JFF 2025: अच्छे सिनेमा तक पहुंच को आसान बनाता है जेएफएफ, दिल्ली के बाद 14 शहरों में होगा आयोजित
Jagran Film Festival 2025 रविवार को राजधानी दिल्ली में जागरण फिल्म फेस्टिवल के 13वें संस्करण का समापन होने जा रहा है। इस दौरान समारोह का रंगारंग समापन होगा। इस बीच जेएफएफ की सिनेमा जगत के हिसाब से क्या अहमियत है इस बारे में हम आपको विस्तार से समझाने जा रहे हैं।

स्मिता श्रीवास्तव l जागरण नई दिल्ली: देश में फिल्म संस्कृति के निर्माण के लिए पिछले 13 वर्षों से आयोजित होने वाला विश्व का सबसे बड़ा घुमंतू फिल्मोत्सव जागरण फिल्म फेस्टिवल (जेएफएफ) अब समापन की ओर बढ़ रहा है। रविवार को दिल्ली को अलविदा कहने के बाद यह 14 अलग-अलग शहरों का रुख करेगा।
तन्वी द ग्रेट की स्पेशल स्क्रीनिंग
इस फिल्म फेस्टिवल में पहली बार दिल्ली में स्पेशल चाइल्ड के लिए तन्वी द ग्रेट की स्क्रीनिंग की गई। स्क्रीनिंग के बाद अपने स्पेशल बच्चे को लेकर एक मां का दर्द छलका कि किस प्रकार परिवार में उनकी बेटी की अनदेखी होती है। वहीं, एक अन्य दर्शक ने कहा कि हमारे दौर में इन्हें सम्मान नहीं दिया जाता था, लेकिन अब इन पर फिल्में बन रही हैं। यह समाज को नया नजरिया दे रही हैं। यह सुनकर मंच पर मौजूद तन्वी द ग्रेट के लेखक अंकुर सुमन ने राहत की सांस ली।
फोटो क्रेडिट- जागरण
वह स्वीकारते हैं कि सिनेमा समाज को दिशा देने में भूमिका निभाता है। अंकुर सुमन ने कहा कि मैं दिल्ली से ही हूं। जेएफएफ में आने पर यहां फिल्ममेकिंग को लेकर व्यापक दृष्टिकोण मिलता है। यहां पर अलग-अलग तरह का सिनेमा दर्शाया जाता है। इसके जरिये अलग अलग संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलता है। अगर ईरानी सिनेमा देखें तो वह बहुत ही अलग होता है। बहुत सारे सिनेमा में संगीत नहीं होता है पर फिर भी अच्छी कहानी कहते हैं।
फोटो क्रेडिट- जागरण
जेएफएफ अच्छे सिनेमा तक आम जन की पहुंच को आसान बनाता है। बीते दिनों मिसेज फिल्म की निर्देशक आरती कदव ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में कहा था कि शुरुआती दौर में मैंने फिल्म इंडस्ट्री में कुछ कमाल के फिल्मकारों विक्रमादित्य मोटवाणी और अनुराग कश्यप के साथ काम किया था। उनसे बहुत अहम चीज यह सीखी कि वह कई फिल्म फेस्टिवल की नई फिल्में देखते थे। इससे वह अप टू डेट रहते हैं कि दुनिया में क्या चल रहा है।
मुंबई में होगा आखिरी समापन
अक्सर ऐसा होता है कि फिल्मकार शुरुआती दौर में कई अच्छी फिल्में बनाते हैं, लेकिन फिर नयापन खत्म होने लगता है। उनसे सीखा कि दुनिया में लोग कैसी फिल्में बना रहे हैं, उसका ज्ञान होना चाहिए। उसमें फेस्टिवल मददगार होता है।
जेएफएफ की खासियत यह है कि यह उभरते फिल्ममेकरों को उत्साही दर्शकों के साथ अपनी दृष्टि और रचनात्मकता साझा करने का एक मंच प्रदान करते हैं। 14 शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बाद जेएफएफ का समापन मुंबई में अवार्ड समारोह से होता है। इसमें अलग-अलग श्रेणी में अवार्ड प्रदान किए जाते हैं। यह अवार्ड प्रतिष्ठित जूरी द्वारा चयनित फिल्मों को दिए जाते हैं।
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