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    याद रहेंगे 40...मास्किंग के जरिए शूट होते थे डबल रोल वाले सीन, Hadh Kar Di Aapne के डायरेक्टर ने सुनाया किस्सा

    Updated: Sun, 13 Apr 2025 07:00 AM (IST)

    हद कर दी आपने मनोज अग्रवाल द्वारा निर्देशित एक कॉमेडी फिल्म है जिसे साल 2000 में रिलीज किया गया था। इस फ़िल्म में गोविंदा और रानी मुखर्जी मुख्य भूमिका में नजर आए थे। गोविंदा ने बॉलीवुड में कई सारी कॉमेडी फिल्में की हैं जिनमें से हद कर दी आपने एक है। यह फिल्म पूरे 40 दिन में शूट हुई थी।

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    हद कर दी आपने में गोविंदा और रानी (Photo: Instagram)

    स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। 14 अप्रैल, 2000 को प्रदर्शित हुई गोविंदा और रानी मुखर्जी अभिनीत फिल्म ‘हद कर दी आपने’ में राज मल्होत्रा (गोविंदा) को 11 अलग-अलग लुक में देखने का मौका मिला था। स्विट्जरलैंड, जर्मनी, आस्ट्रिया और इटली में 40 दिन के शेड्यूल में यह फिल्म शूट की गई थी। 25 साल पूरे कर रही इस फिल्म से जुड़ी यादें साझा कर रहे हैं इसके निर्देशक मनोज अग्रवाल...

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    एक फिल्म से पहले शुरू की दूसरी शूटिंग

    उन दिनों मैं फिल्म ‘परदेशी बाबू’ बना रहा था। वह बतौर निर्देशक मेरी पहली फिल्म थी, लेकिन पूरी यूनिट को बहुत पसंद थी। उसमें भी गोविंदा केंद्रीय भूमिका में थे। उससे एक अच्छा मौहाल बन गया था। उसके खत्म होने से पहले ही हमने ‘हद कर दी आपने’ शुरू कर दी थी। उसके निर्माता भी नए नवेले थे। पहले इस फिल्म के लिए हम महिमा चौधरी को कास्ट करने वाले थे, लेकिन वह साजिद नाडियाडवाला की फिल्म कर रही थीं तो हमने रानी मुखर्जी को लिया। गोविंदा से मेरी दोस्ती बहुत पुरानी है। जब वह अपनी पहली फिल्म कर रहे थे, तब मैं असिस्टेंट था। इससे काम में बहुत आसानी हो गई। मेरे पास गोविंदा की शूटिंग के लिए पूरे 40 दिन की तारीखें थीं।

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    सेट पर लेट आते थे गोविंदा

    इसकी कहानी सतीश जैन की थी। उन्होंने ही ‘परदेशी बाबू’ की कहानी लिखी थी। पूरी दुनिया गोविंदा के सेट पर लेट आने की आदत से वाकिफ थी। हमें यूरोप में शूट करना था तो मैंने शुरुआती पांच-छह दिन का काम बिना गोविंदा के रखा था, लेकिन आप यकीन करिए गोविंदा दो दिन पहले मेरे पास आ गए थे। आते ही बोले कि हम समय क्यों बर्बाद करें, चलो काम शुरू करते हैं। यूनिट आधी-अधूरी आई थी, मगर कैमरा और सिनेमेटोग्राफर पहुंच चुके थे। मैंने भी सहमति जताई। अगले दिन सुबह हम जिस होटल में ठहरे थे, वहीं पहला शाट लिया गया यानी तयशुदा तारीख से दो दिन पहले ही हमने काम शुरू कर दिया।

