'किसी को बताना नहीं मैं तुम्हारा बाप...' Ajit Khan ने दी थी बेटे को चेतावनी, बेटा बोला- 'पिता को डर था'
हामिद अली खान के नाम से जन्मे अभिनेता अजीत बॉलीवुड के स्वर्णिम काल के सबसे मशहूर खलनायकों में से एक हैं। उन्होंने कालीचरण (1976) ज़ंजीर (1973) और यादों की बारात (1973) जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया। उनके बेटे शहजाद खान ने जब बॉलीवुड में कदम रखा तो उन्हें ये उम्मीद थी कि उन्हें अपने पिताजी के इंडस्ट्री में होने का फायदा मिलेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

एंटरटेनमेंट डेस्क,नई दिल्ली। ऐसी दुनिया में जहां स्टार किड्स को उनके फैमिली कनेक्शन और लिगेसी के लिए जाना जाता है वहां एक महान खलनायक ने अलग ही रास्ता चुना। 1970 के दशक के सिनेमा के सौम्य और तीखे तेवर वाले खलनायक अजीत,जिन्हें “शेर” के उपनाम से भी जाना जाता है इसका उदाहरण है। बाप-बेटे की इस जोड़ी ने खलनायक का किरदार निभाकर खूब सुर्खियां बटोरीं।
अजीत ने बेटे की मदद से किया इनकार
एक्टर ने अपनी डायलॉग डिलीवरी और अलग अंदाज से बहुत जल्द दर्शकों के बीच अपनी जगह बनाई, लेकिन अपने बेटे की मदद करने से साफ इनकार कर दिया।
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बेटे को नहीं मिलने दिया फायदा
अजीत खान के बेटे शहजाद खान ने इस बारे में खुलासा किया। एक्टर को अंदाज अपना अपना में उनकी कॉमिक टाइमिंग और कयामत से कयामत तक जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है। एक्टर ने बताया कि इस रिलेशन का उनको बॉलीवुड में करियर बनाने में कोई फायदा नहीं मिला।
शहजाद को खुद बनाने दिया अपना करियर
लहरें रेट्रो को दिए इंटरव्यू में शहजाद ने कहा,“मुझे अपने अभिनय करियर के बारे में अपने पिता से कभी कोई समर्थन नहीं मिला।” अजीत का जन्म हामिद अली खान के रूप में हुआ था। बॉलीवुड के स्वर्णिम युग में वो एक बहुत बड़ी हस्ती थे, लेकिन जब उनके बेटे ने उनके जैसा बनने की इच्छा जताई, तो उन्होंने स्पष्ट मना कर दिया। उन्होंने कहा कि शहजाद को अपना करियर खुद बनाना होगा और इसके लिए वो कोई सिफारिश नहीं लगाएंगे और ना ही कोई विशेष परिचय आदि देंगे।
अजीत खान ने क्या रखी थी शर्त
शहजाद ने याद करते हुए कहा,"उन्होंने मुझसे कहा कि वे मेरे लिए कभी कोई फिल्म नहीं बनाएंगे। पिताजी ने मुझसे कहा कि वो मुझे किसी निर्देशक या निर्माता के पास नहीं भेजेंगे। वो चाहते थे कि मैं अपने रिश्ते को पूरी तरह से छिपा लूं।" ऐसे समय में जब नेपोटिज्म बॉलीवुड पर हावी है, अजीत का ये फैसला प्रोफेशनल डिटेचमेंट की साफ झलक दिखाता है।
अब आप ही बताइए कि इंडस्ट्री में इतना अच्छा प्रभाव रखने वाला कोई व्यक्ति चुप्पी क्यों बनाए रखेगा। शहज़ाद के पास एक थ्योरी है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मेरे पिता थोड़े असुरक्षित थे।" "उन्हें डर रहा होगा कि अगर मैं उनके मानकों पर खरा नहीं उतरा, तो इससे उनकी विरासत धूमिल हो सकती है।
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