JFF 2025: समाज को आइना दिखाती है 'पुतुल', जेएफएफ के मंच पर अभिनेता रजत कपूर ने की खुलकर चर्चा
Jagran Film Festival 2025 राजधानी दिल्ली में जागरण फिल्म फेस्टिवल का 13वां संस्करण जारी है। इस दौरान पुतुल फिल्म के कलाकार रजत कपूर और निर्देशक राधे श्याम मौजूद रहे। उन्होंने इस दौरान कई पहलुओं पर खुलकर चर्चा की। आइए जानते हैं कि रजत की फिल्म किस तरह के मुद्दे को दर्शाती है।

रीतिका मिश्रा l जागरण नई दिल्ली: हर किसी को सपने देखने का हक है और जरूरी है कि सपने देखना बंद न करें। बहुत लोग आपके सपनों को बेकार या अव्यावहारिक कहेंगे, लेकिन अगर आपमें पागलपन नहीं होगा तो आप फिल्म कभी नहीं बना पाएंगे। यह बात फिल्म पुतुल के अभिनेता रजत कपूर ने कही, जिसे फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया। इस मौके पर फिल्म के निर्देशक राधेश्याम पिपलवा भी मौजूद रहे।
जेएफएफ के मंच पर पुतुल की टीम
बातचीत सत्र में दोनों ने पुतुल की कहानी और निर्माण प्रक्रिया पर बात करने के साथ समाज और सिनेमा से जुड़े कई पहलुओं पर भी अपने विचार साझा किए। निर्देशक राधेश्याम ने बताया कि इस फिल्म का विचार उन्हें इसलिए आया क्योंकि समाज में तलाक की दर लगातार बढ़ रही है, लेकिन इस पर खुले तौर पर संवाद अब भी नहीं होता।
फोटो क्रेडिट- ध्रुव कुमार
जबकि तलाक की कहानियों पर खुलकर बातचीत करने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि पहले समाज से दादा-दादी का रोल गायब होता दिख रहा था और अब माता-पिता भी बच्चों की जिंदगी से धीरे-धीरे दूर होते जा रहे हैं।
फिल्म करने की शर्त- रजत
यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम इस पर बात करें। रजत कपूर ने कहा कि किसी भी स्क्रिप्ट और रोल की गहराई ही उन्हें काम करने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने हंसते हुए कहा कि अगर स्क्रिप्ट बहुत खराब न हो, रोल बहुत खराब न हो और निर्देशक बहुत खराब न हो, तो मैं फिल्म कर लेता हूं। सत्र के दौरान छात्रों और युवा फिल्मकारों से राधेश्याम ने कहा कि फिल्म बनाने में कोई शार्टकट नहीं है। दो घंटे की फिल्म के पीछे कई वर्षों का परिश्रम होता है।
गौर किया जाए अभिनेता रजत कपूर की तरफ तो वह सिनेमा जगत के वह कलाकार हैं, जो पर्दे पर अपने शानदार अभिनय के दम पर ऑडियंस का दिल जीतने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो की हॉरर थ्रिलर वेब सीरीज खौफ में अपने दमदार अभिनय की छाप छोड़कर जनता का मनोरंजन किया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।