    स्विट्जरलैंड में शूट करने में नहीं हुई कोई दिक्कत

    हमने पहला सीन शूट किया था जिसमें गोविंदा का पात्र रानी के पात्र के बगल के कमरे में है और वहीं से माउथआर्गन बजाकर उसे छेड़ रहा है। खास बात यह थी कि लगभग सभी लोग अपने परिवार के साथ आए थे तो सेट पर पारिवारिक माहौल था। उस समय जब हम शूट करते थे तो सबकी गाड़ियां अलग नहीं होती थीं। सीमित बजट में शूट करने के लिए एक ही बस में कलाकार, निर्देशक से लेकर स्पाटब्वॉय तक सब सफर करते थे। अंताक्षरी खेलते हुए एक लोकेशन से दूसरी लोकेशन तक जाते थे। बस लोकल कोआर्डिनेटर की थी। वह बहुत सुविधाजनक थी। वे चालीस दिन कमाल के थे। तब स्विट्जरलैंड में बहुत ज्यादा अनुमति या रेड टेप की आवश्यकता नहीं होती थी। अगर स्थानीय लोगों से कहा जाता था कि थोड़ा किनारे हो जाओ तो वे नाराजगी नहीं जताते थे, जबकि स्विट्जरलैंड में भारतीय मूल के बहुत ज्यादा लोग हैं भी नहीं। हमने ज्यूरिख या जेनेवा जैसे शहरों के बजाय गांव में व अंदरूनी इलाकों में इसे शूट किया था तो किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आई।

    एक सीन शूट करने में आई बड़ी चुनौती

    एक सीन है जिसमें राज का पूरा परिवार एक ही टेबल के पास बैठकर बात कर रहा है। उस जमाने में तकनीक इतनी विकसित नहीं थी यानी वीएफएक्स या ग्रीन बैकग्राउंड पर शूट करने की सुविधाएं नहीं थीं। तब हमने मास्किंग के जरिए शूट किया था। यह तकनीक किसी छवि या वीडियो के विशिष्ट भागों को अलग कर छिपाती या प्रकट करती है। पहले डबल रोल इससे ही शूट होता था, लेकिन कई लोगों को एक साथ बिठाकर शूट करना गोविंदा और सिनेमेटोग्राफर सबके लिए बड़ी चुनौती थी। इसकी शूटिंग सुबह से आरंभ की थी और रात में दो बजे जाकर खत्म हुई थी।

    रानी मुखर्जी ने पहली बार की थी कॉमेडी

    इस फिल्म में अवतार गिल वाली भूमिका के लिए मैं सदाशिव अमरापुरकर को कास्ट करना चाहता था, लेकिन उनकी तारीखें नहीं मिल पाई थीं। उस समय रानी मुखर्जी ने इससे पहले कामेडी नहीं की थी। गोविंदा के साथ डांस मैच करने को लेकर भी वह थोड़ा संशय में थीं, लेकिन सब आसानी से हो गया। इस फिल्म का आखिरी शाट भी मैंने एयरपोर्ट पर ही लिया था जिसमें ‘ओए राजू प्यार न करियो’ गीत में एयरपोर्ट का हिस्सा है। वहीं शूटिंग खत्म करके हमने फ्लाइट पकड़ ली थी। इस फिल्म का संगीत काफी मशूहर रहा था। दरअसल, जब मैं ‘परदेशी बाबू’ बना रहा था तो संगीतकार आनंद राज आनंद के साथ 14 गाने फाइनल कर लिए थे।

    मैंने छह गाने उसमें ले लिए। जब यह फिल्म बनाने बैठा तो अंदर से दुख था कि कुछ गाने छूट गए हैं, जो मेरे पसंदीदा थे। फिर चार गाने मैंने ‘हद कर दी आपने’ में इस्तेमाल किए। इस फिल्म की पूरी कहानी एक साथ नहीं लिखी गई थी। क्लाइमेक्स आखिरी में तय किया था। यूरोप का काम खत्म करके क्लाइमेक्स बनाकर हमने मुंबई में शूटिंग की थी। अब मैं इसका सीक्वल बनाने की तैयारी में हूं। इस कहानी को री डेवलप किया है। उस पर काम चल रहा है।

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