'गजनी' बनते-बनते रह गए Salman Khan, इस तरह आमिर खान के हाथ लगी थी फिल्म
बोनी कपूर ने याद किया कि वह गजनी के हिंदी रीमेक के लिए सलमान खान को लेना चाहते थे। आइए जानते हैं आखिरकार क्यों भाईजान के हाथ से गई गजनी? ...और पढ़ें

सलमान खान को गजनी में कास्ट करना चाहते थे बोनी कपूर
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। प्रोड्यूसर बोनी कपूर का सलमान खान के साथ प्रोफेशनल रिश्ता दो दशक से भी ज्यादा पुराना है, जिसकी शुरुआत 1999 में 'सिर्फ तुम' से हुई थी। पिछले कुछ सालों में इस जोड़ी ने 'नो एंट्री' (2005) और 'वांटेड' (2009) जैसी बड़ी बॉक्स-ऑफिस हिट फिल्मों में साथ काम किया। हालांकि, उन्होंने जितने भी प्रोजेक्ट्स पर बात की, वे सभी पूरे नहीं हो पाए। हाल ही में एक इंटरव्यू में, बोनी ने बताया कि उन्होंने एक बार सोचा था कि सलमान खान 'गजनी' के हिंदी रीमेक में लीड रोल करेंगे लेकिन यह फिल्म आखिरकार आमिर खान को मिली।
तेरे नाम की वजह से सलमान का आया ख्याल
एक इंटरव्यू में बात करते हुए बोनी कपूर ने बताया कि उन्हें क्यों लगता था कि आमिर खान के रोल के लिए सलमान एक आइडियल चॉइस होते। तेरे नाम से तुलना करते हुए उन्होंने कहा, 'तेरे नाम के पहले हाफ में सलमान के बाल लंबे थे, लेकिन इंटरवल के बाद वाले हिस्सों में, जब वह मानसिक रूप से बीमार लोगों के आश्रम में थे, तो उन्होंने अपना सिर मुंडवा लिया था। मुझे लगा कि अपनी फिट बॉडी और छोटे बालों के साथ, वह गजनी में सूर्या के रोल के लिए एकदम सही रहेंगे'। बोनी के अनुसार सलमान की फिजिक और स्क्रीन प्रेजेंस फिल्म के लिए जरूरी इंटेंस कैरेक्टर आर्क के साथ एकदम सही बैठती थी।
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गजिनी के राइट्स हाथ से कैसे निकल गए
बोनी ने रीमेक राइट्स हासिल करने में आई मुश्किलों के बारे में बताया, 'मेरे साउथ के रिप्रेजेंटेटिव ने हिंदी रीमेक राइट्स के लिए प्रोड्यूसर से संपर्क किया। सेलम चंद्रशेखरन ने उन्हें बताया कि वे अल्लू अरविंद को कोलैटरल के तौर पर दिए गए थे। लेकिन वह दोनों को पैसे देकर राइट्स खरीद सकते थे'। फिर उन्होंने मधु मंटेना की ओर रुख किया, जिनका अल्लू अरविंद के साथ करीबी रिश्ता था, 'मधु मुझे भरोसा दिलाते रहे, 'हो जाएगा।'

आमिर को कैसे मिली फिल्म
हालांकि, जब गजनी एक्टर प्रदीप रावत के जरिए आमिर खान तक पहुंची तो मामला बदल गया, 'लगभग छह महीने तक, जब वह इस बात पर सोच रहे थे कि उन्हें गजनी का हिंदी रीमेक करना है या नहीं, मधु मुझे लटकाते रहे। जब आमिर आखिरकार मान गए, तो मधु मंटेना और अल्लू अरविंद ने खुद फिल्म प्रोड्यूस करने का फैसला किया और मैं पीछे रह गया। आज भी उस मौके को गंवाने का पछतावा होता है'।

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