नई दिल्ली, जेएनएन। फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप एक ऐसे वाहिद शख्स हैं जो सोशल मीडिया पर बड़े-बड़े पंगे लेते हैं। वो कभी देश के हालात पर तो कभी फिल्म इंडस्ट्री में से ही किसी पर हमला करने को लेकर हमेशा से ही खबरों में बने रहते हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि वो तीन साल से डिप्रेशन में थे और उन्हें इससे बाहर निकलने के लिए रिहैब सेंटर तक जाना पड़ा। हालांकि वो अब ठीक हैं और अपनी कहानी दुनिया को बताना चाहते हैं।
अनुराग कश्यप का छलका दर्द
पिछले दिनों अनुराग कश्यप मोरक्को के माराकेच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अपनी लेटेस्ट फिल्म ऑलमोस्ट लव विद डीजे मोहब्बत की स्क्रीनिंग के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में बताया कि कैसे उन्होंने तीन साल से अधिक समय तक डिप्रेशन का सामना किया और अब अंत में अपनी कहानियां सुनाने के लिए वापस आ गए हैं।
3 साल तक डिप्रेशन में थे फिल्ममेकर
गैंग्स ऑफ वासेपुर के निर्देशक ने इंटरव्यू में बताया कि कैसे वह गंभीर अवसाद में चले गए थे लेकिन काम करना नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि उन्होंने तब भी काम करना चुना जब वह अपने जीवन के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे थे। फिल्म मेकर और एक्टर ने कहा कि उन्होंने ट्विटर भी छोड़ दिया था इन सबसे बाहर निकले के लिए।
बेटी को मिलने लगी थी धमकियां
'यह वह समय था जब मैंने ट्विटर छोड़ दिया क्योंकि मेरी बेटी को ट्रोल किया जाने लगा, उसे दुष्कर्म की धमकियां मिलने लगीं और उसे एनजाइटी के दौरे पड़ने लगे'। 'तो, मैं अगस्त 2019 में ट्विटर से दूर हो गया और मैं पुर्तगाल चला गया। मैं लंदन में इसकी शूटिंग कर रहा था और फिर, जब जामिया मिलिया की पूरी घटना हुई, तो मैं भारत वापस आ गया। मैं ऐसा था, 'ये मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा है, कोई कुछ बोल नहीं रहा है। मैंने ट्विटर पर फिर से लिखना शुरू किया।'

इतने साल बाद बताई सच्चाई
अनुराग कश्यप ने कहा कि उन्होंने अपने माता-पिता और बेटी को मिल रही धमकियों के कारण 2019 में अपना आधिकारिक ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिया था। वह सोशल मीडिया पर सबसे मुखर बॉलीवुड हस्तियों में से एक रहे हैं। कुछ समय पहले ही हार्ट अटैक के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसके बाद डॉक्टर्स ने उनकी एनजियोप्लास्टी की थी।
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