Dhurandhar के रहमान डकैत और राज कपूर की 'सत्यम शिवम सुंदरम', क्या स्ट्रैटजी में है कोई कनेक्शन?
Dhurandhar And Satyam Shivam Sundaram Strategy Connection: धुरंधर अपनी एंटी-पाकिस्तान जासूसी थ्रिलर कहानी से दर्शकों को थिएटर तक खींच रही है लेकिन जो ...और पढ़ें

धुरंधर से वायरल है रहमान डकैत का डांस
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। लीजेंडरी एक्टर-डायरेक्टर राज कपूर ने अपनी 1978 की फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम में जीनत अमान के बोल्ड, सेंसुअल किरदार का बचाव इस एक लाइन में किया था, उन्होंने कहा था,'उन्हें जीनत का शरीर देखने दो। वे मेरी फिल्म याद करके बाहर जाएंगे'।
जीनत के बोल्ड सीन्स ने बटोरी थी चर्चा
यह फिल्म इसके बोल्ड विजुअल्स की वजह से चर्चा में रही, जीनत के हॉट लुक को देखकर दर्शक थिएटर्स में खींचे चले गए लेकिन राज कपूर का अंदाजा था कि एक बार थिएटर के अंदर आने के बाद, दर्शक उनकी फिल्म की बेहतरीन थीम के लिए रुकेंगे। उन्होंने कहा था कि सच्ची सुंदरता आत्मा में होती है, शरीर में नहीं।
-1765699624224.png)
यह भी पढ़ें- Dhurandhar एक्टर अर्जुन रामपाल ने की सगाई, बिना शादी के हैं 2 बच्चों के पिता
अब लगभग 4 दशकों बाद 2025 में आदित्य धर की फिल्म धुरंधर बिल्कुल वैसी ही चाल चलती है। बस इस बार चारा पाकिस्तान है। धुरंधर को एक जोश भरी देशभक्ति वाली बदले की कहानी के तौर पर खूब देखा जा रहा है, जिसमें भारत चुपके से पाकिस्तान के अंडरवर्ल्ड में घुसता है और 26/11 से जुड़े ISI समर्थित आतंकी नेटवर्क को खत्म करता है।
क्या धुरंधर पर उल्टी साबित हुई ये स्ट्रैटजी?
दर्शक इस बेखौफ बदले की सुकून भरी कहानी देखने के लिए थिएटर में आ रहे हैं और इंडियन एजेंट की हीरोपंती पर तालियां बजा रहे हैं, स्क्रीन पर पाकिस्तान की बेइज्जती का मजा ले रहे हैं, दुश्मन की हर गोली और उसे ढेर करने का लुत्फ उठा रहे हैं। लेकिन असल में वे बाहर निकलकर किस चीज के बारे में सोचते हैं? इसमें ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं क्योंकि पूरा सोशल मीडिया अक्षय खन्ना के किरदार रहमान डकैत की रील्स और पोस्ट से भरा हुआ है। वह स्लो-मोशन में काले सूट में चलना, सिर काटने और मां को मारने वाली बेफिक्री, डरावने डायलॉग और स्वैग दर्शकों को प्रभावित कर रहे हैं। जो माउथ पब्लिसिटी का काम भी कर रहा है।
-1765699636808.png)
यह राज कपूर की बात का उल्टा है, उन्हें पाकिस्तान से नफरत करने दो और भारत की जीत पर खुश होने दो, वे बाहर जाकर पाकिस्तानी विलेन को याद करेंगे। फिल्म बनाने वाले जरूर हंस रहे होंगे क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ एक टॉक्सिक फैंटेसी बनाई और दर्शकों ने उनके विलेन को अपना 2025 का पसंदीदा बना लिया।
-1765699646037.jpg)
हीरो से ज्यादा विलेन को मिली पहचान
अक्षय खन्ना का किरदार बहादुर, बोलने में माहिर, विद्रोही, स्टाइलिश है भले ही उसका इरादा गलत है लेकिन वह इतना पावरफुल है कि लोग पहले से तय हीरो से ज्यादा उनकी तारीफ कर रहे हैं। अब अगर हम राज कपूर वाले उदाहरण की बात करें तो सवाल उठता है कि क्या दर्शक जीनत को देखने आ रहे हैं या फिल्म की आत्मा को? और इसी तरह डकैत का क्रेज धुरंधर की कहानी से ज्यादा दिखता नजर आ रहा है। भले ही विलेन का इरादा गलत हो लेकिन उसका शानदार पोट्रेट दर्शकों को खूब भा रहा है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।