Dharmendra के करियर का ये इत्तेफाक कर देगा हैरान, एक ही टाइटल वाली दो फिल्में चार बार करने का अनोखा रिकॉर्ड
Dharmendra Classic Films Title Used In Flop Films धर्मेंद्र ने कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया है। एक तरफ उन्होंने शोले की तो दूसरी तरफ सत्यकाम। बतौर कलाकार धर्मेंद्र की रेंज कमाल की रही है। उन्होंने एक्शन करने के साथ ऐसी फिल्में भी कीं जिनमें अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया।
नई दिल्ली, जेएनएन। धर्मेंद्र को हिंदी सिनेमा का मुकम्मल कलाकार माना जाता है। उन्होंने अपने छह दशक लम्बे करियर में तकरीबन हर तरह की फिल्म की, जिनमें एक्शन, ड्रामा, रोमांस, सब शामिल है। पर्दे के हीमैन का एक दिलचस्प रिकॉर्ड भी है, जब उन्होंने एक टाइटल वाली दो फिल्में कुछ सालों के अंतराल पर चार बार कीं।
पत्थर और पायल 1974 VS पत्थर और पायल 2000
1974 में आयी धर्मेंद्र की फिल्म पत्थर और पायल हिंदी सिनेमा की क्लासिक फिल्मों में शामिल है। 13 अगस्त को रिलीज हुई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी हिट रही थी और धर्मेंद्र के यादगार अभिनय के लिए जानी जाती है। हरमेश मल्होत्रा निर्देशित पत्थर और पायल, धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की जोड़ी की यादगार फिल्मों में भी शामिल है।
यह फिल्म नेगेटिव किरदार में विनोद खन्ना के बेहतरीन अभिनय के लिए भी याद की जाती है। इस 'पत्थर और पायल' को तो सब जानते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि धर्मेंद्र की एक और 'पत्थर और पायल' साल 2000 में भी आयी थी। 1974 वाली फिल्म जितनी बड़ी हिट थी, इसके 26 साल बाद आयी दूसरी फिल्म उतनी ही बड़ी असफलता थी।
यह धर्मेंद्र के करियर की उन फिल्मों में शामिल है, जिसे उनके फैंस बिल्कुल याद नहीं रखना चाहेंगे। दरअसल, यह वो दौर था, जब धर्मेंद्र बी-ग्रेड की फिल्मों में काम करने लगे थे। फिल्म में हेमंत बिरजे ने लीड रोल निभाया था। दोनों ही फिल्में डकैतों पर आधारित थीं।
बेगाना 1963 VS बेगाना 1986
धर्मेंद्र इंडस्ट्री के अकेले ऐसे अभिनेता हैं, जिन्होंने चार बार एक ही टाइटल की अलग-अलग फिल्मों में काम किया और सभी में मुख्य भूमिकाएं निभायीं। 1963 में उनकी फिल्म बेगाना आयी थी। सदाशिव राव निर्देशित यह एक फैमिली ड्रामा फिल्म थी। इसके बाद 1986 में धर्मेंद्र ने एक बार फिर बेगाना में काम किया, जो रिवेंज ड्रामा फिल्म थी। इसका निर्देशन अम्बरीश सांगल ने किया था। यह वो दौर था, जब धर्मेंद्र जमकर एक्शन फिल्में कर रहे थे।
बाजी 1968 VS बाजी 1986
1968 में आयी धर्मेंद्र की बाजी थ्रिलर फिल्म थी। मोनी भट्टाचार्जी निर्देशित फिल्म में धर्मेंद्र पुलिस अफसर बने थे। वहीदा रहमान फीमेल लीड रोल में थी। इसके बाद 1984 में एक और बाजी आयी, जिसमें मिथुन चक्रवर्ती और रेखा ने धर्मेंद्र के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर कया था। यह वाली बाजी एक्शन फिल्म थी और संयोग से धर्मेंद्र ने इसमें भी पुलिस अफसर का रोल निभाया था। दूसरी बाजी का निर्देशन राज एन सिप्पी ने किया था।
लोहा 1987 VS लोहा 1997
राज एन सिप्पी की 1987 में आयी मल्टीस्टारर फिल्म लोहा हिट रही थी। इसके दस साल बाद 1997 में कांति शाह ने भी लोहा टाइटल से फिल्म बनायी, जो फ्लॉप रही थी और धर्मेंद्र की उन फिल्मों में शामिल है, जो बिल्कुल याद करने के लायक नहीं हैं। वैसे, इस फिल्म में धर्मेंद्र के साथ मिथुन चक्रवर्ती भी नजर आये थे। गोविंदा और मनीषा कोईराला ने कैमियो किये थे।
कई साल पहले हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में यह चलन खूब रहा था, जब किसी स्थापित कलाकार की हिट या चर्चित फिल्म के टाइटल को नई कहानी और किरदारों के साथ दोबारा इस्तेमाल किया गया हो। सम्भवत: इसका मकसद उस टाइटल की लोकप्रियता को कैश करना होता था, ताकि अभिनेता के कद्रदान उससे जुड़ सकें। हालांकि, बहुत कम मामलों में देखा गया है कि फिल्में बॉक्स ऑफिस पर भी सफल रही हों। (All Photos- Wikipedia, IMDb)
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