Haq OTT Release Date: कब और कहां देखें शाजिया बानो के 'हक' की कहानी, आ गई ओटीटी रिलीज डेट
यामी गौतम और इमरान हाशमी अभिनीत फिल्म 'हक' 7 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। यह फिल्म 1985 के ऐतिहासिक शाह बानो मामले से प्रेरित एक क ...और पढ़ें
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हक के एक सीन में यामी गौतम (फोटो-इंस्टाग्राम)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। यामी गौतम और इमरान हाशमी की मच अवेटेड फिल्म 'हक' अपनी घोषणा के बाद से ही चर्चा में है। सबसे पहले तो ऐसा विषय होने की वजह से दूसरा इसके एक्टर। ये दोनों कलाकार इस गहन ड्रामा में पहली बार एक साथ नजर आए और छा गए। ये कोर्टरूम ड्रामा 7 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी।
यामी गौतम ने निभाया है शाजिया का रोल
फिल्म को दर्शकों से मिली जुली प्रतिक्रिया मिली थी लेकिन यामी गौतम के रोल शाजिया बानो और उनके पति के किरदार में नजर आए इमरान हाशमी की एक्टिंग की खूब तारीफ हुई थी। जो लोग इसे सिनेमाघरों में नहीं देख पाए थे वो लंबे समय से इसका ओटीटी पर आने का इंतजार कर रहे थे। उन दर्शकों के लिए खुशखबरी है। मूवी बहुत जल्द ओटीटी पर रिलीज होने वाली है।
#WATCH | Mumbai | On his upcoming film 'Haq', actor Emraan Hashmi said, "It's inspired by the 1985 case in which Ahmed Khan divorced Shah Bano... It was a landmark case. Back then, no one knew that Shah Bano was fighting for the many women and for generations to come... In this… pic.twitter.com/3G8sbzn59t
— ANI (@ANI) October 29, 2025
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OTT पर कब आएगी फिल्म?
हक बहुत जल्द ओटीटी पर आने वाली है। मूवी 2 जनवरी, 2026 को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने वाली है। यह फिल्म आस्था बनाम धर्म निरपेक्ष कानून, लैंगिक समानता, महिलाओं के अधिकार और व्यक्तिगत पहचान जैसे विषयों पर आधारित है। यह फिल्म भारत के ऐतिहासिक शाह बानो मामले से प्रेरित है। यह सामाजिक और धार्मिक बाधाओं के बीच समर्थन और सम्मान के लिए एक महिला के संघर्ष पर जोर देती है। फिल्म समकालीन भारत में व्यक्तिगत मान्यताओं और संवैधानिक स्वतंत्रता के बीच टकराव को दर्शाती है। फिल्म का निर्देशन सुपन वर्मा ने किया है और इसकी पटकथारेशु नाथ ने लिखी है।
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क्या है हक की कहानी?
हक फिल्म शाह बानो (यामी गौतम) की कहानी बयां करती है, जो एक गृहिणी हैं। उनके वकील पति अब्बास (इमरान हाशमी) उन्हें और उनके बच्चों को छोड़कर चले जाते हैं और आर्थिक सहायता देना बंद कर देते हैं। वह तीन तलाक के जरिए उन्हें तलाक दे देते हैं। इसके बाद वह अदालत में गुजारा भत्ता पाने के लिए मुकदमा दायर करती हैं और उनकी यह निजी लड़ाई 1980 के दशक के भारत में महिलाओं के अधिकारों, धर्म और न्याय से संबंधित एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बहस में बदल जाती है। यह फिल्म वास्तविक शाह बानो मामले से प्रेरित है।

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