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    Dara Singh Death anniversary: जब पर्दे के हनुमान ने लक्ष्मण को रियल लाइफ में बचाया था, जानें क्या है वो किस्सा

    By Aditi YadavEdited By: Aditi Yadav
    Updated: Tue, 11 Jul 2023 06:30 PM (IST)

    Dara Singh Death anniversary दीदार सिंह रंधावा यानी दारा सिंह को असली पहचान 80 के दशक में रामायण से मिली। उन्होंने रामानंद सागर की रामायण में हनुमान का किरदार निभाया था। दारा सिंह ने हनुमान के किरदार में इस कदर जान फूंकी थी कि हर कोई उन्हें हनुमान समझकर पूजने लगा था। इसी से जुड़ा एक किस्सा रामायण सीरियल में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने सुनाया था।

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    Dara Singh Death anniversary Photo Credit Instagram

    नई दिल्ली, जेएनएन। Dara Singh Death anniversary: दारा सिंह यानी दीदार सिंह रंधावा पंजाब के ऐसे पहलवान जिन्होंने दुनियाभर में अपना नाम कमाया। छोटे पर्दे से लेकर फिल्मी पर्दे पर उन्होंने एक से बढ़कर एक किरदार निभाए, लेकिन उन्हें असली पहचान 80 के दशक में 'रामायण' से मिली। उन्होंने रामानंद सागर की 'रामायण' में हनुमान का किरदार निभाया था।

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    दारा सिंह ने हनुमान के किरदार में इस कदर जान फूंकी थी कि हर कोई उन्हें हनुमान समझकर पूजने लगा था। इसी से जुड़ा एक किस्सा रामायण सीरियल में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने सुनाया था। सुनील ने एक इंटरव्यू में बताया था कैसे रील लाइफ में हनुमान का किरदार निभाने वाले दारा सिंह ने रियल लाइफ में हनुमान बनकर उन्हें बचाया था।

    जब दारा जी ने रियल लाइफ में सुनील को बचाया

    सभी जानते हैं कि दारा जी बेहद संजीदा और जिंदादिल आदमी थे। उनके कई किस्से उनके चाहने वालों के पास हैं। इन्हीं में से एक किस्सा सुनील ने भी साझा किया था उन्होंने बताया था कि, हम 'रामायण' सीरियल के सिलसिले में पहली बार देश से बाहर केन्या गए थे। वहां मैनें और दारा जी ने शॉपिंग की थी।

    दारा सिंह जी ने मॉल से मेरी लिए एक बैग खरीदा था। हम उस बैग को हाथ में पकड़े वापस जा रहे थे। दारा सिंह जी मेरे आगे चल रहे थे। तभी, पीछे से एक चोर आया और मेरे हाथों से बैग छीनकर भागने लगा। मेरे शोर मचाने पर दारा जी पलटे और उन्होंने चोर को पकड़कर जमीन पर पटक दिया और इस तरह उन्होंने मेरा बैग चोरी होने से बचा लिया।

    आगे सुनील ने बताया था कि, उन्होंने आज भी उस बैग को अपने पास संभाल कर रखा है। सुनील कहते हैं कि यह महान दारा सिंह जी की दी हुई निशानी है और इसलिए मेरे लिए यह बैग बहुत कीमती है। यह इकलौता किस्सा नहीं है। उनके साथ काम करने वालों के पास उनसे जुड़े बहुत से किस्से हैं, जो उनकी महानता का परिचायक हैं।

    दुनिया भर में बजाया था भारतीय पहलवानी का डंका

    1959 में उन्होंने सबसे पहले ‘कॉमनवेल्थ चैंपियन’ जीता था। इसके बाद उन्होंने ‘बिल वर्ना’, ‘फ़िरपो जबिस्जको’, ‘जॉन दा सिल्वा’, ‘रिकिडोजन’, ‘डैनी लिंच’ और ‘स्की हाय ली’ जैसे धाकड़ पहलवानों को धूल चटाई। उन्होंने दुनिया भर में भारतीय पहलवानी का डंका बजाया था। कहते हैं दारा सिंह ने अपने जीवन काल में 500 से अधिक कुश्तियां लड़ीं थीं।

    दिल का दौरा पड़ने से हुआ था निधन

    मुंबई स्थित आवास पर 7 जुलाई 2012 को दिल का दौरा पड़ने के बाद दारा सिंह कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल मुंबई में भर्ती कराया गया था। 12 जुलाई 2012 को उनका निधन हो गया।

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