Kerala 2017 Assault Case: 6 दोषियों को मिली 20 साल की सजा, डायरेक्टर कमल ने जताई निराशा
2017 Ctress Assault Case: एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट ने शुक्रवार को 2017 के एक्ट्रेस पर हमले के मामले में सभी छह दोषियों को 20 साल की कड़ी कैद की ...और पढ़ें

डायरेक्टर कमल ने 2017 एक्ट्रेस असॉल्ट केस के फैसले पर जताई निराशा
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। डायरेक्टर कमल ने 2017 के एक्ट्रेस पर हमले के मामले में एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे निराशाजनक बताया। एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट ने शुक्रवार को 2017 के एक्ट्रेस पर हमले के मामले में सभी छह दोषियों को 20 साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई।
ANI से बात करते हुए कमल ने कहा, 'हमें उम्मीद थी कि दोषियों को कम से कम उम्रकैद की सजा मिलेगी। हम फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, यह बहुत निराशाजनक है। मुझे नहीं लगता कि दिलीप इसमें शामिल है, क्योंकि मैं उसे बहुत अच्छे से जानता हूं'।
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जस्टिस हनी एम वर्गीस ने अपने फैसले में आरोपियों को रेप के इरादे से किडनैपिंग (भारतीय दंड संहिता की धारा 366), आपराधिक साजिश (IPC 120B) और गैंगरेप (IPC 376D) का दोषी पाया। हर दोषी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है और जुर्माना न देने पर एक साल की अतिरिक्त जेल होगी। पहले आरोपी पल्सर सुनी को IT एक्ट के तहत पांच साल की अतिरिक्त सजा मिली है, लेकिन कोर्ट ने साफ किया कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि विजुअल्स वाली पेन ड्राइव की एक कॉपी जांच अधिकारी बैजू पॉलोस सुरक्षित हिरासत में रखें। सेशन कोर्ट ने पहले 2017 के मामले में मलयालम एक्टर और आठवें आरोपी दिलीप को बरी कर दिया था।
क्या है मामला?
यह मामला एक एक्ट्रेस से जुड़ा है जो मलयालम, तमिल और तेलुगु फिल्मों में काम करती थी और आरोप है कि 17 फरवरी, 2017 की रात को कुछ लोगों ने उसकी कार में घुसकर उसे किडनैप किया और उसके साथ छेड़छाड़ की। इस बीच, केरल के संस्कृति मंत्री साजी चेरियन ने कहा कि सरकार फैसले की समीक्षा करेगी और जरूरी कार्रवाई करेगी, क्योंकि दोषियों को अधिकतम सजा नहीं दी गई है।
चेरियन ने कहा, 'कोर्ट के फैसले पर बिना किसी ऑफिशियल जांच के टिप्पणी नहीं की जा सकती। असली सवाल यह है कि क्या पीड़ित को न्याय मिला है। अधिकतम सजा की उम्मीद थी और क्योंकि ऐसा नहीं हुआ, इसलिए सरकार फैसले की अच्छी तरह जांच करेगी और जरूरी कार्रवाई करेगी'। अभियोजन पक्ष की ओर से कोई चूक नहीं हुई। फैसले का अध्ययन किए बिना कोई निश्चित जवाब देना संभव नहीं है। हमारे न्यायिक सिस्टम ने पहले भी अलग-अलग तरह के फैसले देखे हैं। चूंकि ज्यादातर न्याय सुनिश्चित नहीं किया गया है, इसलिए अधिकतम सजा दिलाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। साजिश में शामिल लोगों के बारे में स्पष्टता लाने के लिए भी आगे कार्रवाई की जाएगी'।

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