलिए। जया बच्चन का इंटरव्यू मत लीजिए। फ्रीडम ऑफ स्पीच कहां हैं? यहां पर बस फ्रीडम ऑफ एक्शन है जब मारा मारी हो।
अजित पवार ने दिया था ऐसा रिएक्शन
इसी मामले पर रिएक्ट करते हुए डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा था कि किसी को भी कानून और संविधान से बाहर नहीं जाना चाहिए। हर किसी को अपनी बात सीमाओं में रहकर कहनी चाहिए। विचारों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन ध्यान रखा जाना चाहिए कि उनकी बात से पुलिस या कानून व्यवस्था में कोई दिक्कत ना हो इसका ध्यान हर किसी ज़िम्मेदार नागरिक को रखना चाहिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।