Guru Dutt ने रिजेक्ट कर दिया था ये आइकॉनिक गाना, देव आनंद की फिल्म में आते ही बन गया कालजयी
गुरु दत्त हिंदी सिनेमा के लीजेंडरी अभिनेता और फिल्ममेकर थे। आज हम आपको उनसे जुड़ा एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं, जब उन्होंने संगीतकार एस डी बर्मन (S. D. Burman) के एक गीत को ठुकरा दिया था और बाद में आगे चलकर वही गाना देव आनंद की फिल्म में सुपरहिट साबित हुआ था।

गुरु दत्त और देव आनंद (फोटो क्रेडिट- फेसबुक)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। एसडी बर्मन हिंदी सिनेमा के वरिष्ठ संगीतकार रहे। करीब 4 दशक के फिल्मी करियर में बर्मन साहब से एक बढ़कर एक फिल्म के गानों को कंपोज किया था, जिनमें- नारी, अशोक, देवदास, प्यासा, कागज के फूल, बहारे फिर आएंगी, गाइड और ज्वेल थीफ जैसी कई मूवीज के नाम शामिल थे।
आज हम आपको एसडी बर्मन (S D Burman) से जुड़ा वह किस्सा बताने जा रहे हैं, जब गुरु दत्त (Guru Dutt) ने अपनी फिल्म से उन्हें बाहर कर दिया था और जो गाना बर्मन साहब ने तैयार किया था, उसको कमजोर बता दिया था। आइए जानते हैं कि पूरा मामला आखिर क्या था-
गुरु दत्त ने बर्मन के क्यों किया था बाहर?
फेसबुक पेज द बॉलीवुड रेडियो की रिपोर्ट के अनुसार बात उस दौर की जब एस डी बर्मन धर्मेंद्र की फिल्म बहारें फिर आएंगी के लिए बतौर संगीतकार काम कर रहे थे। इसके साथ ही वह म्यूजिक डायरेक्टर के तौर पर गुरु दत्त की फिल्म को भी साइन कर चुके थे।

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बहारे फिर आएंगी की मेकिंग के दौरान एस डी बर्मन को दिल का दौड़ा पड़ा, संगीतकार की अचानक खराब हुई तबीयत से सिनेमा जगत में सनसनी मच गई थी। मुश्किल घड़ी में उनको अपने अजीज दोस्त गुरु दत्त से साथ की उम्मीद थी, लेकिन गुरु ने ऐसा नहीं किया और बीमार बर्मन को अपनी फिल्म के संगीतकार के पद से हटा दिया था।
इसके साथ ही जो संगीतकार ने जो गाना गुरु दत्त की फिल्म के लिए कंपोज किया था, उसे भी फिल्म से रिजेक्ट कर दिया गया। गौर करने वाली बात ये है कि उस गीत को सिंगर मोहम्मद रफी (Mohammed Rafi) की आवाज में रिकॉर्ड किया गया था, जिसे गुरु दत्त ने कमजोर बता दिया था।
देव आनंद की फिल्म से बना आइकॉनिक सॉन्ग
बदलते समय के साथ एसडी बर्मन की हालत में सुधार होने लगा और उन्होंने काम पर वापसी शुरू कर ली। जिस गाने को कभी गुरु दत्त ने अपनी मूवी से रिजेक्ट किया था, उस सॉन्ग बर्मन ने अभिनेता देव आनंद की फिल्म ज्वेल थीफ (1967) में इस्तेमाल किया।
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लेकिन, इस बारे को मोहम्मद रफी ने बल्कि गायक किशोर कुमार (Kishore Kumar) ने अपनी आवाज दी थी। गीत के बोले- ये दिल न होता बेचारा (Yeh Dil Na Hota Bechara)। ज्वेल थीफ का ये गाान फिल्म से ज्यादा बड़ा हिट हुआ और आज भी इसे कालजयी माना जाता है।
गुरु दत्त नहीं देख पाए गाने की सफलता
दरअसल 60 के दशक की शुरुआत में एसडी बर्मन को हार्ट अटैक आया था और उसी दौरान गुरु दत्त ने उन्हें अपनी फिल्म से बाहर किया था। लेकिन समय का पहिया ऐसा घूमा कि जब गुरु तन्हाई में जीवन बिताने लगे तो उनका हाल पूछने वाला कोई नहीं था और जिस गाने को उन्होंने कभी कमजोर बताया था, वह उनकी मौत के बाद सुपरहिट हुआ। अफसोस गुरु दत्त एसडी बर्मन के उस गीत की सफलता को जीते जी नहीं देख पाए थे।

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