Divya Dutta के लिए आसान नहीं था एक्ट्रेस बनना, Yash Raj Films से पहला रोल मिलने पर मां की सलाह ने दी हिम्मत
अपने संजीदा अभिनय से हर किसी का दिल जीत लेने वाली जानी-मानी अदाकारा दिव्या दत्ता को आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। एक्ट्रेस ने अपने करियर में कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया है। हाल ही में उन्होंने अपनी डेब्यू फिल्म वीर-जारा और यश राज के साथ पहली मुलाकात को याद करते हुए जागरण के साथ खास बातचीत की।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। भाग मिल्खा भाग, वीर जारा, मंटो जैसी फिल्मों में अपने शानदार अभिनय से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री दिव्या इंडस्ट्री की टैलेंटेड एक्ट्रेस में से एक मानी जाती हैं। उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक रोल पर काम किया है। हालांकि उनका सपना लीड एक्ट्रेस बनना था लेकिन उनकी शुरुआत साइड रोल से हुई जिस पर उन्होंने सालों बाद खुलकर बात की है। आइए जानते हैं कैसे मिली उन्हें पहली फिल्म।
‘इश्क में जीना इश्क में मरना’ से शुरुआत
हिंदी सिनेमा में दो दशक से एक्टिव अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने यूं तो साल 1994 में फिल्म ‘इश्क में जीना इश्क में मरना’ से हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया था, लेकिन वह करीब 20 साल पहले आई क्लासिक यश चोपड़ा निर्देशित फिल्म ‘वीर जारा’ को भी एक तरह से अपनी डेब्यू फिल्म मानती हैं।
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इस बारे में दिव्या का कहना है, ‘जब मैं फिल्म इंडस्ट्री में आई थी, तो मैं यश चोपड़ा की हीरोइन बनना चाहती थी। मेरा सपना था कि यश चोपड़ा मुझे लांच करें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इंडस्ट्री में आने के छह-सात साल बाद मुझे ‘वीर जारा’ मिली।'
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यशराज फिल्म्स में रोल मिलने के बाद ये थी टेंशन
जब मुझे इस फिल्म के लिए यशराज फिल्म्स में मिलने बुलाया गया था, तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जब फिल्म की कहानी सुनाई जा रही थी, तो मेरी एक तरफ यश अंकल (यश चोपड़ा) और दूसरी तरफ आदि (आदित्य चोपड़ा) बैठे थे। कहानी सुनने के बाद मैंने उनसे कहा कि यह तो बहुत सुंदर कहानी है। फिर उन्होंने बताया कि इसमें शाह रुख खान, अमिताभ बच्चन, प्रिटी जिंटा, रानी मुखर्जी, हेमा मालिनी और मनोज बाजपेयी हैं। मेरा इसमें शब्बो का रोल है। उस समय मेरे दिमाग में था कि अगर इस समय यह रोल किया, तो कहीं मुझे ताउम्र ऐसे ही रोल न करने पड़ें।
मां की एक सलाह ने बना दिया करियर
उस समय यशराज फिल्म्स देश के सबसे बड़े प्रोडक्शन हाउस में से एक था। यश जी की फिल्में पूरी फिल्म इंडस्ट्री के लिए लैंडमार्क होती थीं। तब मां ने एक बात कही थी कि बेटा इतना अच्छा काम करो कि लोग पूछें ये लड़की कौन है? उनकी बातों से मुझे एक अनूठी ऊर्जा और सेट पर हमेशा सीखते रहने की भूख मिली। फिर जब फिल्म का प्रीमियर हुआ और मैं इंटरवल के बाद बाहर आई, तो मैं जिंदगी में पहली बार लोगों से घिरी हुई थी, लोग मेरे बारे में बातें कर रहे थे।
मैंने पहली बार स्टारडम का स्वाद चखा। मेरे लिए यह बहुत ही अप्रत्याशित, लेकिन एक तरह से यश चोपड़ा की तरफ से एक नया लांच था। मेरे लिए इस फिल्म और उसके सेट पर काम करने की यादें बहुत खास है।’
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