The Diplomat के आखिरी सीक्वेंस में Sadia Khateeb को हुआ था इमोशनल ब्रेकडाउन, इस कारण हुआ मानसिक तनाव
द डिप्लोमैट (The Diplomat) फिल्म में सादिया खतीब (Sadia Khateeb) के काम की सराहना हुई। जॉन अब्राहम की फिल्म में काम करने के अनुभव को लेकर उन्होंने अब बात की। साथ ही खुलासा किया कि इस मूवी के एक सीन को शूट करने के दौरान इमोशनल ब्रेकडाउन हुआ था। आइए जानते हैं कि उन्होंने इस बारे में क्या कुछ कहा है।

स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। विधु विनोद चोपड़ा निर्देशित फिल्म ‘शिकारा’ से अभिनय सफर की शुरुआत करने वाली सादिया खतीब (Sadia Khateeb) अक्षय कुमार के साथ ‘रक्षा बंधन’ व हालिया प्रदर्शित ‘द डिप्लोमैट’ में जान अब्राहम के साथ नजर आ चुकी हैं। संघर्ष को अहमियत देने वाली सादिया ने स्मिता श्रीवास्तव के साथ साझा किए विचार...
अभिनेत्री बनने के बाद जिंदगी में कितना बदलाव आया है?
एक्टर बनने के बाद जिंदगी में काम आ गया। पहले काम किया नहीं था। ‘शिकारा’ पहला काम था। लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि ‘द डिप्लोमैट’ के बाद क्या बदला तो मैं उनसे यही कह रही हूं कि हर चीज को प्रोसेस करने में समय जा रहा है। थोड़ा व्यस्त हो गई हूं, जिसकी आदत नहीं है मुझे।
‘शिकारा’ के बाद आपने चुनिंदा काम ही किया
‘शिकारा’ के बाद कोविड आ गया था। तमाम पाबंदियों में काम हो रहा था। दूसरे लाकडाउन में ‘रक्षा बंधन’ साइन की। इसके प्रदर्शन के अगले महीने ही ‘द डिप्लोमैट’ शुरू कर दी थी तो ऐसा कभी नहीं रहा कि काम नहीं था, मगर हां, मेरी कोशिश फिल्मों की बेहतर गुणवत्ता के आधार पर विशेष फिल्में करने की रही है। कहते हैं कि सब्र का फल मीठा होता है। वह अब दिख रहा है।
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सच बताऊं तो इमोशनल ब्रेकडाउन सिर्फ उज्मा का पात्र निभाते हुए हुआ था। जब आखिरी वाला सीक्वेंस था। उसमें घरेलू हिंसा, दुष्कर्म का सीक्वेंस मानसिक रूप से परेशान करने वाला था। वह खत्म होने के बाद भी मानसिक रूप से परेशान रही। हालांकि इस सीक्वेंस को हमने सबसे आखिर में शूट किया था। बाकी पिछली दो फिल्मों में लगा कि पानी की तरह बह गया।
जान अब्राहम की तो भूगोलीय राजनीति में काफी दिलचस्पी है। कश्मीर पर कुछ बात होती थी... (चौंकते हुए) नहीं। मैंने उन्हें कई इंटरव्यू में जियो पालिटिकल मुद्दे पर बात करते देखा है, लेकिन मेरी इस विषय में खास दिलचस्पी नहीं है।
अक्षय कुमार के साथ अभिनय का अनुभव कैसा रहा था?
‘रक्षा बंधन’ पारिवारिक फिल्म थी तो हमने ब्रेकफास्ट से लेकर डिनर सब साथ में किया था। फैमिली फिल्म में आप मस्ती ही करेंगे। अक्षय सर ने यह सुनिश्चित किया था कि भाई-बहन की कहानी है तो घर का माहौल भी वैसा हो।
मेरे लिए सबसे ज्यादा मान्यता सिर्फ मेरे पापा की है। उन्हें मेरा काम अच्छा लगना चाहिए। वह मेरे सबसे बड़े आलोचक हैं। मम्मा कूल हैं। जब मुझसे पूछा जाता है कि आपके गाडफादर कौन हैं? तो मैं कहती हूं मेरे फादर और कौन! बाकी फिल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग डायरेक्टर इंदु शर्मा, जिन्होंने मुझे लांच किया, उन्हें अपनी फिल्म जरूर दिखाती हूं।
असल जिंदगी में आपने कौन सा साहसी काम किया?
मैं ऐसी हूं, जो किसी भी माहौल में हार नहीं मान सकती। उज्मा ताहिर से तंग हो के भागी थी, मगर मैं उसका खात्मा करके भागती। बाकी मेरे स्तर पर छोटी-छोटी कहानियां हैं, जहां मैंने बहादुरी का प्रदर्शन किया है और ना बोलना भी सीखा है।
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